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हेराफेरी करने वाले रीडर को कलेक्टर ने किया निलंबित, तीन अन्य लोगों पर मामला दर्ज - barwani news

बड़वानी जिले के कलेक्टर ने एसडीएम के तत्कालीन रीडर बाबूलाल मालवीय को निलंबित कर दिया है. वहीं रीडर सहित अन्य तीन दोषियों पर भी एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. रीडर पर मुआवजा वितरण में हेराफेरी करने का आरोप लगाया है.

Collector suspended for hacking reader in barwani
हेराफेरी करने वाले रीडर को कलेक्टर ने किया निलंबित
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Published : Sep 6, 2020, 2:55 AM IST

बड़वानी। नवागत कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने अमानत में खयानत कर भू माफिया बनने वाले एसडीएम के तत्कालीन रीडर बाबूलाल मालवीय को निलंबित कर दिया है. वहीं रीडर सहित अन्य तीन दोषियों पर भी एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.

कलेक्टर ने बताया कि इंदिरा सागर परियोजना नहर के लिए कस्बा बड़वानी में 19 खातेदारों की निजी भूमि का अवार्ड 30 नवंबर 2012 को पारित किया गया था. इस अवार्ड के खिलाफ प्रीतेश और कला बाई कलाल ने जिला सत्र न्यायाधीश बड़वानी के समक्ष रेफरेंस प्रकरण प्रस्तुत किया था. जिसमें माननीय न्यायालय ने 16 दिसंबर 19 को पारित अपने आदेश में अवार्ड राशि 34 लाख 45 हजार 912 रुपए को बढ़ाकर प्रितेश को 67 लाख 97 हजार 857 रुपये व कलाबाई को 1 करोड़ 92 लाख 66 हजार 232 रुपये अलग-अलग मुआवजा प्रदान करने का आदेश दिया था.

पारित अवार्ड और कोर्ट द्वारा रिफरेंस प्रकरण की राशि में अधिक अंतर होने के कारण कलेक्टर ने जब प्रकरण का परीक्षण कराया तो पता चला एसडीएम बड़वानी के यहां पदस्थ रीडर ने तत्कालीन एसडीएम के समक्ष प्रकरण में पूर्ण जानकारी प्रस्तुत न करते हुए तथ्यों को छिपाकर खातेदारों से मिलीभगत का षडयंत्रपूर्वक भूमि का डायरेक्शन करा कर अपनी बहन कलाबाई तथा शरदचन्द्र रावत व रितेश रावत को लाभ पहुंचाने के लिए कूट रचित किया है. जिसके कारण न्यायालय द्वारा इतनी राशि का मुआवजा आदेश पारित किया गया है.

बड़वानी। नवागत कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने अमानत में खयानत कर भू माफिया बनने वाले एसडीएम के तत्कालीन रीडर बाबूलाल मालवीय को निलंबित कर दिया है. वहीं रीडर सहित अन्य तीन दोषियों पर भी एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.

कलेक्टर ने बताया कि इंदिरा सागर परियोजना नहर के लिए कस्बा बड़वानी में 19 खातेदारों की निजी भूमि का अवार्ड 30 नवंबर 2012 को पारित किया गया था. इस अवार्ड के खिलाफ प्रीतेश और कला बाई कलाल ने जिला सत्र न्यायाधीश बड़वानी के समक्ष रेफरेंस प्रकरण प्रस्तुत किया था. जिसमें माननीय न्यायालय ने 16 दिसंबर 19 को पारित अपने आदेश में अवार्ड राशि 34 लाख 45 हजार 912 रुपए को बढ़ाकर प्रितेश को 67 लाख 97 हजार 857 रुपये व कलाबाई को 1 करोड़ 92 लाख 66 हजार 232 रुपये अलग-अलग मुआवजा प्रदान करने का आदेश दिया था.

पारित अवार्ड और कोर्ट द्वारा रिफरेंस प्रकरण की राशि में अधिक अंतर होने के कारण कलेक्टर ने जब प्रकरण का परीक्षण कराया तो पता चला एसडीएम बड़वानी के यहां पदस्थ रीडर ने तत्कालीन एसडीएम के समक्ष प्रकरण में पूर्ण जानकारी प्रस्तुत न करते हुए तथ्यों को छिपाकर खातेदारों से मिलीभगत का षडयंत्रपूर्वक भूमि का डायरेक्शन करा कर अपनी बहन कलाबाई तथा शरदचन्द्र रावत व रितेश रावत को लाभ पहुंचाने के लिए कूट रचित किया है. जिसके कारण न्यायालय द्वारा इतनी राशि का मुआवजा आदेश पारित किया गया है.

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