ETV Bharat / state

जिस गांव में पहुंचे केंद्रीय मंत्री, उसकी दुनिया में है अनोखी पहचान - केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

बैतूल में सोमवार को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पहुंचे. यहां उन्होंने बाचा गांव में संचालित सोलर चूल्हा और गतिविधियों का अवलोकन किया.

minister dharmendra pradhan
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
author img

By

Published : Jan 18, 2021, 8:30 PM IST

बैतूल। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सोमवार को बैतूल के दौरे पर थे. यहां उन्होंने स्थानीय भारत भारती संस्था में आधुनिक गोबर गैस प्लांट की स्थापना का भूमि पूजन किया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिनों-दिन बढ़ती ऊर्जा की खपत को देखते हुए स्थानीय स्त्रोतों को बढ़ावा देने की जरूरत है. अब देश में ऊर्जा की खेती पर जोर दिया जाएगा.

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

देश का पहला धुंआ रहित गांव पहुंचे मंत्री

मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बैतूल के बाचा गांव पहुंचे, जो देश का पहला धुंआ रहित गांव है. बाचा गांव में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि संपूर्ण सोलर प्रणाली स्थापित कर आदर्श गांव बाचा ने समूची दुनिया में अपना नाम स्थापित किया है. यह खुशी का विषय है कि गांव में सोलर सिस्टम बखूबी काम कर रहा है. इस गांव में कुसुम योजना के तहत खेतों में भी सोलर ऊर्जा से चलने वाले पंप स्थापित कराए जाएंगे. गांव में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जाएंगे. इसके साथ ही इस गांव को फूड पार्क की गतिविधियों से जोड़ा जाएगा.

सोलर चूल्हों का किया अवलोकन

जानें बाचा गांव के बारे में

बैतूल जिले का बाचा गांव देश और दुनिया का पहला आदर्श गांव है, जहां हर घर में सोलर चूल्हे पर खाना पकता है. यहां जल संरक्षण के लिए हर घर में जुगाड़ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए सोखता गढ्ढा भी बनाए गए हैं. जिसमें छतों पर जमा बारिश का पानी सीधा इन गड्ढों में चला जाता है, ये पानी चंद घंटों में ही सीधे जमीन में चला जाता है. 74 घरों वाले बाचा गांव के 100 प्रतिशत घरों में रुफ वाटर हार्वेस्टिंग है.

पढ़ें- बैतूल का सोलर विलेज दुनिया के लिए है मिसाल, पानी बचाने के लिए शुरु की नई पहल

साधारण सा दिखने वाला बाचा गांव देश और दुनिया में उस दिन चमक चुका था जब इस गांव के पूरे 74 घरो में धुआंरहित रसोई बनी थी. क्योंकि इस गांव में चूल्हा तो जलता है लेकिन धुआं नहीं उठता. यहां के लोग न तो लकड़ी जलाते हैं और न रसोई गैस. यहां खाना सोलर चूल्हे पर ही पकता है. लेकिन अब इस गांव ने पर्यावरण के साथ-साथ जलसंरक्षण के लिए मिसाल बन चुका है.

सोलर चूल्हों का किया अवलोकन

मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से बाचा गांव में संचालित सोलर चूल्हा और गतिविधियों का ग्रामीणों के घरों तक पहुंच कर अवलोकन किया. यहां संचालित प्रणाली गतिविधियों की भी सराहना की.

बैतूल। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सोमवार को बैतूल के दौरे पर थे. यहां उन्होंने स्थानीय भारत भारती संस्था में आधुनिक गोबर गैस प्लांट की स्थापना का भूमि पूजन किया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिनों-दिन बढ़ती ऊर्जा की खपत को देखते हुए स्थानीय स्त्रोतों को बढ़ावा देने की जरूरत है. अब देश में ऊर्जा की खेती पर जोर दिया जाएगा.

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

देश का पहला धुंआ रहित गांव पहुंचे मंत्री

मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बैतूल के बाचा गांव पहुंचे, जो देश का पहला धुंआ रहित गांव है. बाचा गांव में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि संपूर्ण सोलर प्रणाली स्थापित कर आदर्श गांव बाचा ने समूची दुनिया में अपना नाम स्थापित किया है. यह खुशी का विषय है कि गांव में सोलर सिस्टम बखूबी काम कर रहा है. इस गांव में कुसुम योजना के तहत खेतों में भी सोलर ऊर्जा से चलने वाले पंप स्थापित कराए जाएंगे. गांव में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जाएंगे. इसके साथ ही इस गांव को फूड पार्क की गतिविधियों से जोड़ा जाएगा.

सोलर चूल्हों का किया अवलोकन

जानें बाचा गांव के बारे में

बैतूल जिले का बाचा गांव देश और दुनिया का पहला आदर्श गांव है, जहां हर घर में सोलर चूल्हे पर खाना पकता है. यहां जल संरक्षण के लिए हर घर में जुगाड़ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए सोखता गढ्ढा भी बनाए गए हैं. जिसमें छतों पर जमा बारिश का पानी सीधा इन गड्ढों में चला जाता है, ये पानी चंद घंटों में ही सीधे जमीन में चला जाता है. 74 घरों वाले बाचा गांव के 100 प्रतिशत घरों में रुफ वाटर हार्वेस्टिंग है.

पढ़ें- बैतूल का सोलर विलेज दुनिया के लिए है मिसाल, पानी बचाने के लिए शुरु की नई पहल

साधारण सा दिखने वाला बाचा गांव देश और दुनिया में उस दिन चमक चुका था जब इस गांव के पूरे 74 घरो में धुआंरहित रसोई बनी थी. क्योंकि इस गांव में चूल्हा तो जलता है लेकिन धुआं नहीं उठता. यहां के लोग न तो लकड़ी जलाते हैं और न रसोई गैस. यहां खाना सोलर चूल्हे पर ही पकता है. लेकिन अब इस गांव ने पर्यावरण के साथ-साथ जलसंरक्षण के लिए मिसाल बन चुका है.

सोलर चूल्हों का किया अवलोकन

मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से बाचा गांव में संचालित सोलर चूल्हा और गतिविधियों का ग्रामीणों के घरों तक पहुंच कर अवलोकन किया. यहां संचालित प्रणाली गतिविधियों की भी सराहना की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.