बालाघाट। जिले में एक बार फिर नक्सलियों ने बैनर पोस्टर लगाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. बालाघाट के किरनापुर क्षेत्र अंतर्गत नक्सलियों ने जंगल में बैनर पोस्टर बांधे. जिसमें सीधी पेशाब कांड और आदिवासियों पर अत्याचारों का विरोध एवं नक्सली कमांडर की मौत का जिक्र किया है. जंगल में लगाए गए बैनर में मारे गए नक्सलियों की याद में नक्सली शहीदी सप्ताह मनाने व उन्हें श्रद्धांजलि देने का उल्लेख किया गया है. पर्चों के माध्यम से नक्सलियों ने प्रतिवर्ष मनाए जाने वाले 28 जुलाई से 3 अगस्त तक नक्सली शहीदी सप्ताह का आयोजन करते हुए मारे गए नक्सलियों को श्रद्धांजलि देने की अपील की है. बालाघाट के जंगलों में नक्सलियों द्वारा बांधे गए बैनर पोस्टर मिलने की पुष्टि पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ द्वारा की गई है.
बैनर में कई नक्सलियों का जिक्र: नक्सली शहीदी सप्ताह को लेकर मिले पर्चे में नक्सली कमांडर ज्योति का भी उल्लेख है, जो बीते 21-22 अप्रैल को गढ़ी थाना अंतर्गत कदला के जंगल में हुई मुठभेड़ में घायल हो गई थी. जिसकी टीम द्वारा तलाश भी की गई थी. जिसकी मौत की पुष्टि नक्सलियों ने की है. जिस पर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में 20 लाख का ईनाम था. यह पुलिस की सफलता है कि उस मुठभेड़ में सुनिता और सरिता मारी गई थी. जिसमें ज्योति भी घायल हुई थी. जिसकी मौत हो गई है.
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अलर्ट मोड पर पुलिस: गौरतलब हो कि बीते वर्ष 2022 में जहां 6 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराने में सफलता मिली. वहीं एक बार फिर बालाघाट पुलिस ने 21-22 अप्रैल को 14-14 लाख रुपए का ईनामी महिला नक्सलियों को गढ़ी थाना अंतर्गत कदला में मुठभेड़ में मार गिराया था. जिसमें भोरम देव में एरिया कमांडर, टांडा दलम और वर्तमान में विस्तार दलम में काम कर रही एसीएम सुनीता और नक्सली कबिर की गार्ड रही. खटिया मोचा दलम में एसीएम और वर्तमान में विस्तार दलम में सक्रिय सरिता शामिल थी. जिनके पास से पुलिस ने बंदूके, कारतूस, बड़ी मात्रा में नक्सली असलहा और खाने पीने की सामग्री बरामद की थी. पुलिस अधीक्षक के अनुसार "नक्सलियों ने 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाने की अपील की गई है. जिसको लेकर पुलिस अलर्ट मोड पर है."