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स्वास्थ्य विभाग की अपील- अगर 5 दिन से ज्यादा फीवर तो डेंगू की जांच कराएं - ये सावधानियां जरूरी

बालाघाट जिले में डेंगू का प्रकोप कुछ खास नहीं रहा. यहां इस बीमारी का असर जानलेवा नहीं साबित नहीं हुआ. हाल के रिकॉर्ड बताते हैं कि जिले में मिलने वाले डेंगू के ज्यादातर मरीज माइग्रेटरी यानी प्रवासी रहे हैं. राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर विभाग ने अपील की है कि 5 दिन से ज्यादा बीमार होने पर जांच कराएं. (Health Department appeal to people) (Fever 5 days then get dengue tested)

Health Department appeal to people
स्वास्थ्य विभाग की अपील
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Published : May 16, 2022, 7:59 PM IST

बालाघाट। बालाघाट जिले में पिछले साल डेंगू से आठ संक्रमित मिले थे, जो अलग-अलग राज्यों व शहरों से बालाघाट पहुंचे थे. स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों के प्रयासों से समय पर इलाज मिलने के बाद सभी मरीज रिकवर हो गए.

बालाघाट की सीमाओं से खतरा ज्यादा :

गौरतलब हो कि जिले में डेंगू के लिए जिम्मेदार एडिज मच्छर मौजूद हैं, लेकिन अब तक इसका प्रकोप खतरनाक नहीं है. हालांकि आने वाले सालों में अगर छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र सीमाओं से आने वाले प्रवासी लोगों की स्क्रीनिंग की स्थाई व्यवस्था नहीं की गई तो डेंगू अपने पैर पसार सकता है. जिले के ऐसे ग्रामीण क्षेत्र जो छत्तीसगढ़ तथा महाराष्ट्र की सीमा से सटे हैं, वहां विभाग का फोकस अधिक है, हालांकि पिछले साल डेंगू के मामले सामने आने के बाद विभाग ने समय रहते बड़ी मात्रा में लारवा सर्वे किया, और इस पर काबू पाया.

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ये सावधानियां जरूरी : जिला मलेरिया अधिकारी मनीषा जुनेजा ने बताया कि लोगों में गलतफहमी है कि डेंगू के मच्छर गंदे पानी में पलते हैं, बल्कि यह साफ पानी में भी पनपते हैं. ऐसे में उन्होंने लोगों से अपील की है कि पानी के पात्र को ढककर रखें. मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारी से बचने कूलर व अन्य पात्रों में पानी जमा न होने दें. 5 दिन से बुखार है तो कराएं एलाइजा जांच. डेंगू दिवस पर विभागीय तौर पर लोगों से अपील की गई है कि अगर किसी को 5 दिन से लगातार बुखार आ रहा है और मलेरिया की पुष्टि नहीं हुई है, तो जिला अस्पताल में सैंपल देकर एलाइजा जांच जरूर कराएं. (Health Department appeal to people) (Fever 5 days then get dengue tested)

बालाघाट। बालाघाट जिले में पिछले साल डेंगू से आठ संक्रमित मिले थे, जो अलग-अलग राज्यों व शहरों से बालाघाट पहुंचे थे. स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों के प्रयासों से समय पर इलाज मिलने के बाद सभी मरीज रिकवर हो गए.

बालाघाट की सीमाओं से खतरा ज्यादा :

गौरतलब हो कि जिले में डेंगू के लिए जिम्मेदार एडिज मच्छर मौजूद हैं, लेकिन अब तक इसका प्रकोप खतरनाक नहीं है. हालांकि आने वाले सालों में अगर छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र सीमाओं से आने वाले प्रवासी लोगों की स्क्रीनिंग की स्थाई व्यवस्था नहीं की गई तो डेंगू अपने पैर पसार सकता है. जिले के ऐसे ग्रामीण क्षेत्र जो छत्तीसगढ़ तथा महाराष्ट्र की सीमा से सटे हैं, वहां विभाग का फोकस अधिक है, हालांकि पिछले साल डेंगू के मामले सामने आने के बाद विभाग ने समय रहते बड़ी मात्रा में लारवा सर्वे किया, और इस पर काबू पाया.

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