भिंड। नशा शराब का हो या सत्ता का, खतरनाक दोनों ही होता है. इसी नशे में इस समय कांग्रेसी टल्ली हैं. उन्हें न पुलिस का खौफ है, न कानून का डर क्योंकि प्रदेश में उनकी सरकार है. लिहाजा उनकी जुबान भी बेलगाम हो चली है. सीनियर-जूनियर सभी नेता एक रंग में रंगे हैं. कांग्रेस प्रत्याशी देवाशीष जरारिया के नामांकन से पहले मंच पर कई ने बारी-बारी से माइक संभाला और जुबानी लगाम को पूरी तरह ढीला कर दिया. फिर मंच से ऊल-जुलूल बोलने से भी कोई गुरेज नहीं किया.
कार्यक्रम में भिंड के अटेर से कांग्रेस के पूर्व विधायक हेमंत कटारे ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि बीजेपी वालों को पोलिंग बूथ से भगा दें और भिंड के अंदाज में वोट ठोक दें. सरकार उनकी है. लिहाजा पुलिस झूठा मुकदमा दर्ज नहीं कर पाएगी.
वहीं प्रदेश सरकार के सहकारिता मंत्री और लहार विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह ने मंच से ट्रैफिक सूबेदार को लताड़ लगाई. मंगलवार को खंडा रोड पर देवाशीष की जनसभा में बड़े नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे. जिसकी वजह से जाम लग गया तो ट्रैफिक सूबेदार नीरज शर्मा ने वाहन किनारे पार्क नहीं करने पर हवा निकालने की बात कह दी. बस ये बात पता चलते ही मंत्री ने ट्रैफिक सूबेदार की क्लास लगा दी.
बड़बोलेपन का आलम तब और देखने को मिला, जब हाल ही में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में लौटे पूर्व मंत्री राकेश सिंह ने माइक संभाला. उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी में जाना मेरी गलती थी, दूर से अन्य दल सुहावन लगते हैं, लेकिन जब पास जाकर देखा तो कुछ और ही निकले.
इसे सत्ता का नशा कहें या जीत का भरोसा, लेकिन चुनावी मौसम में नेताओं की बयानबाजी ने सियासी गलियारों की सरगर्मियां बढ़ा दी हैं. अब तो आने वाला वक्त ही बतायेगा कि ये बयानबाजी बेड़ा पार लगाती है या बीच मझधार में इनकी कश्ती डुबा देती है.