रीवा। रीवा के धोबिय टंकी के पास रहने वाली सीता साहू एक बार फिर अव्यवस्थाओं व अनदेखी का शिकार हो गई हैं. मेडल जीतने वाली मंदबुद्धि सीता साहू इन दिनों संजय गांधी अस्पताल मे भर्ती हैं. दरअसल, कुछ दिन पहले उसे सिर में दर्द की शिकायत हुई थी. इसके इलाज के लिए परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां कड़ी मशक्कत के बाद उसे मानसिक रोग वार्ड मे भर्ती किया गया. उसका इलाज शुरू हुआ लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी उसकी तकलींफे कम नहीं हुईं.
फिर छलका कांस्य पदक विजेता का दर्द : सीता साहू के परिजनों ने आरोप लगाया कि इलाज में लापरवाही बरती जा रही है. डॉक्टरों ने सिर में तकलीफ होने के बावजूद मानसिक रोग विभाग में भर्ती कर दिया है. बीमारी क्या है, यह भी नहीं बता पा रहे. परिजनों ने कहा कि कोई वीआईपी होता तो डॉक्टरों की लाइन लग जाती, लेकिन मेडल विजेता सीता का कोई ध्यान नहीं दे रहा है. परिजनों ने कहा कि जब मीडिया मे ख़बरें चलती हैं तो सब सीता को पहचानने लगते हैं. बड़े वादा करते हैं और कुछ दिन बाद सब भूल जाते हैं. हालांकि इलाज कर रहे चिकित्सक धीरेन्द्र मिश्रा-ने कहा कि सीता का इलाज जारी है. कुछ जांचें अभी आना बाकी हैं. रिपोर्ट आने के बाद ही बीमारी का पता चल पाएगा.
सीता का परिवार गरीब है : सीता साहू का परिवार गरीब है. परिवार चाट का ठेला लगाकर अपना जीवनयापन करता है. चार बच्चों में सबसे छोटी सीता साहू ने वर्ष 2011 में एंथेस में हुए ओलम्पिक में देश के लिए 200 मीटर और 1600 मीटर रेस में दो कांस्य पदक जीतकर मान बढ़ाया था.
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केंद्रीय मंत्री सिंधिया भी कर चुके हैं सम्मान : कांस्य पदक जीतने के बाद सीता साहू को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हरसंभव मदद देने का वादा किया था. लेकिन नेताओं के दावे और वादे अक्सर खोखले साबित होते है. जिसके कारण सीता साहू का परिवार आर्थिक आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. ईटीवी भारत मे खबर चलने के बाद प्रशासन ने सीता साहू की आर्थिक मदद करने का भरोसा दिया है. लेकिन परिजन नाराज हैं. बेहतर इलाज न मिल पाने के कारण सीता के परिजन अब अपना सब्र खो चुके है. नाराज़ परिजनों ने अब सीता को मिले पदक भी सरकार को वापस लौटाने की बात कही है.