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बहन के साथ घिनौना काम करने के बाद की थी हत्या, जेल में गुजरेगी की जिंदगी

खैरी गांव में एक भाई ने अपनी नाबालिग बहन को हवस का शिकार बनाकर मौत के घाट उतार दिया था. कोर्ट ने उसे दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

दरिंदे भाई को मिला आजीवन कारावास
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Published : May 17, 2019, 8:40 AM IST

बालाघाट। बहन का रेप कर उसकी हत्या करने वाले दरिंदे भाई को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने एक साल बाद इस मामले की सुनावई की है.

दरिंदे भाई को मिला आजीवन कारावास

मामला 1 मई 2018 का है. वारासिवनी के खैरी गांव में रहने वाले एक युवक ने अपनी 17 साल की नाबालिग बहन के साथ दुष्कर्म कर चाकू से गोदकर और दुपट्टे से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. हत्या के बाद दोषी ने लाश को झाड़ियों में फेंक दिया था. पुलिस की जांच में सामने आया कि नाबालिग के सगे भाई ने ही उसके साथ ये सब किया है.

जिला एवं सत्र अपर न्यायाधीश कमलेश सनोडिया ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कासावास की सजा सुनाई है.

बालाघाट। बहन का रेप कर उसकी हत्या करने वाले दरिंदे भाई को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने एक साल बाद इस मामले की सुनावई की है.

दरिंदे भाई को मिला आजीवन कारावास

मामला 1 मई 2018 का है. वारासिवनी के खैरी गांव में रहने वाले एक युवक ने अपनी 17 साल की नाबालिग बहन के साथ दुष्कर्म कर चाकू से गोदकर और दुपट्टे से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. हत्या के बाद दोषी ने लाश को झाड़ियों में फेंक दिया था. पुलिस की जांच में सामने आया कि नाबालिग के सगे भाई ने ही उसके साथ ये सब किया है.

जिला एवं सत्र अपर न्यायाधीश कमलेश सनोडिया ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कासावास की सजा सुनाई है.

Intro:सगी बहन के हत्यारे भाई को आजीवन कारावास की सजा
मामला ग्राम खैरी का
वारासिवनी। अपनी ही सगी नाबालिग बहन के साथ बलात्कार करने के बाद उसकी
हत्या करने के आरोपी भाई को आज प्रथम जिला एवं सत्र अपर न्यायाधीश कमलेश
सनोडिया द्वारा आजीवन कारावास व 11 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया
गया है।
विदित हो कि जनपद पंचायत खैरलॉजी अंतर्गत ग्राम पंचायत खैरी से 3
किलोमीटर दूर स्थित डब्बा तालाब की पार की झाडिय़ों में एक 17 वर्षीय
नाबालिग बालिका प्रियंका बनोटे का शव 5 मई 18 को मिला था। इस बालिका
प्रियंका की गुमशुदगी की रिपोर्ट उसके पिता संतोष बनोटे द्वारा खैरलॉजी
पुलिस थाने में 4 मई को दर्ज कराई गई थी, जिसमें उन्होंने बालिका के 1 मई
से गायब होने की बात लिखाई थी।
जानकारी अनुसार ग्राम खैरी के एक ग्रामीण द्वारा बालिका के शव को डब्बा
तालाब की पार के किनारे झाडिय़ों में क्षत विक्षत हालत में देखा गया था।
मृतिका बालिका के शरीर के कपड़े पूरी तरह से फट गए थे और पूरा शरीर काला
पड़ गया था। ऐसा लग रहा था, जैसे बदन की चमड़ी जल गई हो। शव की वीभत्स
स्थिति को देखकर ग्रामीण ने ग्राम पंचायत खैरी के सरपंच गोविंद दशहरे को
दी। जिस पर सरपंच ने शव दिखने की जानकारी खैरलॉजी पुलिस थाने में दी थी।
मृतिका प्रियंका ग्राम सावरी के हाईस्कूल में कक्षा 9 वीं की छात्रा थी।
शव की स्थिति को देखते हुए अब मृतिका के परिजनों की ओर भी शक की सुई घूम
रही थी।
इस पूरे मामले की जॉच पुलिस विभाग द्वारा सूक्ष्मता से करने पर मृतिका
के भाई रविन्द्र बनोटे पर पुलिस के शक की सुई घूमी थी और जब पुलिस ने
उससे पूछताछ की, तो उसने पुलिस के आगे सारी सच्चाई उगल दी और अपने घृणित
कृत्य की सिलसिलेवार जानकारी पुलिस को दी। जिसके बाद खैरलॉजी पुलिस ने
रविन्द्र के खिलाफ भादवि की धारा 363, 302, 201, 376, 5 एन, 6 लैंगिक
अपराधों से बालकों का संरक्षण के तहत मामला पंजीबद्ध कर न्यायालय में पेश
किया।
जहॉ पर लोक अभियोजक अनूप चौबे द्वारा आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश
किए गए। जिसके बाद विद्वान न्यायाधीश जिला एवं प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश
कमलेश सनोडिया ने मात्र एक वर्ष में ही प्रकरण का फैसला सुनाते हुए आरोपी
रविन्द्र संतोष बनोटे को भादवि की धारा 302 में आजीवन कारावास व 5 हजार
रुपये का जुर्माना, धारा 201 में 7 वर्ष का कारावास व 1 हजार रुपये का
जुर्माना तथा पास्को एक्ट की धारा 6 में आजीवन कारावास व 5 हजार रुपये का
जुर्माना की सजा सुनाई। वहीं न्यायालय ने आरोपी को धारा 376 में दोषी
पाया, लेकिन बालिका के नाबालिग होने के कारण धारा 6 पास्को एक्ट के तहत
सजा सुनाई।।। बाईट- अतिरिक्त लोक अभियोजक अनूप चौबे।Body:सगी बहन के हत्यारे भाई को आजीवन कारावास की सजा
मामला ग्राम खैरी का
वारासिवनी। अपनी ही सगी नाबालिग बहन के साथ बलात्कार करने के बाद उसकी
हत्या करने के आरोपी भाई को आज प्रथम जिला एवं सत्र अपर न्यायाधीश कमलेश
सनोडिया द्वारा आजीवन कारावास व 11 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया
गया है।
विदित हो कि जनपद पंचायत खैरलॉजी अंतर्गत ग्राम पंचायत खैरी से 3
किलोमीटर दूर स्थित डब्बा तालाब की पार की झाडिय़ों में एक 17 वर्षीय
नाबालिग बालिका प्रियंका बनोटे का शव 5 मई 18 को मिला था। इस बालिका
प्रियंका की गुमशुदगी की रिपोर्ट उसके पिता संतोष बनोटे द्वारा खैरलॉजी
पुलिस थाने में 4 मई को दर्ज कराई गई थी, जिसमें उन्होंने बालिका के 1 मई
से गायब होने की बात लिखाई थी।
जानकारी अनुसार ग्राम खैरी के एक ग्रामीण द्वारा बालिका के शव को डब्बा
तालाब की पार के किनारे झाडिय़ों में क्षत विक्षत हालत में देखा गया था।
मृतिका बालिका के शरीर के कपड़े पूरी तरह से फट गए थे और पूरा शरीर काला
पड़ गया था। ऐसा लग रहा था, जैसे बदन की चमड़ी जल गई हो। शव की वीभत्स
स्थिति को देखकर ग्रामीण ने ग्राम पंचायत खैरी के सरपंच गोविंद दशहरे को
दी। जिस पर सरपंच ने शव दिखने की जानकारी खैरलॉजी पुलिस थाने में दी थी।
मृतिका प्रियंका ग्राम सावरी के हाईस्कूल में कक्षा 9 वीं की छात्रा थी।
शव की स्थिति को देखते हुए अब मृतिका के परिजनों की ओर भी शक की सुई घूम
रही थी।
इस पूरे मामले की जॉच पुलिस विभाग द्वारा सूक्ष्मता से करने पर मृतिका
के भाई रविन्द्र बनोटे पर पुलिस के शक की सुई घूमी थी और जब पुलिस ने
उससे पूछताछ की, तो उसने पुलिस के आगे सारी सच्चाई उगल दी और अपने घृणित
कृत्य की सिलसिलेवार जानकारी पुलिस को दी। जिसके बाद खैरलॉजी पुलिस ने
रविन्द्र के खिलाफ भादवि की धारा 363, 302, 201, 376, 5 एन, 6 लैंगिक
अपराधों से बालकों का संरक्षण के तहत मामला पंजीबद्ध कर न्यायालय में पेश
किया।
जहॉ पर लोक अभियोजक अनूप चौबे द्वारा आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश
किए गए। जिसके बाद विद्वान न्यायाधीश जिला एवं प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश
कमलेश सनोडिया ने मात्र एक वर्ष में ही प्रकरण का फैसला सुनाते हुए आरोपी
रविन्द्र संतोष बनोटे को भादवि की धारा 302 में आजीवन कारावास व 5 हजार
रुपये का जुर्माना, धारा 201 में 7 वर्ष का कारावास व 1 हजार रुपये का
जुर्माना तथा पास्को एक्ट की धारा 6 में आजीवन कारावास व 5 हजार रुपये का
जुर्माना की सजा सुनाई। वहीं न्यायालय ने आरोपी को धारा 376 में दोषी
पाया, लेकिन बालिका के नाबालिग होने के कारण धारा 6 पास्को एक्ट के तहत
सजा सुनाई।।। बाईट- अतिरिक्त लोक अभियोजक अनूप चौबे।Conclusion:सगी बहन के हत्यारे भाई को आजीवन कारावास की सजा
मामला ग्राम खैरी का
वारासिवनी। अपनी ही सगी नाबालिग बहन के साथ बलात्कार करने के बाद उसकी
हत्या करने के आरोपी भाई को आज प्रथम जिला एवं सत्र अपर न्यायाधीश कमलेश
सनोडिया द्वारा आजीवन कारावास व 11 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया
गया है।
विदित हो कि जनपद पंचायत खैरलॉजी अंतर्गत ग्राम पंचायत खैरी से 3
किलोमीटर दूर स्थित डब्बा तालाब की पार की झाडिय़ों में एक 17 वर्षीय
नाबालिग बालिका प्रियंका बनोटे का शव 5 मई 18 को मिला था। इस बालिका
प्रियंका की गुमशुदगी की रिपोर्ट उसके पिता संतोष बनोटे द्वारा खैरलॉजी
पुलिस थाने में 4 मई को दर्ज कराई गई थी, जिसमें उन्होंने बालिका के 1 मई
से गायब होने की बात लिखाई थी।
जानकारी अनुसार ग्राम खैरी के एक ग्रामीण द्वारा बालिका के शव को डब्बा
तालाब की पार के किनारे झाडिय़ों में क्षत विक्षत हालत में देखा गया था।
मृतिका बालिका के शरीर के कपड़े पूरी तरह से फट गए थे और पूरा शरीर काला
पड़ गया था। ऐसा लग रहा था, जैसे बदन की चमड़ी जल गई हो। शव की वीभत्स
स्थिति को देखकर ग्रामीण ने ग्राम पंचायत खैरी के सरपंच गोविंद दशहरे को
दी। जिस पर सरपंच ने शव दिखने की जानकारी खैरलॉजी पुलिस थाने में दी थी।
मृतिका प्रियंका ग्राम सावरी के हाईस्कूल में कक्षा 9 वीं की छात्रा थी।
शव की स्थिति को देखते हुए अब मृतिका के परिजनों की ओर भी शक की सुई घूम
रही थी।
इस पूरे मामले की जॉच पुलिस विभाग द्वारा सूक्ष्मता से करने पर मृतिका
के भाई रविन्द्र बनोटे पर पुलिस के शक की सुई घूमी थी और जब पुलिस ने
उससे पूछताछ की, तो उसने पुलिस के आगे सारी सच्चाई उगल दी और अपने घृणित
कृत्य की सिलसिलेवार जानकारी पुलिस को दी। जिसके बाद खैरलॉजी पुलिस ने
रविन्द्र के खिलाफ भादवि की धारा 363, 302, 201, 376, 5 एन, 6 लैंगिक
अपराधों से बालकों का संरक्षण के तहत मामला पंजीबद्ध कर न्यायालय में पेश
किया।
जहॉ पर लोक अभियोजक अनूप चौबे द्वारा आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश
किए गए। जिसके बाद विद्वान न्यायाधीश जिला एवं प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश
कमलेश सनोडिया ने मात्र एक वर्ष में ही प्रकरण का फैसला सुनाते हुए आरोपी
रविन्द्र संतोष बनोटे को भादवि की धारा 302 में आजीवन कारावास व 5 हजार
रुपये का जुर्माना, धारा 201 में 7 वर्ष का कारावास व 1 हजार रुपये का
जुर्माना तथा पास्को एक्ट की धारा 6 में आजीवन कारावास व 5 हजार रुपये का
जुर्माना की सजा सुनाई। वहीं न्यायालय ने आरोपी को धारा 376 में दोषी
पाया, लेकिन बालिका के नाबालिग होने के कारण धारा 6 पास्को एक्ट के तहत
सजा सुनाई।।। बाईट- अतिरिक्त लोक अभियोजक अनूप चौबे।
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