अलीराजपुर। झोलाछाप की डिग्री के बारे में पूछ लो तो वे भड़क जाते हैं. ग्रामीणों के अनुसार जिले के स्वास्थ्य केंद्र से ज्यादा ओपीडी इन अवैध रूप से चला रहे क्लीनिकों पर देखने को मिल रही है. जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ रेफर के लिए ही खुले हैं. जिले में स्वस्थ केंद्रों से अधिक बंगाली डॉक्टरों के दरवाजे हमेशा खुले मिलेंगे. बंगाली डॉक्टर के हौसले इतने बुलंद है कि इनके पास ना तो कोई इलाज करने की डिग्री है और न ही इनके पास कोई जांच करने की कोई मशीन है.
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कोरोना काल में गायब हो गए थे, अब फिर आ गए : जिले भर में बीते कुछ माह में कई युवाओं की इनके इलाज के दौरान हाई डोज दवाई देने से मौत हो चुकी है. जब कि कोरोनो काल मे ये सभी अपनी दुकानें बंद कर चले गये थे, जब स्थिति सामान्य होने लगी तो आकर अपनी दुकानें भीर से सजाने लग गए हैं. यहां बंगाली डॉक्टर अपने आपको डॉक्टर बताते हैं लेकिन इस तरह की कोई डिग्री उनके पास नहीं रहती. अवैध वसूली करने के चक्कर में ये हाई डोज की गोलियां व बॉटल अपने क्लीनिक पर चढ़ाते हैं.