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MP High Court: बीजेपी MLA जज्जी ने खुद को बीमार साबित करने के लिए जारी किए 2 प्रेस नोट, कोर्ट ने पेश होने को कहा - हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ

हाई कोर्ट में भाजपा विधायक जजपाल सिंह जज्जी का निर्वाचन शून्य होने का मामला चल रहा है इस बीच जज्जी ने बीमारी संबंधी आवेदन को सही ठहराने अशोकनगर के जनसंपर्क कार्यालय ने दो प्रेस नोट जारी किए. एक में मौजूदगी बताई तो दूसरे में इनकार किया जिसपर हाईकोर्ट ने 7 अगस्त को आवश्यक रूप से पेश होने के सख्त निर्देश दिए हैं.

MP High Court
MLA Jajpal Singh Jajji
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Published : Aug 2, 2023, 10:07 AM IST

अधिवक्ता

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने अशोकनगर के भाजपा विधायक जजपाल सिंह जज्जी के हॉस्पिटलाइज होने और 15 दिन तक अपने बयान दर्ज कराने में असमर्थता जताने वाले आवेदन पर नाराजगी जताई है. जस्टिस सुनीता यादव ने विधायक के 15 दिन के आवेदन को निरस्त करते हुए जजपाल सिंह जज्जी को आवश्यक रूप से 7 अगस्त से अपने बयान दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने 3 दिन के भीतर यानी 10 अगस्त तक अपने गवाहों के कथन भी लिपिबद्ध कराने के निर्देश दिए हैं.

ये है पूरा मामला: दरअसल भाजपा के ही पूर्व विधायक लड्डू राम कोरी ने जजपाल सिंह जज्जी पर अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र हासिल कर गलत तरीके से आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने का आरोप लगाया है. जज्जी के निर्वाचन को शून्य घोषित करने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट में एक इलेक्शन पिटिशन दायर की है. जिसमें उन्होंने जज्जी के जाति प्रमाण पत्र को चुनौती दी है. इस पर आवेदक पक्ष के कथन पूरे हो चुके हैं. अब अनावेदक के कथन कोर्ट में दर्ज कराए जाने हैं. इस बीच विधायक जज्जी की ओर से एक आवेदन अपने वकील के माध्यम से पेश किया गया जिसमें उन्होंने खुद को हार्ट पेशेंट बताते हुए अशोकनगर के लाइफलाइन अस्पताल में 29 जुलाई से भर्ती होने की बात कही है.

हरी झंडी दिखाने पर नाराजगी: 30 जुलाई को अशोकनगर जनसंपर्क कार्यालय से जारी बाल तस्करी से संबंधित जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाए जाने का विधायक द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने का प्रेस नोट जारी किया. इसके बाद दूसरा प्रेस नोट भी जारी किया जिसमें कहा गया कि जागरूकता रैली में जज्जी शामिल नहीं हुए थे. विरोधाभासी प्रेस नोट जारी करने पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है और जज्जी को अपने गवाहों के कथन 7 अगस्त से 10 अगस्त के बीच में कथन लिपिबद्ध कराने के निर्देश दिए हैं.

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बोरबेल के संबंध में पॉलिसी: सिहोर जिले में विगत दिनों बोरबेल की घटना में तीन वर्षीय मासूम बच्ची की मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के आदेश दिये थे. याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ को बताया गया कि बोरबोल के संबंध में सरकार पॉलिसी तैयार कर रही है. जिससे भविष्य में ऐसी हद्वय विदारक घटना नहीं हो. सरकार की आग्रह पर युगलपीठ ने पॉलिसी तैयार करने के लिए चार सप्ताह का समय प्रदान किया है.

अधिवक्ता

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