बैतूल। नए कृषि कानूनों को लेकर किसान दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर 54 दिन से आंदोलन कर रहे है. 19 जनवरी को केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 10वें दौर की बैठ होनी है. जिसको लेकर मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेत्री उमा भारती का कहना है कि किसानों को अपनी हठ छोड़ देना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को भी बहुत सारी चीजें समझ लेनी चाहिए.
- 'किसानों को हठ छोड़ देना चाहिए'
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती कहना है कि किसान और सरकार दोनों के लिए एक अवसर है और दोनों को चूकना नहीं है. सरकार को यह बात समझ लेनी है कि सरकारी नीतियों से किसानों को लाभ कैसे पहुंचाएं. किसानों को भी यह बाच समझ लेनी है कि अब दूसरा मौका नहीं मिलेगा 25-30 साल तक. उनका कहना है कि किसानों की समस्या का निदान हो जाना चाहिए. आने वाली पीढ़ियों के लिए पर इसमें हठ और अहंकार दोनों का त्याग करना पड़ेगा. वहीं प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर भी उमा भारती ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि जब दूसरी पीढ़ी आगे बढ़ती है, तो बेहद खुशी होती है. उन्होंने 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए कहा है कि वे 2024 से प्रचंड राजनीति की शुरुआत करेंगी. उनका कहना है कि फिलहाल मेरी प्राथमिकता गरीब और गंगा है.
- किसानों की तारीफ की
नागपुर से लौटते समय बैतूल रुकी पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने किसान आंदोलन पर पूछे गए सवाल के जवाब में किसान आंदोलन की तारीफ करते हुए कहा कि अब के किसान सकारात्मक भाव से आगे आया है. ना वह हिंसक है ना आक्रमक है. ना किसी की बेइज्जती कर रहा है. वह अपने मन की बात कर रहा है. इसलिए किसानों को सावधान रहना होगा कि अवसर का लाभ ले लें. सरकार को भी इस अवसर का लाभ लेना होगा. फिलहाल सरकार संशोधन के लिए प्रस्तुत है. वहीं किसानों को लेकर सरकार भी हठ कर रही इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे कुछ लगेगा तो सरकार को कह दूंगी. हमारी पार्टी की ही सरकार है.
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- बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी की तारीफ की
मध्यप्रदेश में हाल ही में घोषित की गई बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर उन्होंने कहा कि बीजेपी स्वाभाविक ढंग से पीढ़ी परिवर्तन को स्वीकार करती है. यहां कोई भी फैसला सभी घटकों से चर्चा के बाद ही होता है. इससे ना तो किसी को आघात लगता है और ना ही किसी को बुरा लगता है. क्या अब पुराने और वरिष्ठ नेताओं के दिन लद गए हैं, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि वह क्रूर शब्दों को सुन नहीं सकती. सबकी अपनी उपयोगिता सबका अपना रोल होता है. सब अपना योगदान देते हैं. सब काम करते हैं. हमारे यहां कोई नया पुराना नहीं होता. दायित्व में परिवर्तन होता है. उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि वे राज्यपाल की दौड़ में शामिल है.
- दलबदल पर बोलीं उमा भारती
दलबदल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई एक याचिका को लेकर उमा भारती ने कहा कि हम इससे सबसे ज्यादा पीड़ित रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस लोकतंत्र की बात करते हैं, तब इन्हें इमरजेंसी याद नहीं आती. जब एक कुर्सी बचाने के लिए पूरे देश को आपातकाल में धकेल दिया गया था. आज यह हमें उपदेश दे रहे हैं. इन्होंने इतना बड़ा पाप किया है, इनके मुंह से लोकतंत्र की बात ठीक नहीं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इनकी सरकार अपने कर्मों से गिरी है. यह अपने लोगों को संभाल नहीं सके. जब हमें लगा कि हमें राज्य की अस्मिता विकास के लिए आगे आना चाहिए. तब हमने अपना कर्तव्य पूरा किया. शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बने और हमने राज्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी की है. हमने उसे निभाया है. कांग्रेस ने फ्लोर टेस्ट के पहले ही इस्तीफा दे दिया था.