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आदिवासी बहुल इलाके में बन रहा बांध, 2 जिलों के किसान होंगे लाभन्वित

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Published : Jun 23, 2020, 4:56 PM IST

Updated : Jun 23, 2020, 6:14 PM IST

जबलपुर जिले की सिहोरा विधानसभा के कुंडम इलाके में जल संसाधन विभाग की तरफ से बांध का निर्माण किया जा रहा है. फिलहाल इस इलाके में बुंदेलखंड की तरह पानी की समस्या से आम आदमी को जूझना पड़ रहा है. माना जा रहा है कि बांध के निर्माण से स्थानीय लोगों की पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा.

Dam being built in tribal dominated area
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में बन रहा बांध

जबलपुर। ऐसा नहीं है कि, सिर्फ बुंदेलखंड में ही सूखे की स्थिति बनती है. महाकौशल का भी बहुत सा क्षेत्र ऐसा है, जहां लोग बूंद- बूंद पानी के लिए परेशान होते हैं. जबलपुर की सिहोरा विधानसभा के कुंडम इलाके में किसान और आमजन पानी के लिए सालों से जूझ रहे हैं. ऐसे में अब जल संसाधन विभाग इस क्षेत्र को पानी- पानी करने में जुटा हुआ है. विभाग का दावा है कि, डैम बनने के बाद कुंडम दूसरा पंजाब बन जाएगा. हालांकि पूर्व विधायक ने जल संसाधन विभाग के दावे पर आपत्ति जताई है.

आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में बन रहा बांध
हिरण नदी पर बन रहा बांध, किसानों के लिए साबित होगा वरदान

सिहोरा विधानसभा का कुंडम क्षेत्र आदिवासी बहुल और किसानी वाला इलाका है. 90 फीसदी लोग यहां पर खेती पर ही निर्भर हैं, लेकिन खेती के लिए पानी की कमी यहां के लोगों के लिए कई सालों से परेशानी का सबब बनी हुई है. ऐसे में अब जल संसाधन विभाग के द्वारा बनाए जा रहे कुंडम में करीब 40 करोड़ की लागत का ये बांध बहुत ही उपयोगी साबित होगा. जल संसाधन के कार्यपालन यंत्री का कहना है कि, जब ये बांध बन जाएगा तो हजारों किसानों को भरपूर पानी मिलेगा. विभाग का तो ये भी दावा है कि कुंडम न सिर्फ दूसरा पंजाब खेती के मामले में सिद्ध होगा, बल्कि यहां पीने के पानी की भी कमी दूर हो जाएगी.


पूर्व विधायक ने बताया अनियमितताओं से भरा हुआ है बांध

पूर्व विधायक नन्हे लाल धुर्वे की माने तो कुंडम में अगर बदुआ बांध बन रहा है, तो ये खुशी की बात है, निश्चित रूप से खेती के साथ-साथ पीने के पानी की उपलब्धता भी होगी, लेकिन इस बांध में कुछ अनियमितता भी सामने आ रही है. बांध में पानी रोकने के लिए जरूरी है काली मिट्टी का होना, लेकिन जिस जगह बांध बन रहा है, वहां काली मिट्टी की जगह पीली मिट्टी भरपूर मात्रा में निकल रही है जो कि बांध के लिए सही नहीं है. कहा जा रहा है कि प्रदेश सरकार और जल संसाधन विभाग ने स्थान चिन्हित करने में लापरवाही बरती है. वहीं जिस जगह बांध बन रहा है, वहां पर कुछ स्थान वन विभाग का भी है, जिसके लिए अभी तक वन विभाग ने अनुमति नहीं दी है.

कुछ इस तरह है बांध की रूपरेखा

  • हिरन नदी में बन रहा है बदुआ बांध
  • बांध बनाने में करीब 40 करोड़ की आ रही है लागत
  • बांध का डूब क्षेत्र है करीब 227 हेक्टयर
  • कटनी के 15 तो जबलपुर के 54 गांव की जमीनें होगी सिंचित
  • बांध बनने के बाद 8125 हेक्टयर क्षेत्र होगा सिंचित

जबलपुर जिले का कुंडम क्षेत्र शुरू से ही किसानों के लिए अभिशाप साबित हुआ है. पठार क्षेत्र होने के कारण सैकड़ों सालों से किसानों के लिए पानी की समस्या यहां बनी हुई है. ऐसे में अगर बदुआ बांध बन कर तैयार हो जाता है, तो ना सिर्फ खेती के लिए पानी मिलेगा, बल्कि पीने के पानी भी भरपूर मात्रा में होगा. बहरहाल देखना ये होगा कि, आने वाले समय में कहीं ये बांध भी भ्रष्टाचार की चपेट में ना आ जाए, क्योंकि इस बांध से यहां रहने वाले आदिवासी और किसानों को बहुत उम्मीदें हैं.

जबलपुर। ऐसा नहीं है कि, सिर्फ बुंदेलखंड में ही सूखे की स्थिति बनती है. महाकौशल का भी बहुत सा क्षेत्र ऐसा है, जहां लोग बूंद- बूंद पानी के लिए परेशान होते हैं. जबलपुर की सिहोरा विधानसभा के कुंडम इलाके में किसान और आमजन पानी के लिए सालों से जूझ रहे हैं. ऐसे में अब जल संसाधन विभाग इस क्षेत्र को पानी- पानी करने में जुटा हुआ है. विभाग का दावा है कि, डैम बनने के बाद कुंडम दूसरा पंजाब बन जाएगा. हालांकि पूर्व विधायक ने जल संसाधन विभाग के दावे पर आपत्ति जताई है.

आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में बन रहा बांध
हिरण नदी पर बन रहा बांध, किसानों के लिए साबित होगा वरदान

सिहोरा विधानसभा का कुंडम क्षेत्र आदिवासी बहुल और किसानी वाला इलाका है. 90 फीसदी लोग यहां पर खेती पर ही निर्भर हैं, लेकिन खेती के लिए पानी की कमी यहां के लोगों के लिए कई सालों से परेशानी का सबब बनी हुई है. ऐसे में अब जल संसाधन विभाग के द्वारा बनाए जा रहे कुंडम में करीब 40 करोड़ की लागत का ये बांध बहुत ही उपयोगी साबित होगा. जल संसाधन के कार्यपालन यंत्री का कहना है कि, जब ये बांध बन जाएगा तो हजारों किसानों को भरपूर पानी मिलेगा. विभाग का तो ये भी दावा है कि कुंडम न सिर्फ दूसरा पंजाब खेती के मामले में सिद्ध होगा, बल्कि यहां पीने के पानी की भी कमी दूर हो जाएगी.


पूर्व विधायक ने बताया अनियमितताओं से भरा हुआ है बांध

पूर्व विधायक नन्हे लाल धुर्वे की माने तो कुंडम में अगर बदुआ बांध बन रहा है, तो ये खुशी की बात है, निश्चित रूप से खेती के साथ-साथ पीने के पानी की उपलब्धता भी होगी, लेकिन इस बांध में कुछ अनियमितता भी सामने आ रही है. बांध में पानी रोकने के लिए जरूरी है काली मिट्टी का होना, लेकिन जिस जगह बांध बन रहा है, वहां काली मिट्टी की जगह पीली मिट्टी भरपूर मात्रा में निकल रही है जो कि बांध के लिए सही नहीं है. कहा जा रहा है कि प्रदेश सरकार और जल संसाधन विभाग ने स्थान चिन्हित करने में लापरवाही बरती है. वहीं जिस जगह बांध बन रहा है, वहां पर कुछ स्थान वन विभाग का भी है, जिसके लिए अभी तक वन विभाग ने अनुमति नहीं दी है.

कुछ इस तरह है बांध की रूपरेखा

  • हिरन नदी में बन रहा है बदुआ बांध
  • बांध बनाने में करीब 40 करोड़ की आ रही है लागत
  • बांध का डूब क्षेत्र है करीब 227 हेक्टयर
  • कटनी के 15 तो जबलपुर के 54 गांव की जमीनें होगी सिंचित
  • बांध बनने के बाद 8125 हेक्टयर क्षेत्र होगा सिंचित

जबलपुर जिले का कुंडम क्षेत्र शुरू से ही किसानों के लिए अभिशाप साबित हुआ है. पठार क्षेत्र होने के कारण सैकड़ों सालों से किसानों के लिए पानी की समस्या यहां बनी हुई है. ऐसे में अगर बदुआ बांध बन कर तैयार हो जाता है, तो ना सिर्फ खेती के लिए पानी मिलेगा, बल्कि पीने के पानी भी भरपूर मात्रा में होगा. बहरहाल देखना ये होगा कि, आने वाले समय में कहीं ये बांध भी भ्रष्टाचार की चपेट में ना आ जाए, क्योंकि इस बांध से यहां रहने वाले आदिवासी और किसानों को बहुत उम्मीदें हैं.

Last Updated : Jun 23, 2020, 6:14 PM IST
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