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कोल इंडिया के निजीकरण को लेकर भारतीय कोयला खदान मज़दूर संघ ने किया विरोध

भारतीय कोयला खदान मज़दूर संघ ने क्षेत्र की सभी खदानों पर केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों, कमर्शियल माइनिंग, निजीकरण, विनिवेश के विरोध में अपने कार्यस्थल पर काला मास्क और काला फीता बांधकर विरोध जताया.

Indian Coal Mines Mazdoor Union protested against privatization of Coal India
कोल इंडिया के निजीकरण को लेकर भारतीय कोयला खदान मज़दूर संघ ने किया विरोध
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Published : Jun 12, 2020, 10:46 AM IST

बैतूल। भारतीय कोयला खदान मज़दूर संघ पाथाखेड़ा क्षेत्र ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 11 जून को क्षेत्र की सभी खदानों पर केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों, कमर्शियल माइनिंग, निजीकरण, विनिवेश के विरोध में अपने कार्यस्थल पर काला मास्क और काला फीता बांधकर विरोध जताया.

Indian Coal Mines Mazdoor Union protested against privatization of Coal India
कोल इंडिया के निजीकरण को लेकर भारतीय कोयला खदान मज़दूर संघ ने किया विरोध

भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के एरिया अध्यक्ष प्रकाश राव और महामंत्री बिजेन्द्र सिंह ने बताया कि क्षेत्र के समस्त कामगारों, कर्मचारियों को एकजुटता बनाये रखने की जरूरत है तभी हम आगे सरकार से लड़ाई लड़ सकते हैं. बीएमएस के पदाधिकारियों ने बताया कि यदि इस मोर्चे से भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ एक कदम भी पीछे हटी तो कोल इंडिया को निजी हाथों में सौंप दिया जाएगा. किसी भी कीमत में संपूर्ण कोल इंडिया की भूमिगत एवं ओपन खदानों को निजी हाथ में नहीं सौंपने दिया जाएगा. इसके लिए भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के पदाधिकारी कार्यकर्ताओं को जितना भी संघर्ष करना पड़े वह करने के लिए तैयार हैं.

बीएमएस यूनियन के जिला मंत्री सुदामा सिंह ने कहा कि वर्तमान समय की जो मांग है, उसके अनुरूप कोल इंडिया में काम करने वाले छोटे बड़े सभी कर्मचारी अधिकारियों को एकजुट होकर अपने हक और अधिकार की लड़ाई लड़नी होगी. यदि इस लड़ाई में भूमिगत खदानों में काम करने वाले कर्मचारी पीछे रहे तो उन्हें अपनी नौकरी से हाथ भी धोना पड़ सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि आगामी दो माह तक ऐसी स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है कि भूमिगत खदान में काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन भी ना मिले लेकिन ऐसी स्थिति में कामगारों को भयभीत नहीं होना है उन्हें संयम रखकर काम करना है जिससे उन्हें आगे सफलता मिल सके.

बैतूल। भारतीय कोयला खदान मज़दूर संघ पाथाखेड़ा क्षेत्र ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 11 जून को क्षेत्र की सभी खदानों पर केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों, कमर्शियल माइनिंग, निजीकरण, विनिवेश के विरोध में अपने कार्यस्थल पर काला मास्क और काला फीता बांधकर विरोध जताया.

Indian Coal Mines Mazdoor Union protested against privatization of Coal India
कोल इंडिया के निजीकरण को लेकर भारतीय कोयला खदान मज़दूर संघ ने किया विरोध

भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के एरिया अध्यक्ष प्रकाश राव और महामंत्री बिजेन्द्र सिंह ने बताया कि क्षेत्र के समस्त कामगारों, कर्मचारियों को एकजुटता बनाये रखने की जरूरत है तभी हम आगे सरकार से लड़ाई लड़ सकते हैं. बीएमएस के पदाधिकारियों ने बताया कि यदि इस मोर्चे से भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ एक कदम भी पीछे हटी तो कोल इंडिया को निजी हाथों में सौंप दिया जाएगा. किसी भी कीमत में संपूर्ण कोल इंडिया की भूमिगत एवं ओपन खदानों को निजी हाथ में नहीं सौंपने दिया जाएगा. इसके लिए भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के पदाधिकारी कार्यकर्ताओं को जितना भी संघर्ष करना पड़े वह करने के लिए तैयार हैं.

बीएमएस यूनियन के जिला मंत्री सुदामा सिंह ने कहा कि वर्तमान समय की जो मांग है, उसके अनुरूप कोल इंडिया में काम करने वाले छोटे बड़े सभी कर्मचारी अधिकारियों को एकजुट होकर अपने हक और अधिकार की लड़ाई लड़नी होगी. यदि इस लड़ाई में भूमिगत खदानों में काम करने वाले कर्मचारी पीछे रहे तो उन्हें अपनी नौकरी से हाथ भी धोना पड़ सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि आगामी दो माह तक ऐसी स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है कि भूमिगत खदान में काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन भी ना मिले लेकिन ऐसी स्थिति में कामगारों को भयभीत नहीं होना है उन्हें संयम रखकर काम करना है जिससे उन्हें आगे सफलता मिल सके.

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