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शासन की रोक के बाद भी सहकारी संस्थाओं से वितरित हो रहा घटिया चावल - Non-standard rice agar

आगर जिले में घटिया चावल पर के रोक के बावजूद भी गरीबों में वितरण किया जा रहा है. बता दें कि इसके वितरण को लेकर शासन ने रोक लगा दी है.

Shoddy rice is being distributed from cooperative institutions even after the government's ban
सहकारी संस्थाओं से वितरित हो रहा घटिया चावल
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Published : Sep 8, 2020, 3:52 PM IST

आगर। सहकारी संस्थाओं से गरीबों को घटिया चावल के वितरण किये जाने का मामला सामने आया है. जिले के सुसनेर में सहकारी संस्थाओं से अमानक चावल का वितरण अभी भी हो रहा है. जबकि शासन ने अब इसकी सप्लाई पर रोक लगा दी है. इसी के चलते भारतीय खाद्य निगम ने शासन के गोदामों में स्टाक में रखे चावल के नमूने लेकर के जांच के लिए भेजे हैं. जांच के नतीजे आने तक अब इस घटिया क्वालिटी के चावल की सप्लाई पर रोक लगा दी गई है. वहीं सहकारी संस्थाओं में जाे स्टॉक बचा है, उसकी सप्लाई गरीबों के बीच वितरण करना बदस्तूर जारी है.

सुसनेर क्षेत्र की राशन दुकानों और सहकारी संस्थाओं में एक अप्रैल से 31 अगस्त तक 32 हजार 795 क्विंटल चावल आया है. इसमें 7 हजार 651 क्विंटल चावल गोदामों में रखा है. शेष चावल सहकारी संस्थाओं और राशन दुकानों में भेज दिया गया है. जो गरीबों में वितरित हो रहा है. बता दें कि बालाघाट और सिवनी जिले की कई चावल मिलों से यह चावल सप्लाई हुआ है. घटिया चावल सप्लाई के आरोप में यह चावल मीलें सील हो चुकी है. वहीं इस मामले को लेकर जांच कराई जा रही है.

सुसनेर क्षेत्र में भी घटिया चावल के वितरण की सप्लाई पर भले ही सरकार ने रोक दी हो, लेकिन अभी तक किसी भी सहकारी संस्था के पास यह आदेश नहीं आया है इस सम्बंध में वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के सहायक गुणवत्ता नियत्रंक जितेन्द्र सिंह डावर का कहना है कि भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों ने चावल के सैंपल लिए हैं. उन्ही के आदेश से अब जो स्टाक शेष है, उसकी सप्लाई पर रोक लगा दी गई है. अब जांच के नतीजों का इंतजार है. वहीं द्वार प्रदाय योजना के परिवहनकर्ता एमएम खान का कहना है कि कई सहकारी संस्थाओं ने तो उनसे चावल के घटिया होने की शिकायत की है. उन्होने सभी से यह कहा है कि वे पंचनामा बनाकर के चावल वापस भेज सकते हैं.

आगर। सहकारी संस्थाओं से गरीबों को घटिया चावल के वितरण किये जाने का मामला सामने आया है. जिले के सुसनेर में सहकारी संस्थाओं से अमानक चावल का वितरण अभी भी हो रहा है. जबकि शासन ने अब इसकी सप्लाई पर रोक लगा दी है. इसी के चलते भारतीय खाद्य निगम ने शासन के गोदामों में स्टाक में रखे चावल के नमूने लेकर के जांच के लिए भेजे हैं. जांच के नतीजे आने तक अब इस घटिया क्वालिटी के चावल की सप्लाई पर रोक लगा दी गई है. वहीं सहकारी संस्थाओं में जाे स्टॉक बचा है, उसकी सप्लाई गरीबों के बीच वितरण करना बदस्तूर जारी है.

सुसनेर क्षेत्र की राशन दुकानों और सहकारी संस्थाओं में एक अप्रैल से 31 अगस्त तक 32 हजार 795 क्विंटल चावल आया है. इसमें 7 हजार 651 क्विंटल चावल गोदामों में रखा है. शेष चावल सहकारी संस्थाओं और राशन दुकानों में भेज दिया गया है. जो गरीबों में वितरित हो रहा है. बता दें कि बालाघाट और सिवनी जिले की कई चावल मिलों से यह चावल सप्लाई हुआ है. घटिया चावल सप्लाई के आरोप में यह चावल मीलें सील हो चुकी है. वहीं इस मामले को लेकर जांच कराई जा रही है.

सुसनेर क्षेत्र में भी घटिया चावल के वितरण की सप्लाई पर भले ही सरकार ने रोक दी हो, लेकिन अभी तक किसी भी सहकारी संस्था के पास यह आदेश नहीं आया है इस सम्बंध में वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के सहायक गुणवत्ता नियत्रंक जितेन्द्र सिंह डावर का कहना है कि भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों ने चावल के सैंपल लिए हैं. उन्ही के आदेश से अब जो स्टाक शेष है, उसकी सप्लाई पर रोक लगा दी गई है. अब जांच के नतीजों का इंतजार है. वहीं द्वार प्रदाय योजना के परिवहनकर्ता एमएम खान का कहना है कि कई सहकारी संस्थाओं ने तो उनसे चावल के घटिया होने की शिकायत की है. उन्होने सभी से यह कहा है कि वे पंचनामा बनाकर के चावल वापस भेज सकते हैं.

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