अशोकनगर। राजनीतिक दलों ने यादव समाज का लगातार राजनीतिक शोषण किया है. भाजपा हो या कांग्रेस दोनों दलों ने यादव समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया है. यह बात अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के जिला अध्यक्ष केपी यादव ने रविवार को पत्रकार वार्ता के दौरान कही. उन्होंने भाजपा संगठन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हमारे समाज को नजरअंदाज किया गया. तो आगामी चुनावी परिणाम ठीक नहीं होंगे.
दोनों दलों ने किया यादव समाज का राजनैतिक शोषणः अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के जिलाध्यक्ष ने कहा कि "चाहे भारतीय जनाता पार्टी हो या कांग्रेस दोनों ही दलों ने यादव समाज का राजनीतिक शोषण किया है. यदि भाजपा की बात करें तो पूरे प्रदेश संगठन में सिर्फ एक सदस्य को शामिल किया गया है. वे हैं पूर्व मंत्री ललिता यादव, जबकि वे चुनाव की तैयारी कर रही है और उनके मना करने के बाद भी उन्हें संगठन में शामिल कर लिया गया है. हाल ही में भाजपा में 57 जिलों में जिला संयोजक की घोषणा की गई है. उसमें भी सीताराम यादव सीहोर से शामिल किए गए हैं. यदि संख्या की बात करें तो पूरे प्रदेश में करीब एक करोड़ के लगभग हमारी जनसंख्या है. जो कि पूरे प्रदेश का करीब 11 प्रतिशत है. इसमें भी बड़ी संख्या में हम भाजपा का समर्थन करते हैं. क्या हम यादव समाज के लोग पार्टियों के झंडे उठाते रहेंगे, जयकारे ही लगाते रहेगें..? आगाामी चुनावों में यादव समाज इनको सबक सिखाने का काम करेगी.
ये भी पढ़ें :- |
यादव समाज से सांसद व मंत्रीः भले ही यादव समाज की उपेक्षा की बात समाज के लोगों द्वारा कही जा रही है, लेकिन जिले में यादव समाज को राजनीतिक दलों द्वारा काफी महत्व दिया जाता है. जिले में पिछली बार लोकसभा का टिकट अशोकनगर जिले के ही डॉ. केपी यादव को दिया गया था. वर्तमान में वे गुना संसदीय सीट से लोकसभा सांसद हैं. इसी तरह मुंगावली क्षेत्र में हमेशा राजनैतिक दल ज्यादातर यादव समाज के व्यक्ति को ही चुनावी मैदान में उतारते हैं. पिछले तीन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने ब्रजेन्द्र सिंह यादव को टिकट दिया है. इसके अलावा बाईसाहब, राव देशराज सिंह, डॉ. केपी यादव आदि को भी राजनैतिक दल द्वारा टिकट दिया जा चुका है. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष वर्तमान में यादव समाज से ही हैं.