बैतूल। जिले के सारनी में 3 अगस्त को सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी के सीएचपी से बड़ी मात्रा में ऑयल सतपुड़ा जलाशय में बहने का मामला सामने आया था. इस मामले को लेकर पीपल फॉर एनिमल यूनिट सारनी के अध्यक्ष आदिल खान ने वीडियो बनाया और संबंधित विभागों में शिकायत की थी. इसके बाद भी लगभग डेढ़ दिन तक ऑयल सतपुड़ा जलाशय में बहता रहा, 4 अगस्त को सुबह मध्य प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की टीम ने सतपुड़ा जलाशय और सीएचपी का निरीक्षण किया. साथ ही सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी प्रबंधन को जलाशय साफ करने के आदेश भी दिए और आगे से ऑयल ना बहे इसके लिए दिशा निर्देश भी दिए.
7 अगस्त को जलाशय का निरीक्षण करने पहुंचे आदिल खान को सतपुड़ा जलाशय में ऑयल में फंसा हुआ पक्षी नजर आया, जिसके बाद उन्होंने वन विभाग को सूचना दी और एक-एक करके जलाशय के आसपास जहां-जहां ऑयल था उन स्थानों का निरीक्षण किया गया. ऑयल की सफाई कर रहे मजदूरों के पास से भी एक ऑयल में डूबा हुआ पक्षी मिला. इसके अलावा जलाशय के आसपास दो पक्षी और मिले.
कुल मिलाकर 4 पक्षी ऑयल में डूबे हुए मिले, जिन्हें वन विभाग की देखरेख में आदिल खान के माध्यम से पशु चिकित्सालय ले जाया गया, जहां पक्षियों पर लगे ऑयल को साफ किया गया, लेकिन हालत गंभीर होने की वजह से तीन पक्षियों की मृत्यु हो गई और चौथे की भी हालत गंभीर बनी हुई है. जलाशय में ऑयल बहने के मामले को लेकर शुक्रवार को मध्य प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की टीम के माध्यम से एक बार फिर सतपुड़ा जलाशय का निरीक्षण किया गया.
इस पूरे मामले में सतपुड़ा ताप विद्युत गृह प्रबंधन की लापरवाही सामने आ रही है. जलाशय में ऑयल फैलने की वजह से ना सिर्फ जल प्रदूषित हुआ, बल्कि मछलियों और पक्षियों को भी नुकसान पहुंच रहा है, जो बहुत गंभीर विषय है.
जलाशय में ऑयल फैलने के मामले के बाद मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी द्वारा सारनी से लगभग दस महीने पहले ही पदस्थ हुए मुख्य अभियंता एच. के संकुले व दो अन्य अधिकारियों के तबादले भी कर दिए गए.
पीपल फॉर एनिमल्स यूनिट सारनी के आदिल खान ने बताया कि सतपुड़ा जलाशय में ऑयल बहाने के मामले में संबंधित दोषी अधिकारियों को सस्पेंड किया जाना चाहिए और जल्द से जल्द सतपुड़ा जलाशय की सफाई की जानी चाहिए. अन्यथा ऑयल से जलाशय को और वन्य जीवों को बहुत नुकसान होगा.