बैतूल। क्रिकेटर नमन ओझा के पिता विनय ओझा सवा करोड़ रुपये के गबन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें आज न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेजा गया. इसके बाद उनके वकील ने दावा किया है कि वह बेल पर बाहर आ गए हैं. बता दें कि विनय ओझा ने जौलखेड़ा गांव के महाराष्ट्र बैंक शाखा में पदस्थ रहते हुए वर्ष 2014 में सवा करोड़ का गबन किया था. (Naman Ojha Father Arrested)
किसानों के नाम से बनाए थे फर्जी किसान क्रेडिट कार्ड: वर्ष 2013 में बैंक आफ महाराष्ट्र शाखा जौलखेड़ा में पदस्थ बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम, विनय ओझा सहित अन्य ने मिलकर फर्जी नाम और फोटो के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) बनाकर बैंक से राशि आहरित की थी. तरोड़ा बुजुर्ग निवासी दर्शन की मौत होने के बाद भी उसके नाम से खाता खोलकर रुपए आहरित कर लिए गए थे. अन्य किसानों के नाम से भी किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर लगभग सवा करोड़ रुपए की राशि आहरित की गई थी.
कई धाराओं में दर्ज था प्रकरण: राशि आहरित करने के बाद बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम, विनय ओझा, लेखापाल निलेश छलोत्रे, दीनानाथ राठौर सहित अन्य ने राशि बांट ली थी. मामले का खुलासा होने पर पुलिस ने अभिषेक रत्नम, विनय ओझा, निलेश छलोत्रे सहित अन्य के खिलाफ धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी, 34 और आईटी एक्ट की धारा 65,66 के तहत केस दर्ज किया था. इस मामले में तत्कालीन बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम, निलेश छलोत्रे सहित अन्य की गिरफ्तारी पूर्व में गई थी. केस दर्ज होने के बाद से विनय ओझा फरार चल रहे थे.
इस मामले में मुलताई एसडीओपी ने बताया कि 2014 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा जौलखेड़ा में फर्जी केसिसी खाते खोलकर करीब सवा करोड़ का गबन हुआ था, उस समय 10 आरोपी बनाए गए थे जिसमें से 9 आरोपियों का निराकरण कर चुके हैं. मामले में एक आरोपी की मृत्यु हो चुकी है, वहीं 6 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसके अलावा दो आरोपियों को अलग किया गया था और एक आरोपी शेष रह गया था, जोकि शाखा सहायक प्रबंधक विनय ओझा था जिसे मुलताई पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया था जिसे आज न्यायालय में पेश किया गया, जहां से आरोपी को जेल भेजा गया है.
-नम्रता सोंधिया, एसडीओपी,मुलताई