बालाघाट। जिले में सोमवार को हुई मुठभेड़ में तीन नक्सलियों को मार गिराने के बाद पुलिस और हॉक फोर्स जवानों का जोश हाई है. बालाघाट रेंज के आईजी संजय कुमार ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान बताया कि ऑपरेशन काफी टफ और चैलेंजिंग था. पुलिस और हॉक फोर्स को लांजी के कांदला जंगल में नक्सलियों से जुड़े इनपुट मिलते ही रातभर इस पर प्लानिंग की गई. करीब 35 जवानों ने सुबह होते ही एक्शन लिया.
अन्य नक्सली भाग निकले : घने जंगल में करीब ढाई घंटे तक चलने के बाद लगभग 15 से 18 नक्सलियों पर सुबह ठीक 9 बजे धावा बोल दिया गया. करीब 40 मिनट तक चली मुठभेड़ में दोनों तरफ से 100 से 150 राउंड फायर हुए. ये नक्सली राजनांदगांव व गढ़चिरौली में भी सक्रिय थे. इस मुठभेड़ में कान्हा भोरमदेव एरिया कमेटी और दर्रेकसा के तीन खूंखार नक्सली मारे गए. मारे गए नक्सली लंबे समय से अपने दलम में सक्रिय थे. इन पर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में कुल 57 लाख का इनाम था. तीनों नक्सली बालाघाट सहित राजनांदगांव और गढ़ चिरोली में अधिक सक्रिय थे. खुद को घिरता देख बाकी नक्सली भाग निकले.
टिफिन बम के साथ मिले नक्सली साहित्य : आईजी ने बताया कि मौके से टीम को भारी मात्रा में हथियार और अन्य सामान मिला है. इसमें AK-47, SLR राइफल सहित टिफिन बम, रोजमर्रा के सामान में बर्तन, पानी की बॉटल, कपड़े, पिट्ठू बेग, सोलर पैनल, राशन के अलावा नक्सली साहित्य की किताबें मिली हैं.
बारिश के मौसम में नक्सली देते हैं ट्रेनिंग : बता दें कि बारिश में नक्सलियों का मूवमेंट आमतौर पर कम हो जाता है. नक्सली ग्रुप में घने जंगल में कैंप लगाकर रहते हैं. जहां नए साथियों को ट्रेनिंग दी जाती है. कांदला के जंगल में नक्सली कैंप के इनपुट मिलते ही जवानों ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अपने अंजाम तक पहुंचाया है. नक्सलियों के शव भारी सुरक्षा इंतजाम के बीच लांजी से जिला अस्पताल लाए गए. शवों को मर्चुरी में रखा गया है. पुलिस का कहना है कि सभी आवश्यक कार्रवाई के बाद मारे गए नक्सलियों के परिजनों को इसकी जानकारी दी जाएगी.