भिंड। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लगातार खुले बाजार से उम्मीद से ज्यादा कर्ज उठाने की वजह से केंद्र सरकार द्वारा राज्य पर कर्ज लेने की लिमिट तय कर दी है. बावजूद इसके सहकारिता मंत्री ने ईटीवी भारत पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि कोई लिमिट नही है. जरूरत पड़ी तो 5 लाख करोड़ का भी कर्ज लेगी बीजेपी सरकार.
लगातार खुले बाजार से कर्ज ले रही राज्य सरकार
कोरोना संकट के दौरान एक बार फिर सत्ता संभालने वाली बीजेपी सरकार आर्थिक गतिविधियों की वजह से 1 अप्रैल से लेकर 18 दिसंबर तक 16500 करोड का कर्ज खुले बाजार से ले चुकी है. हालांकि आर्थिक गतिविधियों में सरकार चलाने के साथ ही उन तमाम योजनाओं और घोषणाओं का भी वित्तीय क्रियान्वयन किया जा रहा है. सरकारी खजाने के इसी पैसे से किसानों को सम्मान निधि, एमएसपी पेमेंट और हाल ही में स्ट्रीट वेंडर योजना के लिए भी सीएम शिवराज ने हितग्राहियों के खातों में पैसा ट्रांसफर किया था. लगातार इस तरह के आर्थिक लेनदेन की वजह से सरकार का खजाना खाली होता जा रहा है और वह कर्ज पर कर्ज लिए जा रही है.
मंत्री बोले- 'जरूरत पड़ी तो 5 लाख करोड़ का भी लेंगे कर्ज़'
भिंड पहुंचे सहकारिता मंत्री से जब इस संबंध में सवाल किया तो ईटीवी भारत पर सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने बड़ा बयान दिया उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को समृद्ध बनाने के लिए हर वो कदम उठाने को तैयार है, जिससे किसानों को सहूलियत हो. उन्होंने कहा कि कोई लिमिट तय नहीं है किसानों के लिए दो लाख करोड़ क्या 5 लाख करोड़ कर्ज लेना पड़ा तो वह भी लेंगे.
आंकड़े- कब लिया कितना कर्ज
- 1 अप्रैल को 500 करोड़ रुपए
- 30 मई- 500 करोड रुपए
- 6 जून 500 करोड़ रुपए
- 3 जलाई - 1000 करोड़ रुपये
- 8 जुलाई - 1000 करोड़ रुपये
- 13 जुलाई -1000 करोड़ रुपए
- 7 अगस्त- 1000 करोड़ रुपये
- 5 सितंबर- 1000 करोड़ रुपये
- 15 सितंबर- 1000 करोड़ रुपये
- 3 अक्टूबर- 1000 करोड़ रुपये
- 8 अक्टूबर- 1000 करोड़ रुपये
- 15 अक्टूबर- 1000 करोड़ रुपये
- 29 अक्टूबर को भी 1000 करोड़ रुपये
- 5 नवम्बर - 1000 करोड़ रुपये
- 12 नवम्बर- 1000 करोड़ रुपये
- 18 नवम्बर को 1000 करोड़ रुपये
- 18 दिसम्बर को 2000 करोड़ रुपये
राज्य पर 2 लाख करोड़ रुपये का भार
लगातार खुले बाजार से कर्ज उठाने की वजह से अब तक राज्य पर कर्ज का भार दो लाख करोड़ के पार जा चुका है. लगातार बढ़ते कर्ज को लेकर केंद्र सरकार द्वारा भी राज्य सरकार के कर्ज लेने पर लिमिट तय कर दी गई है. अगले 3 माह में यानी 1 जनवरी से 25 मार्च तक अब प्रदेश सरकार 2373 करोड रुपए का ही कर्ज ले पाएगी.