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आदिवासियों को संबल देने के लिए लगाई जा रही हेचरी मशीन - Tribals will get employment

बड़वानी जिले में पशुपालन विभाग ने नवाचार शुरू करते हुए हेचरी मशीन का उद्घाटन किया है. इससे ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगी.

Hatchery machine being installed to improve the economic condition of tribals
प्रशिक्षण देते कर्मचारी
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Published : Jun 29, 2020, 3:54 PM IST

बड़वानी। जिले के दूरस्थ वनग्रामों में पशुपालन विभाग और आगा खान संस्था के सहयोग से आत्मा विभाग ने नवाचार के लिए हेचरी मशीन का आवंटन कर उद्घाटन किया. ये मशीन एक बार में 500 चूजे बाहर करती है. इस मशीन के लगने से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी. इसी क्रम में सेंधवा विकास खंड के केरमाला गांव में हेचरी मशीन का उद्घाटन किया गया. इस मशीन के लगने से गांव वालों को अब अंडे खराब होने और चूजों के मरने की चिंता नहीं रहेगी.

होजरी मशीन का उद्घाटन पशुपालन विभाग के डॉक्टर बबलू जमरे, डॉक्टर मनमोहन पाली और महिला संघ कि अध्यक्ष सुमली बाई डाबर ने किया. समूह की सभी महिलाओं ने सरस्वती वंदना करते हुए एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी व्यक्त की. डॉक्टर ने हेचरी मशीन की कार्य विधि के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि मशीन से एक ही समय में 500 चूजे निकाले जा सकते हैं.

इस मशीन के माध्यम से देसी और कड़कनाथ प्रजाति के चूजों में वृद्धि होगी. 21 दिनों में अंडों से चूजे बहार आ जाएंगे. फिलहाल एक चूजे की बाजार में कीमत 25-30 रूपए होती है, जबकि कड़कनाथ चूजा 75 रूपए तक में मिलता है. जिसकी महाराष्ट्र और झाबुआ से खरीदी की जाती है. हेचरी मशीन के उपयोग से लोकल में ही अंडे से चूजे निकाले जाएंगे.

ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासियों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो, इसके लिए कृषि विभाग के आत्मा प्रोजेक्ट के तहत होजरी मशीन लगाई जा रही है. इस मशीन को लगाने के लिए क्षेत्र में कार्यरत आगा खान ट्रस्ट और पशुपालन विभाग सक्रिय है. साथ ही लोगों को होजरी मशीन के संचालन की विधि भी बताई बताई जा रही है.

बड़वानी। जिले के दूरस्थ वनग्रामों में पशुपालन विभाग और आगा खान संस्था के सहयोग से आत्मा विभाग ने नवाचार के लिए हेचरी मशीन का आवंटन कर उद्घाटन किया. ये मशीन एक बार में 500 चूजे बाहर करती है. इस मशीन के लगने से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी. इसी क्रम में सेंधवा विकास खंड के केरमाला गांव में हेचरी मशीन का उद्घाटन किया गया. इस मशीन के लगने से गांव वालों को अब अंडे खराब होने और चूजों के मरने की चिंता नहीं रहेगी.

होजरी मशीन का उद्घाटन पशुपालन विभाग के डॉक्टर बबलू जमरे, डॉक्टर मनमोहन पाली और महिला संघ कि अध्यक्ष सुमली बाई डाबर ने किया. समूह की सभी महिलाओं ने सरस्वती वंदना करते हुए एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी व्यक्त की. डॉक्टर ने हेचरी मशीन की कार्य विधि के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि मशीन से एक ही समय में 500 चूजे निकाले जा सकते हैं.

इस मशीन के माध्यम से देसी और कड़कनाथ प्रजाति के चूजों में वृद्धि होगी. 21 दिनों में अंडों से चूजे बहार आ जाएंगे. फिलहाल एक चूजे की बाजार में कीमत 25-30 रूपए होती है, जबकि कड़कनाथ चूजा 75 रूपए तक में मिलता है. जिसकी महाराष्ट्र और झाबुआ से खरीदी की जाती है. हेचरी मशीन के उपयोग से लोकल में ही अंडे से चूजे निकाले जाएंगे.

ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासियों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो, इसके लिए कृषि विभाग के आत्मा प्रोजेक्ट के तहत होजरी मशीन लगाई जा रही है. इस मशीन को लगाने के लिए क्षेत्र में कार्यरत आगा खान ट्रस्ट और पशुपालन विभाग सक्रिय है. साथ ही लोगों को होजरी मशीन के संचालन की विधि भी बताई बताई जा रही है.

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