भोपाल। एमपी में कोरोना संक्रमण की वजह से गड़बड़ाई अर्थव्यवस्था को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अर्थशास्त्रियों की समिति से सुझाव लिए. मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अर्थशास्त्रियों से रूबरू हुए सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश की मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार रोजगार और आमदनी के साधन बढ़ाकर हम अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाएंगे.
बैठक के दौरान अर्थशास्त्रियों ने अपने-अपने सुझाव मुख्यमंत्री के सामने रखे.
अर्थशास्त्रियों ने दिए यह सुझाव
- अर्थशास्त्री प्रोफेसर रथिन राय ने कृषि पशुपालन तथा निर्माण गतिविधियों को प्रारंभ करने की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभिन्न कार्य कराए जाने के लिए लगभग एक लाख करोड़ रुपए की भारत सरकार से ग्रांट की जरूरत होगी. उन्होंने बताया कि कोरोना संकट के कारण प्रदेश के राजस्व में 25 से 30 फ़ीसदी की गिरावट आएगी.
- अर्थशास्त्री सुमित बोस ने कहा कि मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए सीएसआर गतिविधियों की भी आवश्यकता होगी. यदि भारत सरकार से ग्रांट नहीं मिलती है तो बाजार से राशि लेनी होगी. उन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वितरण जरूरी बताया. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था सुधारने में राज्य सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज तथा भारत सरकार द्वारा जारी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पैकेज महत्वपूर्ण है.
- अर्थशास्त्री एपी श्रीवास्तव ने बताया कि शहरी गरीबों को रोजगार देने की जरूरत होगी छोटे व्यवसायियों को अपना व्यापार खड़ा करने के लिए राज्य सरकार से अनुदान की भी आवश्यकता होगी. ग्रामीण मजदूरों को उनके ग्राम में ही रोजगार देना होगा. उन्होंने बताया कि इस बार करीब 26000 करोड रुपए के राजस्व की हानि संभावित है. अर्थशास्त्री प्रो गणेश कुमार ने बताया कि छोटे व्यवसायियों को संरक्षण देने की जरूरत होगी. बैंकों से पैसा लेने के लिए उन्हें सब्सटेंशियल गारंटी देनी होगी.
- अर्थशास्त्रियों की समिति के समन्वयक अनुराग जैन ने बताया कि प्रदेश में कृषि डेरी और रोजगार मूलक कार्य आदि के लिए अतिरिक्त पैसे की जरूरत होगी उन्होंने बताया कि इसके लिए भारत सरकार को अनुशंसा भेजी जा रही है.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए अर्थशास्त्रियों द्वारा दिए गए सुझावों के अनुसार खर्चों में कटौती किए जाने के साथ ही भारत शासन से पैसे प्राप्त करने के पूरे प्रयास किए जाएंगे.
राज्य शासन द्वारा कोविड-19 के कारण घोषित आर्थिक पैकेज में मुख्यत 46 लाख विभिन्न पेंशन धारियों को 2 माह की पेंशन का अग्रिम भुगतान, 8 लाख 50 हजार मजदूरों को 1000 रूपए की सहायता राज्य शासन के विभिन्न विभागों के कोविड-19 की ड्यूटी में लगे कर्मियों को 50 लाख का बीमा कवर दिया जा रहा है.