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बुंदेलखंड के 800 तालाबों को मिलेगा जीवनदान, मनरेगा से होंगे पुनर्जीवित

बुंदेलखंड क्षेत्र के 800 तालाबों को प्रदेश सरकार पुनर्जीवित करने जा रही है. यह काम मनरेगा के तहत किया जायेगा, जिससे श्रमिकों को रोजगार मिलेगा.

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Published : Feb 15, 2021, 9:05 AM IST

Updated : Feb 15, 2021, 9:50 AM IST

ponds of Bundelkhand will revive
तालाबों को किया जायेगा पुर्नजीवित

भोपाल। जल संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध बुंदेलखंड के 800 तालाबों को प्रदेश सरकार पुनर्जीवित करने का अभियान शुरू करने जा रही है. यह काम मनरेगा की राशि से होगा. इससे श्रमिकों को रोजगार मिलेगा. वहीं बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की समस्या दूर होगी.

मनरेगा के तहत मध्य प्रदेश में 57 हजार से ज्यादा जलसंरचनाओं को निर्माण किया गया है. 2 हजार करोड़ रुपए की लागत से निर्माण जल संरचनाओं से 95 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई का रकबा बढ़ गया है.

सूखे से जूझता है बुंदेलखंड

बुंदेलखंड क्षेत्र जल संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध रहा है. माना जाता है कि 8वीं सदी में चंदेल राजाओं और फिर इसके बाद बुंदेलों, गौड़ राजाओं, मराठाओं और अंग्रेजों तक ने बुंदेलखंड में जल अभाव को देखते हुए 10 हजार से ज्यादा तालाबों और बावड़ियों का निर्माण कराया था. हालांकि देखरेख के अभाव और भूमि पर अतिक्रमण के चलते तालाबों का अस्तित्व खत्म होता चला गया.

ponds of Bundelkhand will revive
तालाबों को किया जायेगा पुर्नजीवित

चंदेल कालीन तालाबों की खासियत यह थी कि यह आपस में जुड़े होते थे. एक तालाब के ओवरफ्लो होने पर पानी दूसरे तालाब तक पहुंच जाता था. हालांकि अतिक्रमण के चलते लिंक टूटती गई और कई तालाब सूखते चले गए.

विंध्य-बुंदेलखंड को आजाद करे सरकार!

प्रदेश सरकार अब पुर्नजीवित करेगी
मनरेगा के तहत बड़ी संख्या में जल संरचनाओं के निर्माण के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने यह अभियान जारी रखने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने बुंदेलखंड के 800 तालाबों को पुनर्जीवित करने के लिए अभियान चलाने के लिए कहा है. मनरेगा के तहत इन तालाबों को पुनर्जीवित किया जाएगा. इससे बुंदेलखंड में भू-जल स्तर बढ़ेगा. साथ ही पानी की किल्लत खत्म होगी.

मनरेगा से 57000 जलसंरचनाओं का हुआ निर्माण
मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण काल के दौरान मनरेगा के तहत जलसंरचनाओं के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण काम किया है. प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश भर में 2 हजार करोड़ की लागत से 5119 तालाब, 5573 स्टाॅप डेम, 864 बावड़ियों सहित 57 हजार जल संरचनाओं का पुर्नरूद्धार और निर्माण कराया गया है.

भोपाल। जल संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध बुंदेलखंड के 800 तालाबों को प्रदेश सरकार पुनर्जीवित करने का अभियान शुरू करने जा रही है. यह काम मनरेगा की राशि से होगा. इससे श्रमिकों को रोजगार मिलेगा. वहीं बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की समस्या दूर होगी.

मनरेगा के तहत मध्य प्रदेश में 57 हजार से ज्यादा जलसंरचनाओं को निर्माण किया गया है. 2 हजार करोड़ रुपए की लागत से निर्माण जल संरचनाओं से 95 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई का रकबा बढ़ गया है.

सूखे से जूझता है बुंदेलखंड

बुंदेलखंड क्षेत्र जल संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध रहा है. माना जाता है कि 8वीं सदी में चंदेल राजाओं और फिर इसके बाद बुंदेलों, गौड़ राजाओं, मराठाओं और अंग्रेजों तक ने बुंदेलखंड में जल अभाव को देखते हुए 10 हजार से ज्यादा तालाबों और बावड़ियों का निर्माण कराया था. हालांकि देखरेख के अभाव और भूमि पर अतिक्रमण के चलते तालाबों का अस्तित्व खत्म होता चला गया.

ponds of Bundelkhand will revive
तालाबों को किया जायेगा पुर्नजीवित

चंदेल कालीन तालाबों की खासियत यह थी कि यह आपस में जुड़े होते थे. एक तालाब के ओवरफ्लो होने पर पानी दूसरे तालाब तक पहुंच जाता था. हालांकि अतिक्रमण के चलते लिंक टूटती गई और कई तालाब सूखते चले गए.

विंध्य-बुंदेलखंड को आजाद करे सरकार!

प्रदेश सरकार अब पुर्नजीवित करेगी
मनरेगा के तहत बड़ी संख्या में जल संरचनाओं के निर्माण के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने यह अभियान जारी रखने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने बुंदेलखंड के 800 तालाबों को पुनर्जीवित करने के लिए अभियान चलाने के लिए कहा है. मनरेगा के तहत इन तालाबों को पुनर्जीवित किया जाएगा. इससे बुंदेलखंड में भू-जल स्तर बढ़ेगा. साथ ही पानी की किल्लत खत्म होगी.

मनरेगा से 57000 जलसंरचनाओं का हुआ निर्माण
मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण काल के दौरान मनरेगा के तहत जलसंरचनाओं के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण काम किया है. प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश भर में 2 हजार करोड़ की लागत से 5119 तालाब, 5573 स्टाॅप डेम, 864 बावड़ियों सहित 57 हजार जल संरचनाओं का पुर्नरूद्धार और निर्माण कराया गया है.

Last Updated : Feb 15, 2021, 9:50 AM IST
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