भिंड। अटेर विधानसभा क्षेत्र की लंबित कनेरा उद्वहन सिचांई परियोजना को क्वारी नदी पर शिफ्ट कर बांध बनाया जा रहा है. जिसके विरोध में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सीएम के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. कांग्रेसियों की मांग है कि सरकार को कनेरा सिंचाई योजना में भ्रष्टाचारियों की जांच कराने के साथ ही योजना को स्थानांतरित करने की बजाय यथावत रख जल्द शुरुआत कराया जाना चाहिए.
दरअसल 1984 में भिंड के अटेर में शुरू की गई कनेरा उद्वहन सिंचाई परियोजना को जल संसाधन विभाग द्वारा क्वारी नदी पर शिफ्ट करने के लिए पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति का 390 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. जिसको लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सीएम के नाम ज्ञापन सौंपकर आपत्ति जताई है. ज्ञापन में बताया गया है कि कुंवारी नदी साल में 10 महीने सूखी रहती है. ऐसे में 35 फीट ऊंचा डैम बनाने का क्या औचित्य है. जबकि नदी पर हर 8 किलोमीटर पर पहले से ही स्टॉप डैम बने हुए हैं. वहीं 1984 से लंबित कनेरा योजना के नाम पर गुजरे सालों में करोड़ों रुपए बर्बाद कर दिए गए हैं. इस परियोजना का तीन बार शिलान्यास भी हो चुका है. आखरी बार साल 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिलान्यास किया था और इसके बाद करोड़ों रुपए की राशि को विभागीय अधिकारियों द्वारा खुर्द बंद कर दिया गया. जबकि योजना के प्रारंभ की प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो सकी है. साथ ही भाजपा शासनकाल में अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से करोड़ों रुपए के गबन का आरोप लगाते हुए एक बार फिर वही प्रयास द्वारा ने की बात कही गई है.
कांग्रेस ने सीएम से मांग की है कि सालों से कनेरा सिंचाई परियोजना का इंतजार है. अटेर की जनता परेशान है इसलिए कांग्रेस सरकार उन भ्रष्ट अधिकारियों की जांच कराए साथ ही उस योजना को स्थानांतरण न करते हुए उसी स्थान कनेरा में जल्द शुरू कराने का प्रयास करें.