भिंड। कोविड कंट्रोल के नाम पर भिंड के लहार और रौन में कलेक्टर द्वारा गठित किए गए क्राइसिस मेनेजमेंट ग्रुप पर लहार विधायक और पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने ना सिर्फ आपत्ति जताते हुए सवाल खड़े कर दिए हैं बल्कि इस समूह से भी बाहर होते हुए बहिष्कार कर दिया है. डॉ गोविंद सिंह का आरोप है कि इस समिति में 75 फीसदी लोग सत्ताधारी और गम्भीर मामलों में आरोपी हैं.
अन्य सदस्यों पर जतायी आपत्ति
भिंड जिले में अब तक सामने आए मामलों में सबसे आगे भिंड अनुभाग और उसके बाद लहार क्षेत्र में संक्रमण का फैलाव हो रहा है. जिसको देखते हुए प्रशासन ने सभी ब्लॉक स्तर पर क्राइसिस मेनेजमेंट ग्रूप के गठन किए हैं. लहार में भी 55 सदस्यी समूह का गठन किया गया है, इनमें 12 अधिकारी और जनप्रतिनिधि और समाज सेवी मानकर सदस्य बनाया गया है. समूह के गठन पर लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने आपत्ति जतायी है.
डॉक्टर गोविंद सिंह ने इस सम्बंध में भिंड कलेक्टर को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए बनाए गए लहार और रौन में संकट प्रबंधन समूह में 90 फीसदी से ज़्यादा सदस्य सत्ताधारी पार्टी से हैं, जिनमें से कई सदस्यों पर आपराधिक मामले दर्ज है. साथ ही कुछ सदस्य ऐसे भी हैं, जो लहार में रहते ही नही हैं, साथ ही पिता-बेटे भी समूह के सदस्य बना कर कमेटी का मजाक बना दिया है.
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इन सदस्यों पर घोर आपत्ति
कांग्रेस नेता का आरोप है इस आपदा के समय बनाए गए संकट प्रबंधन समूह में जिन लोगों को शामिल किया गया है. उनके से कई हिस्ट्री शीटर और आपराधिक प्रवृत्ति के लोग शामिल किए गए हैं. जिनमें योगेन्द्र सिंह पर तो एक SDM पर हमला करने का भी आरोप है.
पत्र लिख कर किया बहिष्कार
गोविंद सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ताधारी पार्टी के सदस्यों द्वारा लहार एसडीएम से सदस्यों की सूची बनवाई गयी है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है, एसडीएम कार्यालय का संचालन भी एसडीएम आरए प्रजापति द्वारा ना किए जाकर बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा रहा है. इन परिस्थितियों को देखते हुए लगता विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह ने संकट प्रबंधन समूह से खुद को अलग कर लिया है.