उज्जैन। साल के पहले सूर्यग्रहण का असर पूरे भारत में दिखेगा. उज्जैन और मालवा क्षेत्रों में सूर्य 74 प्रतिशत तक देखा जा सकेगा. इसी दौरान महाकाल मंदिर सहित अन्य मंदिरों में पूजन पाठ बंद हो जाएगा और सूतक के समय सिर्फ मंत्र जाप होगा. सूतक के बाद मंदिर की साफ-सफाई के बाद भी दर्शन शुरू हो पाएंगे. प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आनंद शंकर व्यास के अनुसार यह ग्रहण देश और विदेश के लिए अच्छा नहीं होगा और इससे होने वाले नुकसान में भूकंप प्राकृतिक आपदा राजनीतिक उथल-पुथल और युद्ध जैसी स्थितियां बनेगी.
ज्योतिष आनंद शंकर व्यास ने कहा कि सूर्य ग्रहण कल सुबह 10:11 से शुरू होगा और दोपहर 1:42 पर खत्म होगा. करीब साढे तीन घंटे तक सूर्य ग्रहण का प्रभाव रहेगा यहां सूर्य किरण कनकणाकृति आकार का होगा. इससे होने वाले प्रभाव को ज्योतिषाचार्य ने देश के लिए ठीक नहीं माना है. ज्योतिषाचार्य की मानें तो सूर्य ग्रहण के बाद दुनिया भर में सुधार होने की संभावना कम है. भारत में भी इसका असर देखने को मिल मिलेगा राजनीतिक और पड़ोसी देशों से विवाद बढ़ेगा. रविवार को सूर्य ग्रहण होने की वजह से इसे चूड़ामणि सूर्यग्रहण भी कहा जाता है.
यह सूर्य ग्रहण मिथुन राशि में होगा. इसका प्रभाव मंगल और शनि में होगा और जब भी ऐसा होता है यह कष्टदायक होने की आशंका ज्यादा होती है. पंडित आनंद शंकर व्यास ने बताया की राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से इसका खासा असर रहेगा, ग्रहण मंगल और शनि के बीच द्वंद पैदा करेंगा, दोनो ही भू-स्वामी है एक सतह को एक गर्व का. इस कारण प्राकृतिक आपदा, भूकंप तूफान अतिवृष्टि हो सकती है. वहीं सीमा पर संकट भी विकृत होने की आशंका है. ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को खास ध्यान रखने की जरूरत हैं. हालांकि आनंद शंकर व्यास ने कहा की मंत्र जाप और सिद्धि के लिए इस सूर्य ग्रहण में अच्छे योग हैं. इस दौरान मंत्र जाप से आम लोगों को ऊर्जा मिलेगी.