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ऑटो एंबुलेंस ने 9 महीनों में 45 घायलों को पहुंचाया अस्पताल, कई लोगों की बची जान

बैतूल जिले के मुलताई में शुरु हुई ऑटो एंबुलेंस योजना बेहद कारगर साबित हो रही है. पिछले नो महीनों में ऑटो एंबुलेंस योजना से सड़क हादसों में 45 घायलों को अस्पताल पहुंचाया है. जिससे कई लोगों की जान बच चुकी है. इन लोगों के काम पर शहरवासियों ने खुशी जताई है.

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Published : Sep 21, 2020, 1:01 PM IST

Auto ambulance transported 45 injured including 2 monkeys to hospital in 9 months of accidents
ऑटो एम्बुलेंस ने 9 महीनों में हुए हादसों में 2 बंदरों सहित 45 घायलों को पहुंचाया अस्पताल

बैतूल। जिले के मुलताई में पांच जनवरी को बैतूल की तर्ज पर ही बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति द्वारा ऑटो एम्बुलेंस योजना का शुभारंभ किया गया. ऑटो एम्बुलेंस योजना से जुड़े ऑटो चालकों द्वारा इस योजना के तहत सक्रियता से सड़क हादसों में घायलों को तत्परता से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जाता है. ऑटो एम्बुलेंस चालकों की तत्परता से पिछले 9 महीनों में हुए 31 सड़क हादसों में 45 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया. जिनमें 2 बंदर भी शामिल हैं.

ऑटो एंबुलेंस योजना से जुड़े नगर के कपड़ा व्यापारी दीपेश बोथरा ने बताया कि योजना के तहत ऑटो चालकों में अब सड़क हादसों में घायलों को अस्पताल पहुंचाने का डर पूरी तरह खत्म हो चुका है. इसका उदाहरण कई बार सामने आया जब अत्यधिक गंभीर मामले में ऑटो चालकों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया. उक्त 45 प्रकरणों में दो मामलों में अस्पताल पहुंचने के बाद उपचार के दौरान 2 लोगों की मौत भी हुई है. जबकि कई घायलों को ऑटों चालकों की तत्परता से नागपुर भी रेफर किया गया.

घायलों के अस्पताल पहुंचाने पर ऑटो चालकों को 200 रूपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है. हालांकि उक्त योजना से जुडऩे के बाद अधिकांश आटो चालक मानवीय सेवा के तौर पर घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाते हैं इसके अलावा दूरी के हिसाब से राशि में बढ़ोत्तरी भी की जाती है. शव परिवहन की स्थिति में ऑटो चालकों को पूर्व सांसद एवं बीजेपी के प्रदेश कोषाध्यक्ष द्वारा एक हजार रूपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है.

बैतूल। जिले के मुलताई में पांच जनवरी को बैतूल की तर्ज पर ही बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति द्वारा ऑटो एम्बुलेंस योजना का शुभारंभ किया गया. ऑटो एम्बुलेंस योजना से जुड़े ऑटो चालकों द्वारा इस योजना के तहत सक्रियता से सड़क हादसों में घायलों को तत्परता से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जाता है. ऑटो एम्बुलेंस चालकों की तत्परता से पिछले 9 महीनों में हुए 31 सड़क हादसों में 45 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया. जिनमें 2 बंदर भी शामिल हैं.

ऑटो एंबुलेंस योजना से जुड़े नगर के कपड़ा व्यापारी दीपेश बोथरा ने बताया कि योजना के तहत ऑटो चालकों में अब सड़क हादसों में घायलों को अस्पताल पहुंचाने का डर पूरी तरह खत्म हो चुका है. इसका उदाहरण कई बार सामने आया जब अत्यधिक गंभीर मामले में ऑटो चालकों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया. उक्त 45 प्रकरणों में दो मामलों में अस्पताल पहुंचने के बाद उपचार के दौरान 2 लोगों की मौत भी हुई है. जबकि कई घायलों को ऑटों चालकों की तत्परता से नागपुर भी रेफर किया गया.

घायलों के अस्पताल पहुंचाने पर ऑटो चालकों को 200 रूपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है. हालांकि उक्त योजना से जुडऩे के बाद अधिकांश आटो चालक मानवीय सेवा के तौर पर घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाते हैं इसके अलावा दूरी के हिसाब से राशि में बढ़ोत्तरी भी की जाती है. शव परिवहन की स्थिति में ऑटो चालकों को पूर्व सांसद एवं बीजेपी के प्रदेश कोषाध्यक्ष द्वारा एक हजार रूपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है.

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