अशोकनगर। शहर में लाइफलाइन के नाम से अपनी पहचान बनाने वाले डॅा. डीके जैन की सेवानिवृत्त हो गई. इसी के चलते जब वह जिला अस्पताल से निकले तो रास्ते में लोगों ने उनको श्रीफल भेंट करते हुए पुष्प मालाएं पहनाई. इस दौरान उनके साथ शहर के गणमान्य नागरिक और समाजसेवी संस्थाओं के लोग रहे. इतना ही नही अस्पताल प्रबंधन के लोग उन्हे बैंड-बाजों के साथ घर तक छोडने भी पहुंचे.
कुछ इस तरह रहा डॉ. डीके जैन की लोकप्रियता का ग्राफ
एक तरफ जहां डॉक्टरों के कुर्सियों पर न बैठने की समस्याएं पूरे प्रदेश में चल रही हैं वहीं दूसरी तरफ हर दिन ड्यूटी के अतिरिक्त रात को घूमकर वापस लौटते समय फिर राउंड मारने वाले डॉक्टर कम ही मिलते हैं. डॉ. डीके जैन की लोकप्रियता का ग्राफ शहर के सभी डॉक्टरों से अलग रहा.
रात को किसी भी समय कभी भी अगर कोई सीरियस मरीज अस्पताल में भर्ती हुआ तो इमरजेंसी ड्यूटी डॉक्टर का फोन सबसे पहले डॉ. जैन के पास पहुंचता था. यहां तक फोन करने के बाद ईसीजी या अन्य रिपोर्ट वाट्सएप पर भेजकर जूनियर डॉक्टर उनके मार्गदर्शन के अनुसार मरीजों का इलाज करते रहे हैं. यहीं वजह रही कि श्री जैन को शहर की लाइफलाइन के नाम से पहचान मिली.