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MP का पावर सिस्टम बना सायबर हैकर्स के लिए काल, कैसे सायबर अटैक से बेअसर हुआ SLDC Jabalpur जानिए - नेशनल क्रिटिकल इन्फार्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर

राज्य लोड डिस्पेच सेंटर जबलपुर (SLDC Jabalpur) ने पॉवर सेक्टरों में सायबर अटैक (Cyber attack) को रोकने वाली अंतर्राष्ट्रीय स्तर की एक कारगर प्रणाली विकसित की है. पॉवर सेक्टर में सायबर क्राइसिस प्रबंधन योजना (Cyber Crisis Management Plan) लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है.

Cyber Crisis Management Plan
सायबर क्राइसिस प्रबंधन योजना
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Published : Sep 9, 2021, 7:28 PM IST

Updated : Sep 9, 2021, 8:16 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश राज्य लोड डिस्पेच सेंटर जबलपुर (SLDC Jabalpur) (State Load Dispatch Centre, Jabalpur) पॉवर सेक्टर में सायबर क्राइसिस प्रबंधन योजना (Cyber Crisis Management Plan) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.

मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी (MPPTCL) (Madhya Pradesh Power Transmission Corporation Limited) के प्रबंध संचालक सुनील तिवारी ने जानकारी दी है कि केन्द्र शासन के निर्देश पर मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर के इंजीनियर्स ने विशेषज्ञ सलाहकारों की मदद लिए बिना इनहाऊस सायबर क्राइसिस प्रबंधन योजना (Inhouse Cyber Crisis Management Plan) तैयार किया है. इस योजना का अनुमोदन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी इंडिया)(CIRT India) भारत सरकार द्वारा करवाकर इसे लागू कर दिया गया है. यह पॉवर सेक्टरों में सायबर अटैक (Cyber attack) को रोकने वाली अंतर्राष्ट्रीय स्तर की एक कारगर प्रणाली है. यह लोड डिस्पेच सेंटर में स्थापित सभी कम्प्यूटर प्रणालियों की सायबर सुरक्षा (cyber security) से संबंधित है.

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसके लोड डिस्पेच सेंटर को आईएसओ 27001 (ISO 27001) द्वारा प्रमाणित भी किया गया है. यह सर्टिफिकेट सायबर सिक्योरिटी के अनुपालन के लिए प्रदान किया जाता है.

बिजली प्रणाली में नहीं होगा सायबर अटैक - ऊर्जा मंत्री

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इस उपलब्धि पर पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के इंजीनियर्स को बधाई दी है. उन्होंने कहा है कि प्रणाली को लागू करने का लाभ यह है कि मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी का समूचा सिस्टम बाहरी सायबर अटैक से सुरक्षित रहेगा और कोई भी हैकिंग या वायरस के माध्यम से प्रदेश की बिजली प्रणाली में छेड़छाड़ नहीं कर पाएगा. मालूम हो कि गत वर्ष मुंबई की बिजली प्रणाली इस सायबर अटैक का शिकार हुई थी, जिसके कारण मुंबई में घंटों विद्युत बाधित रही थी. इस घटना के बाद ही समूचे देश के पॉवर सेक्टरों को इस तरह की सायबर सुरक्षा तैयार करने के निर्देश केन्द्र शासन द्वारा दिए गए थे.

मध्यप्रदेश का बढ़ा गौरव

मध्यप्रदेश के लिये यह गौरव की बात है कि भारत में पॉवर सेक्टर को विभिन्न दिशा- निर्देश देने वाली संस्था पोसोको (पॉवर सिस्ट्म ऑपरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड) (Power System Operation Corporation Limited)(POSOCO) और इनफार्मेशन सुरक्षा से संबंधित राष्ट्रीय नोडल एजेंसी एनसीआईआईपीसी (NCIIPC) (नेशनल क्रिटिकल इन्फार्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर) (National Critical Information Infrastructure Protection Centre) ने मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के द्वारा तैयार किए इस प्रबंधन योजना को पहले परीक्षण में ही अनुमोदन प्रदान कर इस प्रणाली के पॉवर सिस्टम संबंधित सभी प्रस्तावों को स्वीकार किया है. बताया जा रहा है कि यह प्रणाली राज्य लोड डिस्पेच सेंटर जबलपुर के मुख्य अभियंता के.के. प्रभाकर और अधीक्षण अभियंता राजेश गुप्ता के प्रयास से ही संभव और तैयार हो पायी है.

बिजली की डिमांड का नया रिकॉर्ड दर्ज, 15270 मेगावाट पहुंची बिजली की मांग

इससे पूर्व मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के लोड डिस्पेच सेंटर जबलपुर को एबीटी मीटरिंग प्रणाली (उपलब्धता आधारित शुल्क प्रणाली) एवं स्काडा सिस्टम लागू करने वाले देश के पहले पॉवर यूटिलिटी का दर्जा भी प्राप्त हो चुका है.

जबलपुर। मध्य प्रदेश राज्य लोड डिस्पेच सेंटर जबलपुर (SLDC Jabalpur) (State Load Dispatch Centre, Jabalpur) पॉवर सेक्टर में सायबर क्राइसिस प्रबंधन योजना (Cyber Crisis Management Plan) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.

मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी (MPPTCL) (Madhya Pradesh Power Transmission Corporation Limited) के प्रबंध संचालक सुनील तिवारी ने जानकारी दी है कि केन्द्र शासन के निर्देश पर मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर के इंजीनियर्स ने विशेषज्ञ सलाहकारों की मदद लिए बिना इनहाऊस सायबर क्राइसिस प्रबंधन योजना (Inhouse Cyber Crisis Management Plan) तैयार किया है. इस योजना का अनुमोदन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी इंडिया)(CIRT India) भारत सरकार द्वारा करवाकर इसे लागू कर दिया गया है. यह पॉवर सेक्टरों में सायबर अटैक (Cyber attack) को रोकने वाली अंतर्राष्ट्रीय स्तर की एक कारगर प्रणाली है. यह लोड डिस्पेच सेंटर में स्थापित सभी कम्प्यूटर प्रणालियों की सायबर सुरक्षा (cyber security) से संबंधित है.

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसके लोड डिस्पेच सेंटर को आईएसओ 27001 (ISO 27001) द्वारा प्रमाणित भी किया गया है. यह सर्टिफिकेट सायबर सिक्योरिटी के अनुपालन के लिए प्रदान किया जाता है.

बिजली प्रणाली में नहीं होगा सायबर अटैक - ऊर्जा मंत्री

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इस उपलब्धि पर पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के इंजीनियर्स को बधाई दी है. उन्होंने कहा है कि प्रणाली को लागू करने का लाभ यह है कि मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी का समूचा सिस्टम बाहरी सायबर अटैक से सुरक्षित रहेगा और कोई भी हैकिंग या वायरस के माध्यम से प्रदेश की बिजली प्रणाली में छेड़छाड़ नहीं कर पाएगा. मालूम हो कि गत वर्ष मुंबई की बिजली प्रणाली इस सायबर अटैक का शिकार हुई थी, जिसके कारण मुंबई में घंटों विद्युत बाधित रही थी. इस घटना के बाद ही समूचे देश के पॉवर सेक्टरों को इस तरह की सायबर सुरक्षा तैयार करने के निर्देश केन्द्र शासन द्वारा दिए गए थे.

मध्यप्रदेश का बढ़ा गौरव

मध्यप्रदेश के लिये यह गौरव की बात है कि भारत में पॉवर सेक्टर को विभिन्न दिशा- निर्देश देने वाली संस्था पोसोको (पॉवर सिस्ट्म ऑपरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड) (Power System Operation Corporation Limited)(POSOCO) और इनफार्मेशन सुरक्षा से संबंधित राष्ट्रीय नोडल एजेंसी एनसीआईआईपीसी (NCIIPC) (नेशनल क्रिटिकल इन्फार्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर) (National Critical Information Infrastructure Protection Centre) ने मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के द्वारा तैयार किए इस प्रबंधन योजना को पहले परीक्षण में ही अनुमोदन प्रदान कर इस प्रणाली के पॉवर सिस्टम संबंधित सभी प्रस्तावों को स्वीकार किया है. बताया जा रहा है कि यह प्रणाली राज्य लोड डिस्पेच सेंटर जबलपुर के मुख्य अभियंता के.के. प्रभाकर और अधीक्षण अभियंता राजेश गुप्ता के प्रयास से ही संभव और तैयार हो पायी है.

बिजली की डिमांड का नया रिकॉर्ड दर्ज, 15270 मेगावाट पहुंची बिजली की मांग

इससे पूर्व मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के लोड डिस्पेच सेंटर जबलपुर को एबीटी मीटरिंग प्रणाली (उपलब्धता आधारित शुल्क प्रणाली) एवं स्काडा सिस्टम लागू करने वाले देश के पहले पॉवर यूटिलिटी का दर्जा भी प्राप्त हो चुका है.

Last Updated : Sep 9, 2021, 8:16 PM IST
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