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बैठक में कलेक्टर और कर्मचारियों के बीच बहस, कलेक्टर ने दी गिरफ्तार करवाने की धमकी

भिंड में परिवार नियोजन कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में जोरदार हंगामा हुआ. बैठक में स्वास्थ्य कर्मचारियों और कलेक्टर छोटे सिंह के बीच बहस हो गई. जिसके बाद कर्मचारियों ने जिला पंचायत भवन के बाहर जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.

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Published : Feb 8, 2020, 1:48 PM IST

Updated : Feb 8, 2020, 2:39 PM IST

Debate between the collector and employees in the meeting
बैठक में कलेक्टर और कर्मचारियों के बीच हुई बहस

भिंड। जिले में आज परिवार नियोजन कार्यक्रम की समीक्षा बैठक के दौरान जमकर हंगामा हुआ. बैठक के दौरान कर्मचारी पहले तो कलेक्टर छोटे सिंह से बहस करके मीटिंग से बाहर निकल आए और फिर जिला पंचायत भवन के बाहर जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी करते हुए खराब टैब्लेट देने का आरोप लगाया. आरोप है कि इस दौरान कलेक्टर ने कर्मचारियों को गिरफ्तार कराने की भी धमकी दी.

बैठक में कलेक्टर और कर्मचारियों के बीच हुई बहस

बता दें कि परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुष नसबंदी में भिंड जिले का स्थान पीछे के पायदान पर है. भिंड जिले को पुरुष नसबंदी में प्रदेश में 51वां स्थान मिला है. जिसके बाद आज कलेक्टर ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को बुलाकर इस कार्यक्रम की समीक्षा बैठक का आयोजन किया, लेकिन कर्मचारी पहले से ही हंगामे के मूड में थे.

वे जिला पंचायत सभाकक्ष के बाहर ही बैठक का बहिष्कार करते नजर आ रहे थे. मीटिंग शुरू होते ही कलेक्टर की ना सुनते हुए कर्मचारियों ने अपनी मांगें कलेक्टर के सामने रख दीं, जिस पर कलेक्टर और कर्मचारियों के बीच बहस शुरू हो गई. इस दौरान कलेक्टर ने कर्मचारियों को बर्खास्त और अरेस्ट कराने की धमकी दी. कर्मचारी भी कलेक्टर से सस्पेंड और बर्खास्त करने की बात कहते हुए सभा कक्ष से बाहर निकल गए.

इसके बाद सभी कर्मचारियों ने जिला पंचायत भवन के सामने जमकर नारेबाजी और हंगामा किया. स्वास्थ्य कर्मचारियों को गांव-गांव घर-घर जाकर नसबंदी की जानकारी देकर उसका डाटा टेबलेट के माध्यम से फीड करना होता है, जो कि जीपीएस इनेबल्ड है, लेकिन कर्मचारी गांव-गांव घर-घर ना जाकर घर बैठे ही यह काम करना चाहते हैं. अपने इसी नाकारापन को छिपाने के लिए मीटिंग से ठीक पहले उन्होंने नारेबाजी और हंगामा कर दिया.

पुरुष नसबंदी में जिले के पीछे पायदान पर रहने को लेकर कर्मचारियों का तर्क है कि यहां पर पुरुष की जगह उनकी पत्नी ऑपरेशन करा लेती है, जिस वजह से पुरुष नसबंदी नहीं कराते हैं.

भिंड। जिले में आज परिवार नियोजन कार्यक्रम की समीक्षा बैठक के दौरान जमकर हंगामा हुआ. बैठक के दौरान कर्मचारी पहले तो कलेक्टर छोटे सिंह से बहस करके मीटिंग से बाहर निकल आए और फिर जिला पंचायत भवन के बाहर जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी करते हुए खराब टैब्लेट देने का आरोप लगाया. आरोप है कि इस दौरान कलेक्टर ने कर्मचारियों को गिरफ्तार कराने की भी धमकी दी.

बैठक में कलेक्टर और कर्मचारियों के बीच हुई बहस

बता दें कि परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुष नसबंदी में भिंड जिले का स्थान पीछे के पायदान पर है. भिंड जिले को पुरुष नसबंदी में प्रदेश में 51वां स्थान मिला है. जिसके बाद आज कलेक्टर ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को बुलाकर इस कार्यक्रम की समीक्षा बैठक का आयोजन किया, लेकिन कर्मचारी पहले से ही हंगामे के मूड में थे.

वे जिला पंचायत सभाकक्ष के बाहर ही बैठक का बहिष्कार करते नजर आ रहे थे. मीटिंग शुरू होते ही कलेक्टर की ना सुनते हुए कर्मचारियों ने अपनी मांगें कलेक्टर के सामने रख दीं, जिस पर कलेक्टर और कर्मचारियों के बीच बहस शुरू हो गई. इस दौरान कलेक्टर ने कर्मचारियों को बर्खास्त और अरेस्ट कराने की धमकी दी. कर्मचारी भी कलेक्टर से सस्पेंड और बर्खास्त करने की बात कहते हुए सभा कक्ष से बाहर निकल गए.

इसके बाद सभी कर्मचारियों ने जिला पंचायत भवन के सामने जमकर नारेबाजी और हंगामा किया. स्वास्थ्य कर्मचारियों को गांव-गांव घर-घर जाकर नसबंदी की जानकारी देकर उसका डाटा टेबलेट के माध्यम से फीड करना होता है, जो कि जीपीएस इनेबल्ड है, लेकिन कर्मचारी गांव-गांव घर-घर ना जाकर घर बैठे ही यह काम करना चाहते हैं. अपने इसी नाकारापन को छिपाने के लिए मीटिंग से ठीक पहले उन्होंने नारेबाजी और हंगामा कर दिया.

पुरुष नसबंदी में जिले के पीछे पायदान पर रहने को लेकर कर्मचारियों का तर्क है कि यहां पर पुरुष की जगह उनकी पत्नी ऑपरेशन करा लेती है, जिस वजह से पुरुष नसबंदी नहीं कराते हैं.

Intro:पियूष श्रीवास्तव, रिपोर्टर, भिण्ड

भिंड जिले में आज परिवार नियोजन कार्यक्रम की समीक्षा बैठक के दौरान के कर्मचारियों द्वारा कलेक्टर छोटे सिंह से बहस के बाद बैठक का बहिष्कार कर जमकर हंगामा किया गया। इस दौरान कर्मचारियों ने पहले तो कलेक्टर से बहस करके मीटिंग से बाहर निकल आये और फिर जिला पंचायत भवन के बाहर जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी करते हुए खराब टेबलेट देने का आरोप लगाया। कर्मचारियों से बहस के दौरान कलेक्टर ने उनको अरेस्ट कराने की धमकी भी दी।Body:दरअसल परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुष नसबंदी में भिंड जिले का स्थान पीछे के पायदान पर है। भिंड जिले को पुरुष नसबंदी में प्रदेश में 51 वां स्थान प्राप्त हुआ है। जिसके बाद आज कलेक्टर ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को बुलाकर इस कार्यक्रम की समीक्षा बैठक का आयोजन किया। लेकिन कर्मचारी पहले से ही हंगामे के मूड में थे जो जिला पंचायत सभाकक्ष के बाहर ही बैठक का बहिष्कार करते नजर आ रहे थे। मीटिंग शुरू होते ही कलेक्टर की ना सुनते हुए कर्मचारियों ने अपनी मांगे कलेक्टर के सामने रख दीं। जिस पर कलेक्टर और कर्मचारियों के बीच बहस शुरू हुई। इस दौरान कलेक्टर ने कर्मचारियों को बर्खास्त और अरेस्ट कराने की धमकी दी। जिस पर कर्मचारी भी कलेक्टर से सस्पेंड और बर्खास्त करने की बात कहते हुए सभा कक्ष से बाहर निकल गए। और फिर सभी कर्मचारियों ने जिला पंचायत भवन के सामने जमकर नारेबाजी और हंगामा किया। जिस पर प्रभारी सीएमएचओ ने कर्मचारियों को समझाइश देते हुए कहा कि आप जो कर रहे हैं वो सही कर रहे हैं क्या। लेकिन कर्मचारी बोलते रहे कि कलेक्टर ने हमारे अध्यक्ष की बेइज्जती की है, वो हमें बर्खास्त करने की धमकी दे रहे हैं। जिसके बाद एक बार फिर से कर्मचारी जिला पंचायत भवन में अंदर पहुंच गएConclusion:आपको बता दें कि स्वास्थ्य कर्मचारियों को गांव-गांव घर घर जाकर नसबंदी की जानकारी देकर उसका डाटा टेबलेट के माध्यम से फीड करना होता है। जो कि जीपीएस इनेबल्ड हैं। लेकिन कर्मचारी गांव-गांव घर-घर ना जाकर घर बैठे ही यह काम करना चाहते हैं और इसी के लिए उन्होंने अपना नाकारा पन छुपाने के लिए मीटिंग से ठीक पहले नारेबाजी और हंगामा कर दिया। हालांकि पुरुष नसबंदी में जिले के पीछे के पायदान पर रहने के ऊपर कर्मचारियों का तर्क है कि यहां पर पुरुष नसबंदी की जगह उनकी महिलाएं ऑपरेशन करा लेती हैं, लेकिन अलग-अलग कारणों के चलते पुरुष नसबंदी नहीं कराते और उनकी महिलाएं भी उनको नसबंदी के लिए प्रेरित नहीं करती। जिसके चलते यहां पुरुष नसबंदी बिल्कुल ना के बराबर होती है। जिससे पुरुष नशबंदी में जिला पीछे है। इस दौरान कलेक्टर मीडिया से बिना कुछ बात किये ही निकल गए।

बाइट- राजकुमार सोनी, एनएसपीए संघ
बाइट- शिवकुमार लहारिया, स्वास्थ्य कर्मचारी

नोट- विसुअल में पहले कलेक्टर एवं कर्मचारी नेता की तीखी नोकझोंक एवं नोकझोंक के बाद धरने पर बैठे कर्मचारियों को समझाते हुए प्रभारी सीएमएचओ डॉ अजीत मिश्रा हैं।
Last Updated : Feb 8, 2020, 2:39 PM IST
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