आगर-मालवा। फरवरी-मार्च में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल बर्बाद होने से बेजार किसानों के लिये अब कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर लागू लॉकडाउन से उपजे हालात ने और भी गंभीर संकट पैदा कर दिया है. इसका ज्यादा असर उन किसानों पर पड़ा है, जो फलों, फूल और सब्जी की खेती करने वाले हैं. आगर मालवा जिले के सुसनेर के कीटखेडी बाध में तरबूज की खेती करने वाले किसानों को परिवहन बंद होने की वजह से भारी नुकसान हो रहा है.
किसानों ने बताया कि, उन्होंने अपनी सारी पूंजी खेती में लगा दी, लेकिन कोरोना के कारण लगा लॉकडाउन ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया. उपज तो अच्छी हुई, लेकिन उसे बाजार नहीं मिल पा रहा, जिस कारण अब उन्हें परिवार चलाने में भी परेशानी हो रही है, घर में रखा अनाज खत्म होने को है, जिस कारण भविष्य की चिंता सता रही है. किसानों ने सरकार से मदद की अपील की है, कि जल्द उनकी समस्याओं का समाधान निकाला जाए, नहीं तो वे भूखे रहने को मजबूर हो जाएंगे.
कीटखेडी बाध की 200 बीघा से भी सब्जियों की खेती करने वाले 20 परिवारों के सामने भरण पोषण की समस्या खड़ी हो गई है. लॉकडाउन के चलते इनका सब्जियों का व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. इससे इनका काफी नुकसान हो रहा है. इनके द्वारा बोई गई ककड़ी , तरबूज, लौकी, गिलकी, करेला आदि खराब होती जा रही हैं. जिससे इनकी जीविका पर संकट मड़राने लगा है. हजारों की लागत लगाने के बाद भी किसान खराब फसलों को फेंक रहा है.