जबलपुर। मध्यप्रदेश में यूरिया गायब होने के मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान के एक्शन के बाद कृषि विभाग ने डीपीएमके फर्टिलाइजर्स का लायसेंस रद्द कर दिया गया है. दरअसल डीपीएमके फर्टिलाइजर प्राइवेट लिमिटेड को परिवहन की जिम्मेदारी मिली थी, पुलिस आधा दर्जन टीम लगातार यूरिया गायब होने से जुड़े लोगों के ठिकानों में लगातार छापामार कार्रवाई कर रही है. इसी के चलते पुलिस ने कृभको कंपनी के मार्केटिंग डायरेक्टर राजेन्द्र चौधरी एवं रैक हैंडलर स्टेट मैनेजर जयप्रकाश को कल देर शाम झांसी से गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन मुख्य आरोपी ट्रांसपोर्टर डीपीएमके के प्रोप्राइटर द्वारिका गुप्ता अब भी फरार है. जहां बिलासपुर के रहने वाले द्वारिका गुप्ता की तलाश में पुलिस ने तीन जगह छापेमारी की, लेकिन गुप्ता का कोई सुराग नहीं मिला.कहा जा रहा है कि गुप्ता के गिरफ्तार होने के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो सकेगा.Jabalpur Urea Scam
डीपीएमके फर्टिलाइजर का लाइसेंस निरस्त: 26 अगस्त को 2666 टन यूरिया जबलपुर पहुंचा था, ये यूरिया सिवनी, मंडला, डिंडोरी और दमोह की सहकारी समितियों को आंवटित करने के लिए आया था, लेकिन 1020 टन यूरिया गायब हो गया. करीब तीन करोड़ रुपए से अधिक का यूरिया सोसायटियों तक नहीं पहुंचा, यूरिया को सरकारी समितियों की जगह प्राइवेट फर्म को पहुंचा दिया गया. परिवहन की जिम्मेदारी डीपीएमके फर्टिलाइजर प्राइवेट लिमिटेड को मिली थी, यूरिया के वितरण में धांधली का मामला उजागर होने पर डीपीएमके फर्टिलाइजर का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है.
इन धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज: इस मामले में कृभको के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेंद्र चौधरी, डीपीएमके ट्रांसपोर्ट कंपनी के मैनेजर द्वारिका गुप्ता, रैक हैंडलर स्टेट मैनेजर जयप्रकाश सिंह के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3, धारा 409, 34 एवं 120-बी के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है, फिलहाल मामले में जांच जारी है.