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'कोरोना काल' में जलसंकट से जूझ रहे छोटा जीन के लोग, प्रशासन कर रहा सप्लाई की व्यवस्था - आगर समाचार

गर्मी के दिन आते ही आगर क्षेत्र के छोटा जीन में पानी की समस्या बढ़ गई है, जिससे सुसनेर के वार्ड क्रमांक 13 की आधी आबादी जल संकट से जूझने को मजबूर हो गई है.

Water crisis in Chota Jean region of Agar
'कोरोना काल' में छोटा जीन क्षेत्र में जलसंकट, ग्रामीण परेशान
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Published : May 5, 2020, 9:56 PM IST

Updated : May 5, 2020, 10:02 PM IST

आगर मालवा। मई में गर्मी की तपन बढ़ने के साथ ही जिले के सुसनेर के छोटा जीन की आधी आबादी जलसंकट से जूझने रही है. इस क्षेत्र में छोटी-छोटी गलियों में रहने वाले लोगों को पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है. इस क्षेत्र में लगाए गए दो सार्वजनिक हैंडपम्पों ने भी दम तोड़ दिया है, साथ ही इन गलियों में नगर परिषद की पुरानी पेयजल पाइप लाइन भी नहीं है. परिषद ने नई पाइप लाइन डाली जरूर है, लेकिन उसके जरिए अभी पेयजल वितरण की शुरूआत नहीं हो पाई है. जिससे वार्ड के नागरिक पानी की बूंद-बूंद को तरसने को मजबूर हो रहे हैं.

परिषद के सभी जिम्मेदारों का सारा ध्यान कोरोना महामारी से निपटने और लॉकडाउन की व्यवस्थाओं में लगा हुआ है. इसी वजह से परिषद के जिम्मेदार भी इस ओर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं. इस क्षेत्र में गर्मी के मौसम में हर साल जलसंकट पैदा होता है और रहवासी ही उससे निपटते हैं. इस क्षेत्र में जलसंकट से निपटने के लिए गत वर्ष नगर परिषद ने सार्वजनिक हैडपम्प में मोटर लगाकर रहवासियों के मकानों की छतों व गैलरियों के सहारे पाइप लाइन डालकर पेयजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की थी. जिससे इस क्षेत्र का जलसंकट दूर करने में परिषद काफी हद तक सफल भी हुआ था, लेकिन बाद में विवाद की स्थिति पैदा होने के कारण परिषद ने इस व्यवस्था को बंद कर दिया. अब उस विवाद का खामियाजा छोटा जीन की आधी आबादी को भुगतना पड़ रहा है.

निजी जलस्त्रोत भी तोड़ रहे हैं दम

अब नगर परिषद के साथ लोगों को पेजयल उपलब्ध कराने के लिए नागपुर की मल्टी अर्बन कम्पनी भी काम कर रही है, लेकिन उसके बाद भी कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर जलसंकट की समस्या अब अपने पैर पसारने लगी है. जलसंकट से ग्रसित क्षेत्रो़ं में स्थिति बिगड़ने के कारण लोगों को पानी लाने के लिए दूर-दराज जाना पड़ रहा है.

कोरोना के साथ जलसंकट पर भी परिषद का ध्यान

छोटा जीन के रहवासी ऋषभ जैन, सुनिल जैन और नितेश कुमार जोशी सहित कई अन्य रहवासियों का कहना है कि नगर परिषद और उसके जिम्मेदार कोरोना से निपटने के साथ-साथ जलसंकट से निपटने की ओर भी ध्यान दे रहे हैं.

300 रूपए में टैंकर से ले रहे पानी

शहर के कई इलाकों में तो हालात ऐसे हैं कि जो सक्षम लोग हैं वो 300 रूपए में एक पानी का टैंकर ले रहे हैं, तो वहीं गरीब वर्ग के लोग पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. बता दें कि हर साल जलसंकट के बढ़ने के साथ ही टैंकरों से पानी बेचने का धंधा भी शुरू हो जाता है जो कि इस वर्ष लॉकडाउन के चलते बढ़े हुए दामों में चल रहा है.

जल्द शुरू होगी नई पाइपलाइन

नगर परिषद सीएमओ हरिवल्लभ शर्मा का कहना है कि छोटा जीन क्षेत्र के कुछ हिस्सों में जलसंकट की स्थिति है. उन्होंने खुद वहां का निरीक्षण करके स्थिति का जायजा लिया है. नई पाइप लाइन शुरू करने के लिए कुछ सामान की आवयश्कता है जिसे इंदौर से मंगवाया गया है. सामान आते ही जल्द से जल्द पाइप लाइन से पेयजल की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी.

आगर मालवा। मई में गर्मी की तपन बढ़ने के साथ ही जिले के सुसनेर के छोटा जीन की आधी आबादी जलसंकट से जूझने रही है. इस क्षेत्र में छोटी-छोटी गलियों में रहने वाले लोगों को पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है. इस क्षेत्र में लगाए गए दो सार्वजनिक हैंडपम्पों ने भी दम तोड़ दिया है, साथ ही इन गलियों में नगर परिषद की पुरानी पेयजल पाइप लाइन भी नहीं है. परिषद ने नई पाइप लाइन डाली जरूर है, लेकिन उसके जरिए अभी पेयजल वितरण की शुरूआत नहीं हो पाई है. जिससे वार्ड के नागरिक पानी की बूंद-बूंद को तरसने को मजबूर हो रहे हैं.

परिषद के सभी जिम्मेदारों का सारा ध्यान कोरोना महामारी से निपटने और लॉकडाउन की व्यवस्थाओं में लगा हुआ है. इसी वजह से परिषद के जिम्मेदार भी इस ओर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं. इस क्षेत्र में गर्मी के मौसम में हर साल जलसंकट पैदा होता है और रहवासी ही उससे निपटते हैं. इस क्षेत्र में जलसंकट से निपटने के लिए गत वर्ष नगर परिषद ने सार्वजनिक हैडपम्प में मोटर लगाकर रहवासियों के मकानों की छतों व गैलरियों के सहारे पाइप लाइन डालकर पेयजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की थी. जिससे इस क्षेत्र का जलसंकट दूर करने में परिषद काफी हद तक सफल भी हुआ था, लेकिन बाद में विवाद की स्थिति पैदा होने के कारण परिषद ने इस व्यवस्था को बंद कर दिया. अब उस विवाद का खामियाजा छोटा जीन की आधी आबादी को भुगतना पड़ रहा है.

निजी जलस्त्रोत भी तोड़ रहे हैं दम

अब नगर परिषद के साथ लोगों को पेजयल उपलब्ध कराने के लिए नागपुर की मल्टी अर्बन कम्पनी भी काम कर रही है, लेकिन उसके बाद भी कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर जलसंकट की समस्या अब अपने पैर पसारने लगी है. जलसंकट से ग्रसित क्षेत्रो़ं में स्थिति बिगड़ने के कारण लोगों को पानी लाने के लिए दूर-दराज जाना पड़ रहा है.

कोरोना के साथ जलसंकट पर भी परिषद का ध्यान

छोटा जीन के रहवासी ऋषभ जैन, सुनिल जैन और नितेश कुमार जोशी सहित कई अन्य रहवासियों का कहना है कि नगर परिषद और उसके जिम्मेदार कोरोना से निपटने के साथ-साथ जलसंकट से निपटने की ओर भी ध्यान दे रहे हैं.

300 रूपए में टैंकर से ले रहे पानी

शहर के कई इलाकों में तो हालात ऐसे हैं कि जो सक्षम लोग हैं वो 300 रूपए में एक पानी का टैंकर ले रहे हैं, तो वहीं गरीब वर्ग के लोग पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. बता दें कि हर साल जलसंकट के बढ़ने के साथ ही टैंकरों से पानी बेचने का धंधा भी शुरू हो जाता है जो कि इस वर्ष लॉकडाउन के चलते बढ़े हुए दामों में चल रहा है.

जल्द शुरू होगी नई पाइपलाइन

नगर परिषद सीएमओ हरिवल्लभ शर्मा का कहना है कि छोटा जीन क्षेत्र के कुछ हिस्सों में जलसंकट की स्थिति है. उन्होंने खुद वहां का निरीक्षण करके स्थिति का जायजा लिया है. नई पाइप लाइन शुरू करने के लिए कुछ सामान की आवयश्कता है जिसे इंदौर से मंगवाया गया है. सामान आते ही जल्द से जल्द पाइप लाइन से पेयजल की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी.

Last Updated : May 5, 2020, 10:02 PM IST
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