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बैतूल के बांचा गांव का केंद्रीय मंत्री ने राज्यसभा में किया गुणगान

गुरुवार को राज्यसभा में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उपसभापति को संबोधित करते हुए बैतूल जिले के बांचा गांव का बखान किया. बांचा गांव देश का पहला आदर्श गांव है, जहां कुछ दिनों पहले मंत्री धर्मेंद्र प्रधान दौरे पर आए थे.

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Published : Feb 4, 2021, 4:41 PM IST

Updated : Feb 4, 2021, 7:03 PM IST

Union Petroleum Minister Dharmendra Pradhan
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

बैतूल। कुछ दिनों पहले केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बैतूल के दौरे पर आए थे. उन्होंने आदिवासी तहसील घोड़ाडोंगरी के बाचा गांव का भी दौरा किया था, जो देश का पहला पहला धुंआ रहित गांव है. वे शासन की योजनाओं से हुई गांव की समृद्धि से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने गुरुवार को राज्यसभा में दो मिनट तक बांचा गांव की उपलब्धियों का बखान किया.

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

उप सभापति को संबोधित कर किया बखान

राज्यसभा के उपसभापति को संबोधित करते हुए मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने बैतूल दौरे के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि बैतूल जिले के प्रवास के दौरान उन्हें घोड़ाडोंगरी विकासखंड के बांचा गांव जाने का सौभाग्य मिला. यहां ग्रामवासी अनिल उईके ने उन्हें आदर के साथ चाय पिलाई. पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि बांचा गांव के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिले हैं, बिजली पहुंची हैं, LPG (Liquified Petroleum Gas) कनेक्शन है, सोलर लाईन पहुंची हैं, स्वच्छ भारत अभियान के तहत टॉयलेट बनाए गए हैं, पशुओं के लिए अलग से पशु घर है, अन्नपूर्णा मंडल के अंतर्गत किचन गार्डन बनाए गए हैं. 74 घरों के आदिवासी ग्राम में पानी संरक्षण के लिए वाटर शेड सिस्टम है, पर्याप्त हैंडपंप हैं. स्वरोजगार के लिए ग्रामीण पशुपालन, कृषि और बागवानी पर आश्रित हैं.

जलपुरुष ने कहा पूरे बैतूल का सम्मान है

उन्होंने कहा कि कांक्रीट रोड, नालियां स्वच्छ भारत और स्वच्छ गांव की अवधारणा बांचा ग्राम में सार्थक होती नजर आती हैं. ये मेरे भारत के गांव है. किसी को क्यों पीड़ा होनी चाहिए, अगर भारत अपने पैर पर खड़ा होगा. जिले के बांचा गांव की दो मिनट तक सर्वोच्च सदन में तारीफ को लेकर जलपुरुष और पर्यावरण विद मोहन नागर ने कहा कि यह अकेले बांचा का नहीं पूरे बैतूल का सम्मान है.

18 जनवरी को बैतूल पहुंचे थे मंत्री

18 जनवरी 2021 को मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बैतूल के बांचा गांव पहुंचे, जो देश का पहला धुंआ रहित गांव है. बांचा गांव में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि संपूर्ण सोलर प्रणाली स्थापित कर आदर्श गांव बांचा ने समूची दुनिया में अपना नाम स्थापित किया है. यह खुशी का विषय है कि गांव में सोलर सिस्टम बखूबी काम कर रहा है. इस गांव में कुसुम योजना के तहत खेतों में भी सोलर ऊर्जा से चलने वाले पंप स्थापित कराए जाएंगे. गांव में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जाएंगे. इसके साथ ही इस गांव को फूड पार्क की गतिविधियों से जोड़ा जाएगा.

ये भी पढ़ें- जिस गांव में पहुंचे केंद्रीय मंत्री, उसकी दुनिया में है अनोखी पहचान

जानें बांचा गांव के बारे में

बैतूल जिले का बांचा गांव देश और दुनिया का पहला आदर्श गांव है, जहां हर घर में सोलर चूल्हे पर खाना पकता है. यहां जल संरक्षण के लिए हर घर में जुगाड़ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए सोखता गढ्ढा भी बनाए गए हैं. जिसमें छतों पर जमा बारिश का पानी सीधा इन गड्ढों में चला जाता है, ये पानी चंद घंटों में ही सीधे जमीन में चला जाता है. 74 घरों वाले बांचा गांव के 100 प्रतिशत घरों में रुफ वाटर हार्वेस्टिंग है.

साधारण सा दिखने वाला बांचा गांव देश और दुनिया में उस दिन चमक चुका था जब इस गांव के पूरे 74 घरो में धुआंरहित रसोई बनी थी. क्योंकि इस गांव में चूल्हा तो जलता है लेकिन धुआं नहीं उठता. यहां के लोग न तो लकड़ी जलाते हैं और न रसोई गैस. यहां खाना सोलर चूल्हे पर ही पकता है. लेकिन अब ये गांव ने पर्यावरण के साथ-साथ जलसंरक्षण के लिए मिसाल बन चुका है.

बैतूल। कुछ दिनों पहले केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बैतूल के दौरे पर आए थे. उन्होंने आदिवासी तहसील घोड़ाडोंगरी के बाचा गांव का भी दौरा किया था, जो देश का पहला पहला धुंआ रहित गांव है. वे शासन की योजनाओं से हुई गांव की समृद्धि से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने गुरुवार को राज्यसभा में दो मिनट तक बांचा गांव की उपलब्धियों का बखान किया.

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

उप सभापति को संबोधित कर किया बखान

राज्यसभा के उपसभापति को संबोधित करते हुए मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने बैतूल दौरे के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि बैतूल जिले के प्रवास के दौरान उन्हें घोड़ाडोंगरी विकासखंड के बांचा गांव जाने का सौभाग्य मिला. यहां ग्रामवासी अनिल उईके ने उन्हें आदर के साथ चाय पिलाई. पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि बांचा गांव के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिले हैं, बिजली पहुंची हैं, LPG (Liquified Petroleum Gas) कनेक्शन है, सोलर लाईन पहुंची हैं, स्वच्छ भारत अभियान के तहत टॉयलेट बनाए गए हैं, पशुओं के लिए अलग से पशु घर है, अन्नपूर्णा मंडल के अंतर्गत किचन गार्डन बनाए गए हैं. 74 घरों के आदिवासी ग्राम में पानी संरक्षण के लिए वाटर शेड सिस्टम है, पर्याप्त हैंडपंप हैं. स्वरोजगार के लिए ग्रामीण पशुपालन, कृषि और बागवानी पर आश्रित हैं.

जलपुरुष ने कहा पूरे बैतूल का सम्मान है

उन्होंने कहा कि कांक्रीट रोड, नालियां स्वच्छ भारत और स्वच्छ गांव की अवधारणा बांचा ग्राम में सार्थक होती नजर आती हैं. ये मेरे भारत के गांव है. किसी को क्यों पीड़ा होनी चाहिए, अगर भारत अपने पैर पर खड़ा होगा. जिले के बांचा गांव की दो मिनट तक सर्वोच्च सदन में तारीफ को लेकर जलपुरुष और पर्यावरण विद मोहन नागर ने कहा कि यह अकेले बांचा का नहीं पूरे बैतूल का सम्मान है.

18 जनवरी को बैतूल पहुंचे थे मंत्री

18 जनवरी 2021 को मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बैतूल के बांचा गांव पहुंचे, जो देश का पहला धुंआ रहित गांव है. बांचा गांव में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि संपूर्ण सोलर प्रणाली स्थापित कर आदर्श गांव बांचा ने समूची दुनिया में अपना नाम स्थापित किया है. यह खुशी का विषय है कि गांव में सोलर सिस्टम बखूबी काम कर रहा है. इस गांव में कुसुम योजना के तहत खेतों में भी सोलर ऊर्जा से चलने वाले पंप स्थापित कराए जाएंगे. गांव में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जाएंगे. इसके साथ ही इस गांव को फूड पार्क की गतिविधियों से जोड़ा जाएगा.

ये भी पढ़ें- जिस गांव में पहुंचे केंद्रीय मंत्री, उसकी दुनिया में है अनोखी पहचान

जानें बांचा गांव के बारे में

बैतूल जिले का बांचा गांव देश और दुनिया का पहला आदर्श गांव है, जहां हर घर में सोलर चूल्हे पर खाना पकता है. यहां जल संरक्षण के लिए हर घर में जुगाड़ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए सोखता गढ्ढा भी बनाए गए हैं. जिसमें छतों पर जमा बारिश का पानी सीधा इन गड्ढों में चला जाता है, ये पानी चंद घंटों में ही सीधे जमीन में चला जाता है. 74 घरों वाले बांचा गांव के 100 प्रतिशत घरों में रुफ वाटर हार्वेस्टिंग है.

साधारण सा दिखने वाला बांचा गांव देश और दुनिया में उस दिन चमक चुका था जब इस गांव के पूरे 74 घरो में धुआंरहित रसोई बनी थी. क्योंकि इस गांव में चूल्हा तो जलता है लेकिन धुआं नहीं उठता. यहां के लोग न तो लकड़ी जलाते हैं और न रसोई गैस. यहां खाना सोलर चूल्हे पर ही पकता है. लेकिन अब ये गांव ने पर्यावरण के साथ-साथ जलसंरक्षण के लिए मिसाल बन चुका है.

Last Updated : Feb 4, 2021, 7:03 PM IST
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