आगर। मुख्यमंत्री कमलनाथ शहर में आयोजित किसान सम्मेलन में शामिल हुए, जहां उनके भाजपा विरोधी भाषण से नाराज होकर सांसद महेंद्र सोलंकी, पूर्व विधायक लालजीराम मालवीय के साथ दर्जनों भाजपाईयों ने काले झंडे दिखाने की कोशिश में थे, इससे पहले पुलिस ने भाजपाईयों को गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तारी के दौरान सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी और पुलिस के बीच झूमाझटकी भी हुई. सभी नेताओं को पहले एसपी कार्यालय लाया गया, इसके बाद सभी भाजपाई कार्यालय के सामने ही बैठकर नारेबाजी करने लगे.
धारा 151 के तहत मामला दर्ज
प्रदर्शन के दौरान पुलिस अधिकारी बीजेपी नेताओं से वापस जाने की बात कहते रहे, लेकिन सांसद और अन्य भाजपाई खुद की गिरफ्तारी और जेल भेजने की बात पर अड़े रहे. ऐसे में सभी भाजपाइयों को पुलिस अपनी गाड़ी में बैठाकर पुलिस लाइन ले गई, जहां सभी के खिलाफ धारा 151 के तहत मामला दर्ज किया गया और सभी को जमानत पर छोड़ दिया गया.
ये था मामला
इस पूरे घटनाक्रम से पहले सांसद महेंद्र सोलंकी, सीएम के किसान सम्मेलन में भी आये थे, लेकिन जब सीएम कमलनाथ ने संबोधन के दौरान बीजेपी के विरोध में भाषण देने लगे और दिल्ली दंगों पर बात करने लगे तो सांसद सोलंकी मंच से उतर और वहां से चलते बने.
'1984 के सिख दंगों में कमलनाथ थे शामिल'
बीजेपी सांसद महेंद्र सोलंकी ने बताया कि सीएम कमलनाथ दिल्ली दंगों पर बात करते हैं और श्रद्धांजलि देते है, जबकि साल 1984 के सिख दंगों में वे खुद शामिल थे. उन्हें शर्म आना चाहिए कि वे बेरोजगारी दूर करने की बात करते हैं, लेकिन इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाते. उपचुनाव आते ही आगर वे तमाम घोषणाएं कर गए. उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्हें प्रदर्शन करने से रोका गया.