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अशोकनगर: श्रेय लेने की होड़ में राजनीति की भेंट चढ़ा अंडरपास

अंडरपास निर्माण से पहले ही बीजेपी और कांग्रेस में श्रेय लेने की होड़ लग गई है, जहां बीजेपी में शामिल हुए जजपाल सिंह जज्जी ने इसे अपनी देन बता रहे हैं. वहीं कांग्रेस नेता त्रिलोक अहिरवार ने इस पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार की देन बताया है.

bpj and congress are taking credit of underpass Construction
राजनीति की भेंट चढ़ अंडरपास
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Published : Jun 12, 2020, 9:50 PM IST

अशोकनगर। कोरोना संक्रमण के बीच मध्य प्रदेश में धीरे-धीरे राजनीतिक माहौल बनता नजर आ रहा है, क्योंकि लगातार निर्माण कार्यों में कांग्रेस और बीजेपी पार्टियां अपना-अपना श्रेय लेने की होड़ में लग गई हैं. ऐसा ही ताजा मामला जिले में देखने को मिला, जहां दोनों ही पार्टियां श्रेय लेने की राजनीति कर रही हैं.

श्रेय लेने की होड़ में राजनीति की भेंट चढ़ा अंडरपास

जिले में सबसे बड़ी समस्या बना अंडरपास पहले भी कई बार राजनीति की भेंट चढ़ चुका है. कभी बीजेपी के सांसद केपी यादव ने अंडरपास का शिलान्यास किया, तो कभी कांग्रेस से विधायक रहे जजपाल सिंह जज्जी ने इसे स्वीकृत कराने में अपनी दावेदारी पेश की, लेकिन कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी ही पार्टी में सम्मान नहीं मिलने की वजह से कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा था. उनके साथ ही कांग्रेस से विधायक रहे जजपाल सिंह जज्जी ने भी बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी, पर अब भी अंडरपास की स्वीकृति पर अपना दावा कर रहे हैं.

कुछ ही दिन पहले अंडरपास का मुद्दा राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का विषय बना हुआ है. लगभग 10 दिन पहले अंडरपास के लिए रेलवे इंजीनियर द्वारा ले-आउट के माध्यम से अंडरपास की जगह को चिन्हित किया गया था. साथ ही 4 महीने में अंडरपास का कार्य पूरा करने का आश्वासन भी दिया गया था. ठेकेदारों द्वारा 10 दिन पहले ही कार्य शुरू करने का दावा भी पेश किया गया था, लेकिन निर्धारित अवधि बीत जाने के बाद भी वहां किसी भी तरह का कार्य देखने को नहीं मिला. हालांकि ले-आउट पर रेखांकन के दौरान मौके पर पूर्व विधायक जजपाल सिंह जज्जी मौजूद रहे, जिन्होंने जल्द ही इस निर्माण कार्य को पूरा करने की बात कही.

इस पर कांग्रेस नेता त्रिलोक अहिरवार ने पूर्व विधायक जजपाल सिंह द्वारा अंडरपास निर्माण कार्य के पीछे श्रेय लेने की राजनीति बताया है, क्योंकि अंडरपास में जितनी भी राशि खर्च की गई है, वह सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस सरकार की देन है.

उन्होंने कहा कि जब ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद थे, तब उनके द्वारा यह राशि अंडरपास के निर्माण कार्य के लिए दी गई थी, वहीं दूसरी ओर पूर्व विधायक जज्जी द्वारा भी शेष राशि की स्वीकृति कमलनाथ सरकार के द्वारा ही दी गई थी. हालांकि अब ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं, इसलिए वह इसे अपनी ही उपलब्धि बता रहे हैं.

अशोकनगर। कोरोना संक्रमण के बीच मध्य प्रदेश में धीरे-धीरे राजनीतिक माहौल बनता नजर आ रहा है, क्योंकि लगातार निर्माण कार्यों में कांग्रेस और बीजेपी पार्टियां अपना-अपना श्रेय लेने की होड़ में लग गई हैं. ऐसा ही ताजा मामला जिले में देखने को मिला, जहां दोनों ही पार्टियां श्रेय लेने की राजनीति कर रही हैं.

श्रेय लेने की होड़ में राजनीति की भेंट चढ़ा अंडरपास

जिले में सबसे बड़ी समस्या बना अंडरपास पहले भी कई बार राजनीति की भेंट चढ़ चुका है. कभी बीजेपी के सांसद केपी यादव ने अंडरपास का शिलान्यास किया, तो कभी कांग्रेस से विधायक रहे जजपाल सिंह जज्जी ने इसे स्वीकृत कराने में अपनी दावेदारी पेश की, लेकिन कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी ही पार्टी में सम्मान नहीं मिलने की वजह से कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा था. उनके साथ ही कांग्रेस से विधायक रहे जजपाल सिंह जज्जी ने भी बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी, पर अब भी अंडरपास की स्वीकृति पर अपना दावा कर रहे हैं.

कुछ ही दिन पहले अंडरपास का मुद्दा राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का विषय बना हुआ है. लगभग 10 दिन पहले अंडरपास के लिए रेलवे इंजीनियर द्वारा ले-आउट के माध्यम से अंडरपास की जगह को चिन्हित किया गया था. साथ ही 4 महीने में अंडरपास का कार्य पूरा करने का आश्वासन भी दिया गया था. ठेकेदारों द्वारा 10 दिन पहले ही कार्य शुरू करने का दावा भी पेश किया गया था, लेकिन निर्धारित अवधि बीत जाने के बाद भी वहां किसी भी तरह का कार्य देखने को नहीं मिला. हालांकि ले-आउट पर रेखांकन के दौरान मौके पर पूर्व विधायक जजपाल सिंह जज्जी मौजूद रहे, जिन्होंने जल्द ही इस निर्माण कार्य को पूरा करने की बात कही.

इस पर कांग्रेस नेता त्रिलोक अहिरवार ने पूर्व विधायक जजपाल सिंह द्वारा अंडरपास निर्माण कार्य के पीछे श्रेय लेने की राजनीति बताया है, क्योंकि अंडरपास में जितनी भी राशि खर्च की गई है, वह सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस सरकार की देन है.

उन्होंने कहा कि जब ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद थे, तब उनके द्वारा यह राशि अंडरपास के निर्माण कार्य के लिए दी गई थी, वहीं दूसरी ओर पूर्व विधायक जज्जी द्वारा भी शेष राशि की स्वीकृति कमलनाथ सरकार के द्वारा ही दी गई थी. हालांकि अब ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं, इसलिए वह इसे अपनी ही उपलब्धि बता रहे हैं.

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