बैतूल। फर्जी शिक्षा अधिकारी बनकर करीब 100 लोगों को अपना शिकार बनाने वाले युवक समेत उसके जालसाज परिवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपी के पास से फर्जी मार्कशीट, नकली दस्तावेज, फर्जी सील सहित, लेपटॉप और दो आई फोन बरामद किए हैं. आरोपी अपने आप को भोपाल माध्यमिक शिक्षा मंडल का अधिकारी बताते हुए लोगों को झांसा देकर रुपया ऐंठ लेता था. खास बात ये है कि इस पूरे फर्जीवाड़े में आरोपी की मां, बहन, पिता भी शामिल थे. जिन्हें पुलिस ने गिफ्तार कर लिया है.
सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी: पुलिस कंट्रोल रूम में गुरुवार को आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने फर्जी शिक्षा अधिकारी मामले में खुलासा करते हुए बताया कि इस मामले में पांच आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. आरोपी विशाल जैसवाल, प्रेमचंद जैसवाल, सुशीला जैसवाल, अंजना जैसवाल और अन्य सहआरोपी शुभम जोशी को गिरफ्तार किया गया है. इनके खिलाफ आरोप है कि सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों के साथ ठगी करते थे. इनके पास से फर्जी सील, दो मोबाइल, लैपटॉप, फर्जी नियुक्ति पत्र एवं अन्य अवैध रूप से तैयार किए गए फर्जी दस्तावेज जब्त किए गए हैं. शुभम जोशी की गिरफ्तारी भोपाल से की गई है. आरोपी शुभम भोपाल में एमपी ऑनलाइन का काम करता था. विशाल जैसवाल अपने ठगी के काम में उसकी मदद लेता था.
आरोपियों के पास फर्जी दस्तावेज, सील सब मौजूद: एसपी चौधरी ने बताया कि ठगी के मामले में लोगों को लालच देने के लिए जो फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते थे, वो वॉटर मार्क पेपर पर जिसमें भारत सरकार का लोगो लगा रहता था, इसके अलावा लेटरहेड पर भारत सरकार का चिन्ह एवं माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश का लोगो को प्रिंट है, जो दस्तावेज बरामद हुआ है उसमें लिखा है कि भारतीय माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा सीधी भर्ती की जाती है, और इसमें 35 हजार 503 रुपए प्रतिमाह वेतन पर स्थायी पद पर नियुक्ति की जाएगी. इस लेटरहेड पर बेसिक शिक्षा अधिकारी वीएल जैसवाल भी प्रकाशित है. उस पर सील भी लगी हुई है. एसपी ने बताया कि आरोपी के मोबाइल से जो डाटा मिला है उससे पता चला है कि 120 से अधिक लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र दिए गए हैं.
बैंक ट्रांजेक्शन की होगी जांच: पत्रकारों के सवाल पर एसपी ने बताया कि आरोपी ठगी के मामले में नगद राशि के अलावा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर रुपए लेता था. मोबाइल की जांच में कुछ ट्रांजेक्शन सामने आया है. पुराना ट्रांजेक्शन डिलीट कर दिया था, जिसे पुलिस बैंक से ट्रांजेक्शन निकलवा रही है. जिससे साफ हो जाएगा कि इसने कितने लोगों से पैसे लिए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आरोपी का पूरा परिवार इस मामले में लिप्त था. अभी तक दो शिकायतें सामने आई हैं. बैतूल के अलावा सीहोर और नर्मदापुरम में भी ठगी की गई है.
युवक ने कराई शिकायत दर्ज: बुधवार की शाम को आठनेर थाना क्षेत्र के कोयलारी निवासी दिलीप सुजाने ने बैतूल बाजार थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि उसके दोस्त योगेश ने बताया कि विशाल जैसवाल नाम का व्यक्ति लोगों की नौकरी लगा रहा हैय. इसको लेकर जब उसने विशाल जैसवाल से संपर्क किया तो दिलीप को शिक्षा विभाग में कम्प्यूटर क्लर्क की नौकरी लगवा देने का लालच देकर 5 लाख रुपए की मांग की. 2 लाख पहले और 3 लाख नौकरी लगने के बाद. दिलीप झांसे में आ गया और उसने अपने साथी अरविंद हारोड़े, अजय सूर्यवंशी, प्रीति घिडोडे, राहुल पाल, योगेश मायवाड़ एवं विजय बोरवन से भी नौकरी के प्रलोभन में धोखाधड़ी की. इन सभी को फर्जी सील लगाकर नियुक्ति प्रमाण पत्र दिए गए और इनसे 10 लाख रुपए आरोपी के द्वारा लिए गए. पुलिस ने दिलीप की शिकायत पर आरोपी विशाल जैसवाल के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला पंजीबद्ध किया.
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एमएलए रेस्ट हाऊस में होता था सत्यापन: फर्जी शिक्षा अधिकारी मामले में ठगी का शिकार हुए दिलीप सुजाने ने पुलिस को चौंकाने वाले बयान दिए हैं. बताया जा रहा है कि दिलीप को नौकरी लगाने का लालच देकर उसे विशाल जैसवाल ने सबसे पहले बडोरा के शिवलोक सिटी स्थित अपने घर पर बुलाया और बोला कि कागज की फोटोकापी लेकर भोपाल के एमएलए रेस्ट हाऊस नं. 3 में आ जाना. वहां पर तुम्हारे कागज का सत्यापन करूंगा. घर पर ही डेढ़ लाख रुपए उससे लिए गए. इसके बाद दिलीप एमएलए रेस्ट हाऊस नं. 3 भोपाल पहुंचा और वहां विशाल जैसवाल और उसके तीन-चार साथी थे. एमएलए रेस्ट हाऊस में विशाल जैसवाल ने दिलीप को बेसिक शिक्षा अधिकारी लगी सील वाला फर्जी नियुक्ति प्रमाण दिखाया और बताया कि 10-15 दिन में पोस्ट आफिस के माध्यम से यह नियुक्ति पत्र आपके घर पहुंच जाएगा.