भिंड। जिले में आज परिवार नियोजन कार्यक्रम की समीक्षा बैठक के दौरान जमकर हंगामा हुआ. बैठक के दौरान कर्मचारी पहले तो कलेक्टर छोटे सिंह से बहस करके मीटिंग से बाहर निकल आए और फिर जिला पंचायत भवन के बाहर जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी करते हुए खराब टैब्लेट देने का आरोप लगाया. आरोप है कि इस दौरान कलेक्टर ने कर्मचारियों को गिरफ्तार कराने की भी धमकी दी.
बता दें कि परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुष नसबंदी में भिंड जिले का स्थान पीछे के पायदान पर है. भिंड जिले को पुरुष नसबंदी में प्रदेश में 51वां स्थान मिला है. जिसके बाद आज कलेक्टर ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को बुलाकर इस कार्यक्रम की समीक्षा बैठक का आयोजन किया, लेकिन कर्मचारी पहले से ही हंगामे के मूड में थे.
वे जिला पंचायत सभाकक्ष के बाहर ही बैठक का बहिष्कार करते नजर आ रहे थे. मीटिंग शुरू होते ही कलेक्टर की ना सुनते हुए कर्मचारियों ने अपनी मांगें कलेक्टर के सामने रख दीं, जिस पर कलेक्टर और कर्मचारियों के बीच बहस शुरू हो गई. इस दौरान कलेक्टर ने कर्मचारियों को बर्खास्त और अरेस्ट कराने की धमकी दी. कर्मचारी भी कलेक्टर से सस्पेंड और बर्खास्त करने की बात कहते हुए सभा कक्ष से बाहर निकल गए.
इसके बाद सभी कर्मचारियों ने जिला पंचायत भवन के सामने जमकर नारेबाजी और हंगामा किया. स्वास्थ्य कर्मचारियों को गांव-गांव घर-घर जाकर नसबंदी की जानकारी देकर उसका डाटा टेबलेट के माध्यम से फीड करना होता है, जो कि जीपीएस इनेबल्ड है, लेकिन कर्मचारी गांव-गांव घर-घर ना जाकर घर बैठे ही यह काम करना चाहते हैं. अपने इसी नाकारापन को छिपाने के लिए मीटिंग से ठीक पहले उन्होंने नारेबाजी और हंगामा कर दिया.
पुरुष नसबंदी में जिले के पीछे पायदान पर रहने को लेकर कर्मचारियों का तर्क है कि यहां पर पुरुष की जगह उनकी पत्नी ऑपरेशन करा लेती है, जिस वजह से पुरुष नसबंदी नहीं कराते हैं.