जबलपुर। मध्य प्रदेश परिवहन विभाग जो कि 15 साल पुराने भारी वाहन और माल वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए नवीनीकरण के रूप में निर्धारित विलंब शुल्क 50 रु प्रतिदिन वसूल कर रहा था. उस पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस विरेंद्र सिंह व जस्टिस प्रकाश चंद गुप्ता की डिवीजन बेंच ने केंद्र सरकार द्वारा किए गए नियमों में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की.
केंद्रीय परिवहन सचिव सहित अन्य को नोटिस: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले में सुनवाई करते हुए केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय के सचिव, मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के सचिव, परिवहन आयुक्त ग्वालियर, उप क्षेत्रीय परिवहन आयुक्त जबलपुर, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी जबलपुर एवं एआरटीओ कटनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अब इस पूरे मामले में अगली सुनवाई 21 जून को होगी.
21 जून को होगी अगली सुनवाई: याचिका मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जबलपुर व कटनी के बस ऑपरेटर प्रकाश चंद गुप्ता, पंकज गुप्ता व प्रदीप गुप्ता ने दायर की थी. उन्होंने कोर्ट को बताया कि 4 अक्टूबर 2021 को अधिसूचना जारी कर सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स में संशोधन किया है. अधिवक्ता आशीष रावत ने कोर्ट को बताया कि संशोधन के तहत 15 साल पुराने वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट और उनके नवीनीकरण के लिए ली जाने वाली शुल्क 600 रु से बढ़ाकर 12,500 रु कर दिया गया है. केंद्र सरकार ने नवनीकरण काम में विलंब होने पर प्रतिदिन 50 रु का शुल्क भी निर्धारित किया है. इस आदेश पर फिलहाल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.