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व्यापमं घोटाला: तीन प्राईवेट मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष सहित सात को हाई कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

व्यापमं घोटाला में सीबीआई द्वारा आरोपी बनाये गये (vyapam scam high court grants bail) तीन प्राईवेट मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष सहित सात व्यक्तियों को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है.

mp pmt vyapam scam
व्यापमं घोटाला आरोपियों को मिली अग्रिम जमानत
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Published : Mar 11, 2022, 9:55 PM IST

जबलपुर। व्यापमं घोटाला में सीबीआई द्वारा आरोपी बनाये गये (vyapam scam high court grants bail) तीन प्राईवेट मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष सहित सात व्यक्तियों को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है. जस्टिस शील नागू और जस्टिस एमएस भट्टी की बेंच ने चालान पेश होने के बाद याचिकाकर्ता की उम्र व अन्य आधार पर अग्रिम जमानत दे दी.


व्यापमं घोटाला मामले में सीबीआई कोर्ट पीएमटी प्रवेश परीक्षा में धांधली करने के आरोप में 18 फरवरी को 160 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी. जिसमें चिरायु मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष अजय गोयनका, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष एसएन विजयवर्गीय और इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के सुरेश सिंह भदौरिया, डॉ वीरेन्द्र मोहन,डॉ रवि सक्सेना,डॉ विजय कुमार व अरूण कुमार अरोरा के नाम शामिल थे. सीबीआई द्वारा गिरफतार किये जाने की संभावना के मददेनजर इन लोगों ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी.अग्रिम जमानत के लिए याचिकाकर्ताओं की उम्र का हवाला भी दिया गया.

कालीचरण के विवादित बयान का मामला
रायपुर में आयोजित धर्म संसद में कालीचरण महाराज के विवादित बयान के खिलाफ जिला न्यायालय में प्रतिवाद दायर किया गया था. सिविल जज किरण मलिक ने परिवाद की सुनवाई करते हुए ओमती थाना प्रभारी को जांच के तथ्य पेश करने के निर्देश जारी किए हैं.


अधिवक्ता श्रीकांत विश्वकर्मा ने बताया कि 26 दिसम्बर 2021 को रायपुर में आयोजित धर्म संसद में कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्दों को प्रयोग किया था. इसके अलावा एक धर्म विशेष को दूसरे के खिलाफ हथियार उठाने की बात कहते हुए शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया था. इसी दिन उन्होंने शाम 7 बजे वीडियो रिकॉर्डिग के साथ ओमती थाने पहुंचकर मौखिक रूप से शिकायत करते हुए एफआईआर दर्ज करने की अनुरोध किया था. पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं करने पर उन्हें 3 जनवरी 2021 को ओमती थाने में लिखित आवेदन किया था.इसके अलावा पुलिस महानिदेशक,पुलिस महानिरीक्षक व पुलिस अधीक्षक को शिकायत करते हुए एफआईआर दर्ज किए जाने का आग्रह किया था.

पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं किये जाने के खिलाफ यह मामला कोर्ट पहुंच गया था. इस मामले में दायर परिवाद में कालीचरण महाराज के खिलाफ देशद्रोह सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किये जाने की राहत चाही गयी है. परिवाद की सुनवाई करते हुए जिला न्यायालय ने ओमती थाना प्रभारी को प्रकरण में जांच प्रतिवेदन पेश करने के निर्देष जारी किये हैं.

जबलपुर। व्यापमं घोटाला में सीबीआई द्वारा आरोपी बनाये गये (vyapam scam high court grants bail) तीन प्राईवेट मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष सहित सात व्यक्तियों को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है. जस्टिस शील नागू और जस्टिस एमएस भट्टी की बेंच ने चालान पेश होने के बाद याचिकाकर्ता की उम्र व अन्य आधार पर अग्रिम जमानत दे दी.


व्यापमं घोटाला मामले में सीबीआई कोर्ट पीएमटी प्रवेश परीक्षा में धांधली करने के आरोप में 18 फरवरी को 160 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी. जिसमें चिरायु मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष अजय गोयनका, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष एसएन विजयवर्गीय और इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के सुरेश सिंह भदौरिया, डॉ वीरेन्द्र मोहन,डॉ रवि सक्सेना,डॉ विजय कुमार व अरूण कुमार अरोरा के नाम शामिल थे. सीबीआई द्वारा गिरफतार किये जाने की संभावना के मददेनजर इन लोगों ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी.अग्रिम जमानत के लिए याचिकाकर्ताओं की उम्र का हवाला भी दिया गया.

कालीचरण के विवादित बयान का मामला
रायपुर में आयोजित धर्म संसद में कालीचरण महाराज के विवादित बयान के खिलाफ जिला न्यायालय में प्रतिवाद दायर किया गया था. सिविल जज किरण मलिक ने परिवाद की सुनवाई करते हुए ओमती थाना प्रभारी को जांच के तथ्य पेश करने के निर्देश जारी किए हैं.


अधिवक्ता श्रीकांत विश्वकर्मा ने बताया कि 26 दिसम्बर 2021 को रायपुर में आयोजित धर्म संसद में कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्दों को प्रयोग किया था. इसके अलावा एक धर्म विशेष को दूसरे के खिलाफ हथियार उठाने की बात कहते हुए शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया था. इसी दिन उन्होंने शाम 7 बजे वीडियो रिकॉर्डिग के साथ ओमती थाने पहुंचकर मौखिक रूप से शिकायत करते हुए एफआईआर दर्ज करने की अनुरोध किया था. पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं करने पर उन्हें 3 जनवरी 2021 को ओमती थाने में लिखित आवेदन किया था.इसके अलावा पुलिस महानिदेशक,पुलिस महानिरीक्षक व पुलिस अधीक्षक को शिकायत करते हुए एफआईआर दर्ज किए जाने का आग्रह किया था.

पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं किये जाने के खिलाफ यह मामला कोर्ट पहुंच गया था. इस मामले में दायर परिवाद में कालीचरण महाराज के खिलाफ देशद्रोह सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किये जाने की राहत चाही गयी है. परिवाद की सुनवाई करते हुए जिला न्यायालय ने ओमती थाना प्रभारी को प्रकरण में जांच प्रतिवेदन पेश करने के निर्देष जारी किये हैं.

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