बालाघाट। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए बार-बार हाथों को सेनेटाइज करने की जरूरत है. बालाघाट जिले के वारासिवनी एवं मलाजखंड के दो युवाओं ने मात्र 350 रुपए की लागत से एक सेनेटाइजर मशीन बनाई है. इलेक्ट्रिक से चलने वाली ये सेनेटाइजर मशीन बांस से बनाई गई है. ये छोटी सी मशीन बैंक, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और कार्यालयों के लिए बहुत ही उपयोगी है.
कोरोना महामारी संकट के इस दौर में सेनेटाइजर मशीन की आवश्यकता महसूस की जा रही है. सतीश और शशांक ने कम लागत में सस्ती, सुंदर एवं टिकाऊ सेनेटाइजर मशीन बनाने की सोच के साथ काम किया और इसमें उन्हें सफलता भी हासिल हो गई है. इन दोनों युवाओं ने लगभग एक मीटर लंबाई के मोटे बांस से सेनेटाइजर मशीन बना दी है. इस मशीन के नीचे एक बटन लगा है, जिस पर पैर रखते ही मशीन के ऊपरी छोर पर लगी छोटी सी नली से सेनेटाइजर व्यक्ति के हाथ में आ जाती है. ये मशीन कम वजन की है और इसे कहीं पर भी आसानी से ले जाया जा सकता है.
सभी ने की इस मशीन की तारीफ
ऐसे कार्यालय और प्रतिष्ठान जहां पर अधिक संख्या में लोग आते हैं, उनके हाथों को सेनेटाइज करने के लिए बांस की ये सेनेटाइजर मशीन बहुत ही उपयोगी साबित होगी. सतीष और शशांक ने बताया कि इस मशीन में मेंटेनेंस का भी कोई खर्च नहीं है. बांस की इस पाईपनुमा मशीन में जरूरत के अनुसार सेनेटाइजर भर कर उपयोग किया जा सकता है. इन दोनों युवाओं ने अपर कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह के सामने मशीन को दिखाया. उन्होंने इस मशीन की सराहना की और इसे शासकीय कार्यालयों के लिए भी उपयोगी बताया. कोरोना महामारी संकट के इस दौर ने बता दिया है कि हमें स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए सेनेटाइजर का हमेशा इस्तेमाल करते रहना होगा.