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ujjain mahakal sawari 2021: उज्जैन में निकली भगवान महाकाल की शाही सवारी, चंद्रमौलेश्वर रूप में दिए दर्शन

भगवान महाकाल की सवारी गाजे बाजे के साथ धूमधाम से (ujjain mahakal sawari 2021)शहर में निकली. लोगों ने जगह जगह बाबा महाकाल पर फूलों की बारिश की. कोरोना प्रतिबंध हटने के बाद पहली बार पुराने मार्ग से निकली(mahakal darshan form of chandramouleshwar) महाकाल की सवारी में हजारों लोग इकट्ठा हुए.

ujjain mahakal sawari 2021
उज्जैन में निकली भगवान महाकाल की शाही सवारी
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Published : Nov 29, 2021, 8:15 PM IST

उज्जैन । भगवान महाकाल की हर साल कार्तिक-अगहान माह में निकलने वाली चार सवारियों में सोमवार को आखिरी सवारी निकली. सावन-भादौ महीने में निकलने वाली शाही सवारी की तरह आखिरी सवारी को शाही सवारी की तरह निकाला गया. (ujjain mahakal sawari 2021)कोरोना से प्रतिबंध हटने के कारण करीब दो साल बाद महाकाल की सवारी परंपरागत मार्ग से निकाली गयी.

उज्जैन में निकली भगवान महाकाल की शाही सवारी, चंद्रमौलेश्वर रूप में दिए दर्शन

कार्तिक-अगहान मास की बाबा महाकाल की आखिरी सवारी

सबसे पहले भगवान महाकाल के चंद्रमौलीश्वर स्वरूप का पूजन हुआ. मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल के जवानों ने पालकी में विराजित चन्द्रमौलीश्वर भगवान को सलामी दी. बाबा महाकाल की सवारी महाकालेश्वर मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंची. वहां शिप्रा के जल से भगवान चन्द्रमौलीश्वर का अभिषेक किया गया. सवारी में आगे तोपची, पुलिस बैण्ड, घुडसवार दल मौजूद रहा.(mahakal darshan form of chandramouleshwar) इसके बाद सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, कार्तिक चौक, सत्यनारायण मंदिर, टंकी चौराहा, तेलीवाड़ा, कंठाल चौराहा, सती गेट, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए वापस श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची.

जबलपुर में किसान की जघन्य हत्या, सिर काटकर साथ ले गए हत्यारे

प्रजा का हाल जानने के लिए निकले बाबा महाकाल

कोरोना के चलते 2 सालों से बाबा महाकाल की सवारी नए रास्ते से निकाली जा रही थी. जिसमें भक्तों और भगवान के बीच दूरी बनी हुई थी. भक्त भगवान की एक झलक पाने के लिए आतुर दिखाई देते थे. भगवान के पास किसी भी भक्त को जाने नहीं दिया जाता था.(royal ride of mahakal ) कोरोना के कारण लगे प्रतिबंध हटा लिए गए हैं, तो बाबा महाकाल की दो सवारियां पुराने मार्गों से निकाली गई. जिसमें भक्तों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

उज्जैन । भगवान महाकाल की हर साल कार्तिक-अगहान माह में निकलने वाली चार सवारियों में सोमवार को आखिरी सवारी निकली. सावन-भादौ महीने में निकलने वाली शाही सवारी की तरह आखिरी सवारी को शाही सवारी की तरह निकाला गया. (ujjain mahakal sawari 2021)कोरोना से प्रतिबंध हटने के कारण करीब दो साल बाद महाकाल की सवारी परंपरागत मार्ग से निकाली गयी.

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सबसे पहले भगवान महाकाल के चंद्रमौलीश्वर स्वरूप का पूजन हुआ. मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल के जवानों ने पालकी में विराजित चन्द्रमौलीश्वर भगवान को सलामी दी. बाबा महाकाल की सवारी महाकालेश्वर मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंची. वहां शिप्रा के जल से भगवान चन्द्रमौलीश्वर का अभिषेक किया गया. सवारी में आगे तोपची, पुलिस बैण्ड, घुडसवार दल मौजूद रहा.(mahakal darshan form of chandramouleshwar) इसके बाद सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, कार्तिक चौक, सत्यनारायण मंदिर, टंकी चौराहा, तेलीवाड़ा, कंठाल चौराहा, सती गेट, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए वापस श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची.

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