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मिड डे मील की दाल में मिले कीड़े, मामले से पल्ला झाड़ रहे समूह और स्कूल प्रबंधन - विकाश खंड समन्वयक मामले को गंभीरता से लेने की बात कह रहे है

अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ जनपद अंतर्गत जरही प्राथमिक शाला में बच्चों को दिए जाने वाले खाने में कीड़े पड़ने का मामला सामने आया है. इस लापरवाही पर स्कूल के शिक्षक और समूह के सदस्य अपनी जवाबदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं.

मिड डे मील की दाल में मिले कीड़े, मामले से पल्ला झाड़ रहे समूह और स्कूल प्रबंधन
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Published : Aug 23, 2019, 11:56 PM IST

अनूपपुर। जिले के पुष्पराजगढ़ जनपद अंतर्गत जरही प्राथमिक माध्यमिक विद्यालय में बच्चों को दिए जाने वाले खाने में कीड़े पड़ने की बात सामने आई है. बताया गया है कि बाजार में मिल रही खराब किस्म के कीड़े लगी दाल को आधे से कम दामों में खरीदकर उसे बच्चों के लिए दिया जाता है.

मिड डे मील की दाल में मिले कीड़े, मामले से पल्ला झाड़ रहे समूह और स्कूल प्रबंधन

स्कूल में लापरवाही इस हद तक है कि यहां बच्चों को प्लेट साफ करने के लिए डिटर्जेंट भी नहीं दिया जाता हैं, जिसके चलते बच्चे खुद ही मिट्टी से अपना प्लेट धोते हैं. स्कूल के शिक्षक और मध्यान्ह भोजन बनाने वाली सहायिका ने कैमरे पर स्वीकार किया हैं कि मध्यान्ह भोजन में जो चावल बच्चों को खिलाया जा रहा है वो बहुत ही घटिया किस्म का है, जबकि दाल में कीड़े लगे हैं.

इस लापरवाही पर स्कूल के शिक्षक और समूह के सदस्य अपनी जवाबदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं. वहीं विकाश खंड समन्वयक मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने की बात कहते नजर आ रहे हैं.

अनूपपुर। जिले के पुष्पराजगढ़ जनपद अंतर्गत जरही प्राथमिक माध्यमिक विद्यालय में बच्चों को दिए जाने वाले खाने में कीड़े पड़ने की बात सामने आई है. बताया गया है कि बाजार में मिल रही खराब किस्म के कीड़े लगी दाल को आधे से कम दामों में खरीदकर उसे बच्चों के लिए दिया जाता है.

मिड डे मील की दाल में मिले कीड़े, मामले से पल्ला झाड़ रहे समूह और स्कूल प्रबंधन

स्कूल में लापरवाही इस हद तक है कि यहां बच्चों को प्लेट साफ करने के लिए डिटर्जेंट भी नहीं दिया जाता हैं, जिसके चलते बच्चे खुद ही मिट्टी से अपना प्लेट धोते हैं. स्कूल के शिक्षक और मध्यान्ह भोजन बनाने वाली सहायिका ने कैमरे पर स्वीकार किया हैं कि मध्यान्ह भोजन में जो चावल बच्चों को खिलाया जा रहा है वो बहुत ही घटिया किस्म का है, जबकि दाल में कीड़े लगे हैं.

इस लापरवाही पर स्कूल के शिक्षक और समूह के सदस्य अपनी जवाबदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं. वहीं विकाश खंड समन्वयक मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने की बात कहते नजर आ रहे हैं.

Intro:एक तरफ सरकार मिलावट खोरों पर शिकंजा कसने अपनी कमर कसे हुए है कारण प्रदेश की जनता का स्वास्थ्य ना बिगड़े वही उनके खुद के स्कूलों में मिलावटी दाल, और कीड़े लगे चावल परोसे जा रहे । जिले के पुष्पराजगढ़ जनपद अंतर्गत जरही प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालय जहां नौनिहालों के निवाले मैं कीड़े परोसे जा रहे मजबूरी में खा रहे यह बच्चे मध्यान्ह भोजन , बीमार होने का खतरा भी मंडरा रहा स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के नाम पर बच्चों को घटिया खाना परोसा जा रहा है. कीड़े और घुन लगे घटिया चावल खिलाकर मध्यान्ह भोजन की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।
वीओ 01 बाजार में खराब कीड़े लगी दाल अच्छी दाल से आधे से कम दामों में मिल जाती है उसी दाल को फटकवा कर कीड़े निकलवा उसे बच्चों को खिलाकर मध्यान्ह भोजन की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं कभी कभी बच्चे यैसा खाना खाते भी नही यैसे मैं भूखे-प्यासे स्कूली बच्चे सुबह से शाम तक कैसे और कितनी पढ़ाई करते होंगे, जिसका अंदाजा बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है.
बच्चे मिट्टी से धुलते हैं खुद की प्लेट
स्कूल में बच्चे पहले अपनी प्लेट खुद से धोते हैं वो भी स्कूल के मैदान की मिट्टी से उन्हें किसी प्रकार का डिटर्जेंट नही दिया जाता छोटे बच्चे जैसे तैसे अपनी प्लेट धोते है फिर उसी थाली में भोजन लेते है। बरसात में जहां संक्रमण की संभावनाएं ज्यादा होति है मिट्टी से बर्तन धोना वो भी खुद से लापरवाही की हद पार कर दी गयी है।
स्कूल के शिक्षक और मध्यान्ह भोजन बनाने वाली सहायिका ने कैमरे पर स्वीकार कर रही हैं कि, मध्यान्ह भोजन में जो चावल बच्चों को खिलाया जा रहा है वो बहुत ही घटिया किस्म का है; और दाल में कीड़े लगे हैं और खुले में पड़ी बोरियों मैं कीड़े साफ दिखाई दे रहे,जिसे खाकर बच्चों को गंभीर बीमारी भी हो सकती है.


Body:स्कूल के शिक्षक और समूह के सदस्य अपनी जवाबदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं.
जिले के पुष्पराजगढ़ जनपद के जरही माध्यमिक शाला के प्राचार्य भी नोटिस का हवाला दे किसी अप्रिय घटना का इन्तेजार कर रहे वहीं बिकाश खंड समन्वयक तुरंत कार्यवाही कर मामले को गंभीरता से लेने की बात कह रहे पर सवाल यह उठता है की यैसे लापरवाह समूहों जो अपनी बचत के लिए बच्चों की थाली में मौत परोश रही उन पर शिकंजा कब कसेगा ।Conclusion:बाइट:- छात्रा सुमति
बाइट:- छात्रा पूजा
बाइट :- सहायिका ममता स्व सहायता समूह।
बाइट :- रामलखन पनिका प्राचार्य
बाइट :-हर प्रशाद तिवारी विकाश खंड समन्वयक शिक्षा विभाग
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