भिंड। जिले में चल रहे कोरोना कर्फ्यू का पालन सख्ती से कराया जाए और उल्लंघन करने वालों पर भी सख्ती से कार्रवाई की जाए, ये निर्देश क्राइसिस मेनेजमेंट की बैठक में प्रदेश के सहकारिता मंत्री ने कलेक्टर को दिए थे. इसके दूसरे ही दिन बाद एक बड़ी कार्रवाई प्रशासन ने शहर में की. चम्बल अंचल के मशहूर द्वारिका पेड़ा हाउस के मुख्य और मूल प्रतिष्ठान को आज तहसीलदार ने सील कर दिया है. संचालक द्वारा कोरोना कर्फ्यू के नियम विरुद्ध दुकान का संचालन किया जा रहा था.
द्वारका पेड़ा हाउस पर कार्रवाई
दरअसल जिले के समस्त नगरीय क्षेत्रों में 30 अप्रैल सुबह छह बजे तक के लिए कोरोना कर्फ्यू लागू किया गया है. इस कर्फ्यू में आम जनता की परेशानी और व्यवस्थाओं को देखते हुए फल दूध सब्जी और किराना की दुकानों के लिए नियमित 4 घंटे सुबह 7-11 तक खोलने की अनुमति दी गई है, लेकिन बावजूद इसके लगातार बाजार में भीड़ और नियमों का उल्लंघन देखा जा रहा है. कई व्यापारी कर्फ्यू के बावजूद अपनी दुकाने प्रशासन से छिपा कर खोल रहे हैं. जिन पर कार्रवाई के लिए कलेक्टर ने सभी जिम्मेदार अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हुए हैं. इसी के तहत पेट्रोलिंग के दौरान तहसीलदार प्रमोद गर्ग ने शहर की सबसे प्रतिष्ठित और बड़ी दुकान द्वारका पेड़ा हाउस पर कार्रवाई करते हुए इसे सील कर दिया.
तहसीलदार ने दुकान सील की, संचालक ने लगाया आरोप
जानकारी के मुताबिक कोरोना कर्फ्यू के बावजूद चोरी छिपे दुकान में मिठाई एवं अन्य सामग्री की बिक्री की जा रही थी. तहसीलदार प्रमोद गर्ग के मुताबिक, जब वे शहर की पेट्रोलिंग कर रहे थे इस दौरान चम्बल अंचल में मशहूर द्वारिका पेड़ा हाउस मिष्ठान की दुकान का शटर थोड़ा खुला हुआ था, जिसकी जांच की तो पाया की इस दुकान में लगातार मिठाई बनाने और बेचने का कम जारी था. जैसा की कोरोना कर्फ्यू में मिठाई की दुकान छूट के दायरे में नहीं है, बावजूद इसके संचालन पाए जाने पर दुकान को सील करने की कार्रवाई की गयी है. वहीं दुकान संचालकों ने तहसीलदार पर आरोप लगाते हुए कहा गया है की उन्होंने खुद आकर दुकान अंदर से खुलवाई और कार्रवाई दिखाते हुए मामला गलत साबित करने की कोशिश की जा रही है.
मौके पर मिली खाद्य सामग्री के भी लिए सैम्पल
दुकान में पेड़ा के अलावा घी और नमकीन की भरमार मिली है जिसपर खाद्य विभाग को भी सूचित कर मौके पर बुलाया गया. सभी खाद्य सामग्री का सैम्पल भी लिया गया है. जब अधिकारियों ने दुकान संचालक से पूछताछ की तो सवालों का जवाब नहीं दे पाए, दुकानदार के मुताबिक मिठाई और घी वे खुद तैयार करते हैं, लेकिन जब फूड इन्स्पेक्टर और तहसीलदार द्वारा उनसे दूध का सोर्स पूछा गया तो, दुकान संचालक के पास कोई भी संतोष जनक जवाब नहीं था. ना ही इतनी मात्रा में सामग्री तैयार करने के लिए खरीदे गए दूध का लेखा जोखा वे दे पाए.
सस्ती नमकीन खरीद अपनी ब्रांडिंग से बेच रहा था
इस सबके बीच एक अहम जानकारी भी निकल कर सामने आई. जब दुकान में रखे द्वारिका पेड़ा हाउस की ब्रांडिंग वाले नमकीन के सैम्पल लिए गए तो संचालकों ने इस बात का खुलासा भी किया की वे ग्वालियर के बाजार से नमकीन सस्ते दाम पर खरीद कर अपनी ब्रांडिंग में बेचते थे.
धारा 188 के तहत होगी कार्रवाई
फिलहाल, खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा मौके पर मिली सभी खाद्य सामग्री के सैम्पल लेने के साथ दुकान को सील कर दिया गया है. वहीं, तहसीलदार ने भी कोरोना कर्फ्यू के नियमों का उल्लंघन करने की वजह से मामले में धारा 188 अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की बात कही है.