ETV Bharat / state

भोपाल मेमोरियल अस्पताल के 13 डॉक्टरों ने दिया सामूहिक इस्तीफा, प्रमोशन नहीं मिलने से हैं नाराज

भोपाल मेमोरियल अस्पताल में प्रबंधन से नाराज 13 डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है. डॉक्टर प्रमोशन पॉलिसी लागू ना होने से नाराज थे.

13 doctors resign
13 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा
author img

By

Published : Jan 23, 2020, 11:51 AM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल के मेमोरियल अस्पताल में प्रमोशन नहीं मिलने से नाराज 13 डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि डॉक्टर प्रमोशन पॉलिसी लागू ना होने से नाराज थे. इसे लेकर वे लंबे समय से प्रबंधन से बातचीत कर रहे थे. लगातार प्रयास के बावजूद भी जब डॉक्टरों के प्रमोशन को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ, तो उन्होंने डायरेक्टर डॉ. प्रभा देशिकन को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, हालांकि ये सभी डॉक्टर अभी एक महीने तक अपनी सेवाएं देते रहेंगे.

जानकारी के मुताबिक इन डॉक्टरों को लंबी सेवाएं देने के बावजूद जूनियर ही रहने का भय सता रहा था. इन दिनों अस्पताल में प्रोफेसर सहित अन्य पदों पर भर्तियां चल रही हैं. इस्तीफा देने वाले सभी एसोसिएट प्रोफेसर हैं और उनका दूसरा प्रमोशन काफी समय से लंबित है. डॉक्टरों का कहना है कि प्रोफेसर के पद के लिए पहले हमारा प्रमोशन करें फिर नए प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाए, ताकि उनकी वरिष्ठता यथावत बनी रहे.

बताया जा रहा है कि सामूहिक इस्तीफे के पहले इन डॉक्टरों में ही आपस में विवाद चल रहा है, क्योंकि इस्तीफा देने के लिए सभी डॉक्टरों का नाम लिखा गया था, लेकिन कई डॉक्टरों ने इस्तीफा देने से मना कर दिया. यही वजह रही कि मात्र 13 डॉक्टरों ने ही इस्तीफे के पत्र पर अपने हस्ताक्षर कर इसे अस्पताल डायरेक्टर को सौंपा है.

बता दें कि यह अस्पताल लंबे समय से विवादों में रहा है. इसे लेकर राज्य सरकार भी केंद्र को कई बार पत्र लिख चुकी है कि इस अस्पताल का पूरा होल्ड राज्य सरकार को दिया जाए, ताकि इसकी व्यवस्थाओं को ठीक किया जा सके, क्योंकि अभी ये केंद्र सरकार के अधीन आता है. यही वजह है कि यहां पर आए दिन किसी न किसी वजह से विवाद होता रहता है. एक अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था के उद्देश्य से इस अस्पताल को भोपाल गैस पीड़ितों के लिए शुरू किया गया था.

भोपाल। राजधानी भोपाल के मेमोरियल अस्पताल में प्रमोशन नहीं मिलने से नाराज 13 डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि डॉक्टर प्रमोशन पॉलिसी लागू ना होने से नाराज थे. इसे लेकर वे लंबे समय से प्रबंधन से बातचीत कर रहे थे. लगातार प्रयास के बावजूद भी जब डॉक्टरों के प्रमोशन को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ, तो उन्होंने डायरेक्टर डॉ. प्रभा देशिकन को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, हालांकि ये सभी डॉक्टर अभी एक महीने तक अपनी सेवाएं देते रहेंगे.

जानकारी के मुताबिक इन डॉक्टरों को लंबी सेवाएं देने के बावजूद जूनियर ही रहने का भय सता रहा था. इन दिनों अस्पताल में प्रोफेसर सहित अन्य पदों पर भर्तियां चल रही हैं. इस्तीफा देने वाले सभी एसोसिएट प्रोफेसर हैं और उनका दूसरा प्रमोशन काफी समय से लंबित है. डॉक्टरों का कहना है कि प्रोफेसर के पद के लिए पहले हमारा प्रमोशन करें फिर नए प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाए, ताकि उनकी वरिष्ठता यथावत बनी रहे.

बताया जा रहा है कि सामूहिक इस्तीफे के पहले इन डॉक्टरों में ही आपस में विवाद चल रहा है, क्योंकि इस्तीफा देने के लिए सभी डॉक्टरों का नाम लिखा गया था, लेकिन कई डॉक्टरों ने इस्तीफा देने से मना कर दिया. यही वजह रही कि मात्र 13 डॉक्टरों ने ही इस्तीफे के पत्र पर अपने हस्ताक्षर कर इसे अस्पताल डायरेक्टर को सौंपा है.

बता दें कि यह अस्पताल लंबे समय से विवादों में रहा है. इसे लेकर राज्य सरकार भी केंद्र को कई बार पत्र लिख चुकी है कि इस अस्पताल का पूरा होल्ड राज्य सरकार को दिया जाए, ताकि इसकी व्यवस्थाओं को ठीक किया जा सके, क्योंकि अभी ये केंद्र सरकार के अधीन आता है. यही वजह है कि यहां पर आए दिन किसी न किसी वजह से विवाद होता रहता है. एक अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था के उद्देश्य से इस अस्पताल को भोपाल गैस पीड़ितों के लिए शुरू किया गया था.

Intro:प्रबंधन से नाराज 13 डॉक्टरों ने सौंपा अपना इस्तीफा , प्रमोशन ना मिलना बना वजह


भोपाल | राजधानी के करोंद रोड पर बना भोपाल मेमोरियल अस्पताल एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है इस बार डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से नहीं बल्कि डॉक्टरों के इस्तीफे के लिए या अस्पताल चर्चा के केंद्र में आया है दरअसल प्रबंधन की बेरुखी से नाराज होकर इस अस्पताल में काम करने वाले 13 डॉक्टरों ने एक साथ सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है यह सभी डॉक्टर प्रमोशन ना मिलने से प्रबंधन से नाराज थेBody:भोपाल मेमोरियल अस्पताल में प्रबंधन की नाराजगी की वजह से ही 13 डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है या डॉक्टर अस्पताल में प्रमोशन पॉलिसी लागू ना होने से नाराज थे और लंबे समय से प्रबंधन से बातचीत कर रहे थे लगातार प्रयास के बावजूद भी जब इन डॉक्टरों का प्रमोशन को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ तो उन्होंने डायरेक्टर डॉ प्रभा देशिकन को अपना इस्तीफा सौंप दिया है हालांकि यह सभी डॉक्टर अभी 1 महीने तक अपनी सेवाएं देते रहेंगेConclusion:डॉक्टरों ने इस्तीफे के बाद साफ कर दिया है कि अस्पताल की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है लेकिन सरकार इसको लेकर किसी भी प्रकार से कोई ध्यान नहीं दे रही है इसीलिए उनके पास इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था 1 महीने के भीतर यदि सरकार मांगों पर विचार नहीं करती है तो अस्पताल को अलविदा कह कर वे सभी लोग चले जाएंगे


जानकारी के मुताबिक इन डॉक्टरों में लंबी सेवाओं के बावजूद जूनियर ही रहने का भय सता रहा था दरअसल इन दिनों अस्पताल में प्रोफेसर सहित अन्य पदों पर भर्तियां चल रही है इस्तीफा देने वाले सभी एसोसिएट प्रोफेसर हैं और उनका दूसरा प्रमोशन काफी समय से लंबित है इन डॉक्टरों का कहना था कि प्रोफेसर के पद के लिए पहले हमारा प्रमोशन करें फिर नए प्रोफेसरों की नियुक्ति की जाए ताकि उनकी वरिष्ठता यथावत बनी रहे बताया जा रहा है कि सामूहिक इस्तीफे के पहले इन डॉक्टरों में ही आपस में विवाद चल रहा है .क्योंकि इस्तीफा देने के लिए सभी डॉक्टरों का नाम लिखा गया था लेकिन कई डॉक्टरों ने इस्तीफा देने से मना कर दिया यही वजह रही कि मात्र 13 डॉक्टरों ने ही इस्तीफे के पत्र पर अपने हस्ताक्षर कर पत्र अस्पताल डायरेक्टर को सौंपा है.


बता दें कि यह अस्पताल लंबे समय से विवादों में रहा है इसे लेकर राज्य सरकार भी केंद्र को कई बार पत्र लिख चुकी है कि इस अस्पताल का पूरा होल्ड राज्य सरकार को दिया जाए ताकि इसकी व्यवस्थाओं को ठीक किया जा सके क्योंकि अभी या केंद्र सरकार के अधीन आता है यही वजह है कि यहां पर आए दिन किसी न किसी वजह से विवाद उत्पन्न होता रहता है एक अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था के उद्देश्य से इस अस्पताल को भोपाल गैस पीड़ितों के लिए शुरू किया गया था लेकिन धीरे-धीरे सरकारों की उदासीनता के चलते इस अस्पताल में दवाइयों से लेकर डॉक्टरों तक की कमी सभी के सामने आ गई स्थिति यह हो गई है कि अभी भी इस अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है यही वजह है कि इस अस्पताल में आने वाले ज्यादातर मरीजों को डॉक्टरों के द्वारा हमीदिया अस्पताल में रेफर किया जाता है क्योंकि इस अस्पताल में मरीजों को देखने के लिए या तो डॉक्टर नहीं है या फिर इस अस्पताल में दवाइयां उपलब्ध नहीं है .
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.