नई दिल्ली: यूपी के संभल में हुई हिंसा पर सियासत जारी है और विपक्ष की सभी पार्टियां इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से संसद में चर्चा कराने की मांग पर भी अड़ी हैं. इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने बुधवार को संभल जाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें जाने से रोक दिया गया. राहुल-प्रियंका की इस कोशिश पर ना सिर्फ सत्ता पक्ष बल्कि इंडिया गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी के नेता ने भी इसे मात्र औपचारिकता बताई, जिसपर भाजपा ने भी कई सवाल उठाए.
इस मुद्दे पर ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना ने केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल से विशेष बातचीत की. उत्तर प्रदेश से आने वाले एसपी बघेल ने इस मुद्दे पर कहा कि संभल पहुंचने की कोशिश करना तुष्टीकरण की एक होड़ है, जबकि अभी संभल में शांति व्यवस्था कायम करना सभी पार्टियां की प्राथमिकता होनी चाहिए.
केंद्रीय मंत्री बघेल ने कहा कि संभल मामले में राहुल गांधी संभल जाने की कोशिश आखिर क्यों कर रहे, क्या वो जांच अधिकारी की जगह हैं, क्या वो डीएनए एक्सपर्ट की भूमिका में हैं, क्या वो फोरेंसिक एक्सपर्ट हैं. बघेल ने कहा कि अभी संभल में जाने की प्राथमिकता उन लोगों की ही होनी चाहिए जो जांच से जुड़े पद पर कर्मचारी या अधिकारी हैं. मगर इन पार्टियों के बीच तुष्टीकरण की होड़ लगी है और किस तरह मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण किया जाए, इसपर इंडिया गठबंधन की पार्टियां सियासत में जुट गई हैं.
राहुल गांधी के इस बयान कि अगर प्रशासन उन्हें इजाजत दे तो वो अकेले भी संभल जाकर मारे गए लोगों के परिजनों से मिल सकते हैं. इसपर केंद्रीय मंत्री बघेल ने कहा कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं और इस हैसियत से अगर वो अकेले भी जाते हैं तो उनके लिए प्रोटोकॉल और पुलिस महकमे को उनके पीछे लगना पड़ेगा, जिनकी प्राथमिकता अभी संभल में शांति व्यवस्था कायम करने की है. मगर कांग्रेस को तो इस मुद्दे पर सिर्फ सियासत करनी है, इसलिए वो दिखावा तो करेंगे ही.
इस सवाल पर कि संभल मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों में एकता नहीं दिख रही और इंडिया गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने राहुल और प्रियंका के संभल जाने को कोशिश को मात्र औपचारिकता बताया है.
केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल ने कहा कि ये तो वही बात है कि अपने वोट बैंक की सियासत के पीछे विपक्षी एकता की वास्तविकता सामने आ गई. उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां मुस्लिम तुष्टीकरण कर वोट जुटाने की कोशिश में हैं और इस वोट बैंक को चाहे वो सजवादी पार्टी हो या कांग्रेस दोनों ही अपनी तरफ खींचने की कोशिश कर रहीं. ऐसे में दोनों की हकीकत सामने आना लाजिमी है.
उन्होंने कहा कि अभी दो दिन पहले मुरादाबाद से उन्हें आगरा जाना था, मगर रास्ते में संभल पड़ रहा था तो उन्होंने वहां की शांति व्यवस्था पर कोई असर ना पड़े इसलिए अपना रास्ता बदल लिया. पहले वो 100 किलोमीटर दूर दिल्ली आए तब दिल्ली से उन्होंने आगरा का रास्ता लिया. ये बातें विपक्षी पार्टियों को भी सोचनी चाहिए कि संभल में अभी जांच जरूरी है क्योंकि कई जानकारियां सामने आई हैं जिसपर गहनता से जांच की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों के बीच मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण की होड लगी है जबकि अभी भाईचारा कायम करने में मदद करनी चाहिए.
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