भिंड। कहते हैं आप दुनियां में कहीं भी चले जाएं लेकिन वतन की माटी की याद आ ही जाती है. इस बात का प्रमाण भिंड जिले में भी मिलता है. यहां शनिवार को एक नवनिर्मित स्कूल भवन का शुभारम्भ हुआ. इस स्कूल का निर्माण कराने वाला परिवार दक्षिण अफ्रीका में रहता है और खास तौर पर इस स्कूल की शुरुआत करने भिंड आया था. ये परिवार है सिंधु देव महाराज का, जो अपने बेटे और परिवार के साथ 147 वर्ष बाद अपने गृहग्राम भगवंतपुरा लौटे हैं.
1875 में खेतों में काम करने गए थे साउथ अफ्रीका: दक्षिण अफ्रीका से आए परिवार के सदस्यों ने बताया कि वे भिंड जिले के अटेर विकासखंड में स्थित भगवंतपुरा गांव के पूर्व निवासी पेमराज महाराज के वंशज हैं. जो सन 1875 में साउथ अफ्रीका में गन्ने के खेतों में काम करने के लिए परिवार के साथ प्लासी (कलकत्ता) के जहाज पर गए थे और बाद में वहीं बस गए. उनकी छह पीढ़ियां आज वहां रह रही हैं.
7 साल बाद अपने घर लौटा बेटा, परिवार को देखकर गांव वालों की भी आंखें हो गई नम
जड़ें ढूंढते ढूंढते गांव आए, बनवाया स्कूल: सिंधु महाराज का परिवार काफी समय से अपने जड़ें तलाश रहे थे. जानकारी जुटाने के बाद उन्हें पता चला कि उनके पर दादा पेमराज महाराज और पूर्वज मध्यप्रदेश के भिंड जिले में स्थित भगवंतपुरा गांव के रहने वाले थे. इसलिए उनका परिवार 147 साल बाद अपने गृहग्राम पहुंचा और अपने परदादा की याद में कुछ लोगों की मदद से स्कूल का निर्माण कराया. शनिवार को जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और भिंड कलेक्टर की मौजूदगी में स्कूल का लोकार्पण किया गया. भिंड कलेक्टर ने भी उनको शुभकामनाएं देते हुए खुशी जाहिर की है.
Family came Bhind village from South Africa, School built in memory of ancestors