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Ujjain Mahakal Lok: उज्जैन में बन रहा सबसे बड़ा म्यूरल मेटल, 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे लोकार्पण

उज्जैन महाकाल लोक का 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकार्पण करेंगे. महाकाल लोक में लगी मूर्तियों पर म्यूरल पर क्यूआर कोड लगाया जाएगा. इससे श्रद्धालु जैसे ही क्यूआर कोड स्कैन करेंगे तो ऑडियो फॉर्मेट में भगवान शिव की महिमा और उनकी कहानी मोबाइल या फिर डिवाइस पर सुनी जा सकेगी. यह अद्भुत और अनोखी शुरुआत जल्द ही महाकाल लोक में शुरू हो जाएगी. महाकाल मंदिर ने ऑडियो फॉर्मेट भी तैयार कराया है. अब जल्द ही 500 डिजिटल ऑडियो डिवाइस महाकाल लोक के आंगन में पहुंचेंगे. Ujjain Mahakal Lok, Mahakal Lok unique experiment, Mahakal Lok Audio format scan QR code, ujjain mahakal corridor

world largest stone mural installed in mahakal lok
महाकाल लोक में दुनिया का सबसे बड़ा स्टोन म्यूरल
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Published : Oct 2, 2022, 1:47 PM IST

Updated : Oct 2, 2022, 4:56 PM IST

उज्जैन। महाकाल लोक का लोकार्पण करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को उज्जैन आएंगे. इसके बाद 12 अक्टूबर से श्रद्धालुओं के लिए इसे खोल दिया जाएगा. अयोध्या के राम मंदिर में जो पत्थर लगे हैं, वही यहां भी लगाए गए हैं. राजस्थान के जिस बंशी पहाड़पुर से अयोध्या के राम मंदिर, दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में नक्काशी की गई है, उसी पत्थर का उपयोग उज्जैन के महाकाल लोक में किया गया है. (Ujjain Mahakal Lok)

उज्जैन महाकाल लोक

9 महीने में बना स्टोन म्यूरल: महाकाल लोक में सबसे बड़ा स्टोन म्यूरल भी लगाया गया है, जिसमें शिव विवाह की पूरी कहानी को दर्शया गया है. इस म्यूरल को बनाने में करीब 9 माह का समय लग गया. इसको बनाने के लिए 50 कारीगर लगे थे, और सप्त ऋषि के पास यह म्यूरल बनाया गया है. मुंबई में अब तक का सबसे बड़ा म्यूरल मेटल से बना 25 फीट का है, जिसे दादा साहेब फाल्के के रूप में बनाया गया था. लेकिन अब महाकाल पथ में शिव परिणय का स्टोन से बना म्यूरल देश में सबसे बड़ा 132 फीट और 6 फीट चौड़ा है. (Mahakal Lok unique experiment)

ऑडियो डिवाइस भी ले सकते हैं: उज्जैन में महाकाल लोक में आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान शिव की महिमा और उनकी कथाएं सुनने को मिलेंगी. भक्त इन्हें अपने मोबाइल पर ही सुन सकते हैं. ये कथाएं ऑडियो फॉर्मेट में होंगी. इसके लिए उमा नाम का एप डाउनलोड करना होगा. इसके लिए म्यूरल और स्कल्प्चर पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा. स्मार्ट योजना के तहत बनने वाले इस कॉरिडोर में जो मूर्तियां बनाई गई है उनकी कुल लागत करीब 45 करोड़ आंकी गई है. इसको लेकर गुजरात और राजस्थान से आए कलाकार इस काम को अंजाम दिया है. महाकाल पथ में श्रद्धालु प्रवेश करते ही भगवान शिव की महिमा का गुणगान और भगवान शिव से जुड़ी कहानियां देखने को मिल सकेगी. (Mahakal Lok Audio format scan QR code)

Ujjain Mahakal Lok : महाकाल लोक में अनूठा प्रयोग, QR कोड स्कैन करते ही ऑडियो फॉर्मेट में सुनें शिव की महिमा

हर मूर्ति सुनाएगी अलग कहानियां: इस जगह पर जो मूर्तियां है उनमें नंदी गण, भैरव, गणेश भगवान, पार्वती माता सहित अन्य भगवानों की 200 मूर्तियां और 108 पिल्लर भगवान शिव से जुड़ी कहानियों को दर्शाने के लिए 80 से अधिक म्यूरल बनकर तैयार है. महाकाल पथ में 25 दीवारों पर बने करीब 52 म्यूरल के साथ साथ सप्त ऋषि पर 28 म्यूरल बनाए गए हैं. एक सबसे बड़ा म्यूरल रूद्र सागर के सामने की और महाकाल लोक में बना है. इस तरह कुल 81 म्यूरल महाकाल लोक में भगवान शिव की अलग कहानिया कहेंगे. रूद्र सागर के सामने बने 132 फीट म्यूरल पर शिव परिणय की कहानी देखने को मिलेगी. (world largest stone mural installed in mahakal lok)

श्रद्धालु सुन सकेंगे शिव महिमा: महाकाल लोक के प्रोजेक्ट मैनेजर कृष्ण मुरारी शर्मा ने बताया कि, "म्यूरल में शिव विवाह की पूरी कहानी अंकित की गई है. इसमें भगवान शिव को माता पार्वती के साथ विवाह के लिए मनाने से लेकर शिव बारात, शिव को भस्म रूपी देख माता पार्वती की मां मैना का बेहोश होना, शिव-पार्वती के सात फेरे, माता पार्वती का कैलाश पर्वत पर पहुंचने तक की पूरी कहानी अंकित है." (Ujjain mahakal corridor)

उज्जैन। महाकाल लोक का लोकार्पण करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को उज्जैन आएंगे. इसके बाद 12 अक्टूबर से श्रद्धालुओं के लिए इसे खोल दिया जाएगा. अयोध्या के राम मंदिर में जो पत्थर लगे हैं, वही यहां भी लगाए गए हैं. राजस्थान के जिस बंशी पहाड़पुर से अयोध्या के राम मंदिर, दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर में नक्काशी की गई है, उसी पत्थर का उपयोग उज्जैन के महाकाल लोक में किया गया है. (Ujjain Mahakal Lok)

उज्जैन महाकाल लोक

9 महीने में बना स्टोन म्यूरल: महाकाल लोक में सबसे बड़ा स्टोन म्यूरल भी लगाया गया है, जिसमें शिव विवाह की पूरी कहानी को दर्शया गया है. इस म्यूरल को बनाने में करीब 9 माह का समय लग गया. इसको बनाने के लिए 50 कारीगर लगे थे, और सप्त ऋषि के पास यह म्यूरल बनाया गया है. मुंबई में अब तक का सबसे बड़ा म्यूरल मेटल से बना 25 फीट का है, जिसे दादा साहेब फाल्के के रूप में बनाया गया था. लेकिन अब महाकाल पथ में शिव परिणय का स्टोन से बना म्यूरल देश में सबसे बड़ा 132 फीट और 6 फीट चौड़ा है. (Mahakal Lok unique experiment)

ऑडियो डिवाइस भी ले सकते हैं: उज्जैन में महाकाल लोक में आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान शिव की महिमा और उनकी कथाएं सुनने को मिलेंगी. भक्त इन्हें अपने मोबाइल पर ही सुन सकते हैं. ये कथाएं ऑडियो फॉर्मेट में होंगी. इसके लिए उमा नाम का एप डाउनलोड करना होगा. इसके लिए म्यूरल और स्कल्प्चर पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा. स्मार्ट योजना के तहत बनने वाले इस कॉरिडोर में जो मूर्तियां बनाई गई है उनकी कुल लागत करीब 45 करोड़ आंकी गई है. इसको लेकर गुजरात और राजस्थान से आए कलाकार इस काम को अंजाम दिया है. महाकाल पथ में श्रद्धालु प्रवेश करते ही भगवान शिव की महिमा का गुणगान और भगवान शिव से जुड़ी कहानियां देखने को मिल सकेगी. (Mahakal Lok Audio format scan QR code)

Ujjain Mahakal Lok : महाकाल लोक में अनूठा प्रयोग, QR कोड स्कैन करते ही ऑडियो फॉर्मेट में सुनें शिव की महिमा

हर मूर्ति सुनाएगी अलग कहानियां: इस जगह पर जो मूर्तियां है उनमें नंदी गण, भैरव, गणेश भगवान, पार्वती माता सहित अन्य भगवानों की 200 मूर्तियां और 108 पिल्लर भगवान शिव से जुड़ी कहानियों को दर्शाने के लिए 80 से अधिक म्यूरल बनकर तैयार है. महाकाल पथ में 25 दीवारों पर बने करीब 52 म्यूरल के साथ साथ सप्त ऋषि पर 28 म्यूरल बनाए गए हैं. एक सबसे बड़ा म्यूरल रूद्र सागर के सामने की और महाकाल लोक में बना है. इस तरह कुल 81 म्यूरल महाकाल लोक में भगवान शिव की अलग कहानिया कहेंगे. रूद्र सागर के सामने बने 132 फीट म्यूरल पर शिव परिणय की कहानी देखने को मिलेगी. (world largest stone mural installed in mahakal lok)

श्रद्धालु सुन सकेंगे शिव महिमा: महाकाल लोक के प्रोजेक्ट मैनेजर कृष्ण मुरारी शर्मा ने बताया कि, "म्यूरल में शिव विवाह की पूरी कहानी अंकित की गई है. इसमें भगवान शिव को माता पार्वती के साथ विवाह के लिए मनाने से लेकर शिव बारात, शिव को भस्म रूपी देख माता पार्वती की मां मैना का बेहोश होना, शिव-पार्वती के सात फेरे, माता पार्वती का कैलाश पर्वत पर पहुंचने तक की पूरी कहानी अंकित है." (Ujjain mahakal corridor)

Last Updated : Oct 2, 2022, 4:56 PM IST
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