उज्जैन। अमूमन आम शराबी सड़क पर झूमते और हंगामा खड़ा करते हुए दिख ही जाते हैं, जो किसी से झगड़ रहे होते हैं तो कभी किसी से पिट रहे होते हैं. अक्सर जब भी ऐसे मामले सामने आते हैं तो पुलिस शराबी के खिलाफ कार्रवाई करती है, लेकिन पुलिस तब क्या करे जब उसी के महकमे के ही अधिकारी शराब के नशें में सड़क पर हंगामा करें. सुनने में अजीब लगता है पर एक ऐसा ही मामला उज्जैन से जहां यातायात थाने में पदस्थ ASI योगेश पांडे ने सड़क पर नशे के हालत में जमकर हंगामा किया, जिस पर डायल हंड्रेड की मदद से माधव नगर पुलिस उन्हें थाने उठा लाई, जिस पर उन्होंने थाने में ही हंगामा कर दिया.
सड़क पर हंगामे की सूचना पर माधव नगर थाना पुलिस ने डायल हंड्रेड को मौके पर भेजा, लेकिन योगेश पांडे नहीं माने और एक खड़ी कार में जाकर बैठ गए. इस पर माधव नगर थाना पुलिस ने योगेश पांडे को जबरन गाड़ी से निकालकर डायल हंड्रेड गाड़ी में बैठाया और थाने ले गए. लेकिन पांडे शराब के नशे में इतने धुत थे कि उन्होंने थाने पर भी जमकर हंगामा किया और अपने सह पुलिसकर्मी को गालियां तक दे डाली.
ASI योगेश पांडे ने थाना परिसर में हंगामा करने के बाद मीडिया से भी बात की. ASI पांडे की माने तो उनकी पत्नी पिछले 4 माह से आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर पर है, जिसके चलते वो काफी परेशान हैं. 61 साल की उम्र हो जाने के बाद भी उन्हें ऑफिसर मैस के सामने पॉइंट में ड्यूटी पर लगाया जाता है. ASI के मुताबिक वे शराब नहीं पीते, लेकिन उनकी बातों से साफ झलक रहा था की वे शराब के नशे में थे. इस तरह के व्यवहार से आम पुलिसकर्मियों की छवि खराब होती है और अब देखना होगा कि उज्जैन पुलिस कप्तान इस पूरे मामले में क्या कार्रवाई करते हैं.