हैदराबाद: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फॉर्मूला ई रेस मामले में अपनी जांच तेज कर दी है. दोनों एजेंसियां सोमवार से सिलसिलेवार प्रमुख लोगों से पूछताछ करने वाली हैं. एसीबी द्वारा दर्ज मामले में पूर्व मंत्री के.टी. रामा राव (केटीआर) मुख्य आरोपी हैं.
एसीबी द्वारा 19 दिसंबर को एफआईआर दर्ज करने के तुरंत बाद ईडी ने मामले में दखल दिया. अगले ही दिन प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दाखिल कर दी. ईडी की इस त्वरित कार्रवाई को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है.
ईडी ने 28 दिसंबर को केटीआर को समन जारी किया, जिसमें उन्हें 7 जनवरी को पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा गया. एसीबी ने भी 3 जनवरी को नोटिस जारी कर उन्हें 6 जनवरी को उपस्थित होने के लिए कहा. पार्टी सूत्रों ने पुष्टि की है कि केटीआर उनके नोटिस के अनुसार सोमवार को एसीबी के समक्ष उपस्थित होंगे. मामले से जुड़े अन्य अधिकारियों को भी समन भेजा गया है.
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार से 8 जनवरी (एसीबी द्वारा) और 9 जनवरी (ईडी द्वारा) को पूछताछ की जानी है. सेवानिवृत्त एचएमडीए चीफ इंजीनियर बीएलएन रेड्डी 10 जनवरी को एसीबी के समक्ष तथा 8 जनवरी को ईडी के समक्ष पेश होंगे.
दोहरी जांच: भ्रष्टाचार पर एसीबी, फेमा उल्लंघन पर ईडी
हैदराबाद में आयोजित फॉर्मूला ई रेस में एचएमडीए द्वारा तेलंगाना नगर प्रशासन एवं शहरी विकास विभाग (एमएयूडी) की ओर से यूके स्थित फॉर्मूला ई ऑपरेशंस (एफईओ) को ₹45.71 करोड़ का महत्वपूर्ण भुगतान किया गया. एमएयूडी के प्रधान सचिव दाना किशोर ने इन भुगतानों में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एसीबी में शिकायत दर्ज कराई.
आरोपों में शामिल हैं: एचएमडीए के अध्यक्ष मुख्यमंत्री से वित्तीय मंजूरी या मंजूरी के बिना भुगतान किया गया. यूके को फंड ट्रांसफर करने के लिए आरबीआई की अनुमति नहीं थी. आयकर की कटौती न करना, जिसके कारण एचएमडीए पर आयकर विभाग का ₹8.06 करोड़ बकाया हो गया. शिकायत में इन उल्लंघनों के पीछे संभावित गुप्त उद्देश्यों की भी जांच करने की मांग की गई है.
एसीबी इन निर्णयों में केटीआर, तत्कालीन एमएयूडी के विशेष मुख्य सचिव और एचएमडीए के पूर्व मुख्य अभियंता की कथित संलिप्तता की जांच कर रहा है. इस बीच, ईडी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत उल्लंघनों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, विदेश में स्थानांतरित किए गए धन का पता लगा रहा है और अंतिम लाभार्थियों की पहचान कर रहा है.
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