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18 लाख की आबादी से सिर्फ 170 सैंपल, रिसोर्स बचाना है या बर्बादी को बुलाना!

भिंड अभी कोरोना फ्री है, इसके पीछे एक बड़ा कारण कम सैंपलिंग होना बताया जा रहा है क्योंकि भिंड जिले में 18 लाख की आबादी से सिर्फ 170 सैंपल लिए गए हैं.

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सैंपलिंग पर उठने लगे सवाल
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Published : Apr 28, 2020, 4:26 PM IST

भिंड। मध्यप्रदेश के 25 से ज्यादा जिले कोरोना की चपेट में हैं, लेकिन भिंड जिले में अभी तक एक भी कोरोना मरीज नहीं मिला है. इसके पीछे एक बड़ा कारण कम सैंपल होना बताया जा रहा है क्योंकि भिंड जिले की 18 लाख आबादी से मात्र 170 सैंपल लिए गए हैं. जिस पर स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि वह आईसीएमआर के निर्देशों के अनुसार पांच बिंदुओं के आधार पर ही सैंपल लेते हैं. व्यर्थ के सैंपल लेना जरूरत के संसाधनों को खत्म करने वाली बात है.

सैंपलिंग पर उठने लगे सवाल

जिले के लोग अब तक कोरोना के प्रकोप से बचे हैं, जिसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग भरपूर प्रयास कर रहा है, लेकिन भिंड जिला पहले ही स्वास्थ्य सुविधाओं से जूझ रहा है. डॉक्टर की कमी के अलावा यहां सुविधाओं की भी कमी है. भिंड जिले में 170 सैंपल लिए गए हैं, लेकिन सैंपल पर सवाल भी उठ रहे हैं क्योंकि 18 लाख की आबादी वाली जिले में महज 170 सैंपल लेना कई सवाल खड़े कर रहा है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार ही सैंपलिंग कर रहे हैं.

सीएमएचओ डॉ. अजीत मिश्रा ने बताया कि आईसीएमआर से 5 बिंदु बताए गए हैं, उनके आधार पर यदि किसी व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण नजर आते हैं, या कोई बाहर से आता है या ऐसी जगह से आया हो, जहां हॉटस्पाट हो अथवा किसी पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आया हो तब ही सैंपल लिया जाता है.

भिंड जिले में अब तक 450 से ज्यादा ऐसे लोग हैं. जिन्हें हमने क्वॉरेंटाइन कर रखा है और जरूरत के हिसाब से ही सैंपल की जाती है. सीएमएचओ का ये भी तर्क है कि बिना आईसीएमआर के बिंदुओं के आधार हम हर किसी का सैंपल करेंगे तो वह सारे रिसोर्सेज हम अभी खत्म कर लेंगे, जिनकी बाद में जरूरत पड़ सकती है.

भिंड जिले में अब तक 3 लाख 63 हजार 539 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, 18 से ज्यादा क्वारन्टीन सेंटर बनाये गए हैं. जहां 450 से ज्यादा लोगों को रखा गया है. साथ ही कुल 170 सैंपल भेजे गए हैं. जिनमें सिर्फ 23 रिपोर्ट आना बाकी है, बाकी सभी रिपोर्ट्स निगेटिव आयी हैं.

भिंड। मध्यप्रदेश के 25 से ज्यादा जिले कोरोना की चपेट में हैं, लेकिन भिंड जिले में अभी तक एक भी कोरोना मरीज नहीं मिला है. इसके पीछे एक बड़ा कारण कम सैंपल होना बताया जा रहा है क्योंकि भिंड जिले की 18 लाख आबादी से मात्र 170 सैंपल लिए गए हैं. जिस पर स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि वह आईसीएमआर के निर्देशों के अनुसार पांच बिंदुओं के आधार पर ही सैंपल लेते हैं. व्यर्थ के सैंपल लेना जरूरत के संसाधनों को खत्म करने वाली बात है.

सैंपलिंग पर उठने लगे सवाल

जिले के लोग अब तक कोरोना के प्रकोप से बचे हैं, जिसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग भरपूर प्रयास कर रहा है, लेकिन भिंड जिला पहले ही स्वास्थ्य सुविधाओं से जूझ रहा है. डॉक्टर की कमी के अलावा यहां सुविधाओं की भी कमी है. भिंड जिले में 170 सैंपल लिए गए हैं, लेकिन सैंपल पर सवाल भी उठ रहे हैं क्योंकि 18 लाख की आबादी वाली जिले में महज 170 सैंपल लेना कई सवाल खड़े कर रहा है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार ही सैंपलिंग कर रहे हैं.

सीएमएचओ डॉ. अजीत मिश्रा ने बताया कि आईसीएमआर से 5 बिंदु बताए गए हैं, उनके आधार पर यदि किसी व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण नजर आते हैं, या कोई बाहर से आता है या ऐसी जगह से आया हो, जहां हॉटस्पाट हो अथवा किसी पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आया हो तब ही सैंपल लिया जाता है.

भिंड जिले में अब तक 450 से ज्यादा ऐसे लोग हैं. जिन्हें हमने क्वॉरेंटाइन कर रखा है और जरूरत के हिसाब से ही सैंपल की जाती है. सीएमएचओ का ये भी तर्क है कि बिना आईसीएमआर के बिंदुओं के आधार हम हर किसी का सैंपल करेंगे तो वह सारे रिसोर्सेज हम अभी खत्म कर लेंगे, जिनकी बाद में जरूरत पड़ सकती है.

भिंड जिले में अब तक 3 लाख 63 हजार 539 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, 18 से ज्यादा क्वारन्टीन सेंटर बनाये गए हैं. जहां 450 से ज्यादा लोगों को रखा गया है. साथ ही कुल 170 सैंपल भेजे गए हैं. जिनमें सिर्फ 23 रिपोर्ट आना बाकी है, बाकी सभी रिपोर्ट्स निगेटिव आयी हैं.

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