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अस्पताल का कारनामा! बिना बताए मरीजों को किया भर्ती, पुलिस को सूचना दिए बगैर सौंपा शव - has come to fore Siddhi Vinayak Hospital

सिद्धि विनायक अस्पताल के कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीज को बिना परिजन को बताए, अपने अस्पताल ले आए और उसका इलाज करना शुरू कर दिया.

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अस्पताल का कारनामा
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Published : Jun 15, 2021, 7:03 PM IST

Updated : Jun 15, 2021, 7:22 PM IST

जबलपुर। सिद्धि विनायक अस्पताल का एक नया कारनामा सामने आया है. सिद्धि विनायक अस्पताल के कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीज को बिना परिजन को बताए, अपने अस्पताल ले आए और उसका इलाज करना शुरू कर दिया. दो दिन बाद मरीज की मौत हो जाती है तो अस्पताल संचालक बिना पुलिस को सूचना दिए, शव को परिजनों को सौंप दिया.

अस्पताल का कारनामा!

सिद्धि विनायक अस्पताल पर संगीन आरोप

मृतक के बेटे ने बताया कि चरण सिंह का एक्सीडेंट 29 मई को ग्राम धनवाही में मालवाहक ऑटो से हो गया था. मृतक के बेटे ने 108 एम्बुलेस में उसे घायल अवस्था में लाकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया. जहां उसका इलाज चल रहा था. रात में सिद्धि विनायक हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने आकर उसे डिस्चार्ज कराकर अपने अस्पताल में एडमिट करा दिया. जहां पर उसका ठीक ढंग से इलाज नहीं हुआ. इलाज में घोर लापरवाही के कारण ही मृत्यु हुई है.

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बिना पोस्टमार्टम के दे दी बॉडी

शिकायतकर्ता का कहना है कि निजी अस्पताल सिद्धि विनायक के द्वारा बिना पोस्टमार्टम किये उसकी डेड बॉडी सौंप दी. जबकि एक्सीडेट केस में मृतक का पोस्टमार्टम होना जरुरी रहता है. निजी अस्पताल के द्वारा घोर लापरवाही की गयी. एक गरीब आदिवासी परिवार के साथ धोखा किया गया है.

Siddhi Vinayak Hospital
सिद्धि विनायक अस्पताल

मौत के बाद आधार कार्ड लेने आए गांव

मृतक के बेटे का आरोप है कि सिद्धि विनायक अस्पताल ने एक तो जबरन अपने अस्पताल में हमारे परिजनों को भर्ती करवाया और उसके बाद जब उनकी मौत हो गई तो पिता का आधार कार्ड लेने गांव तक आ गए पर परिजनों ने आधार कार्ड देने से मना कर दिया.

जबलपुर। सिद्धि विनायक अस्पताल का एक नया कारनामा सामने आया है. सिद्धि विनायक अस्पताल के कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीज को बिना परिजन को बताए, अपने अस्पताल ले आए और उसका इलाज करना शुरू कर दिया. दो दिन बाद मरीज की मौत हो जाती है तो अस्पताल संचालक बिना पुलिस को सूचना दिए, शव को परिजनों को सौंप दिया.

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सिद्धि विनायक अस्पताल पर संगीन आरोप

मृतक के बेटे ने बताया कि चरण सिंह का एक्सीडेंट 29 मई को ग्राम धनवाही में मालवाहक ऑटो से हो गया था. मृतक के बेटे ने 108 एम्बुलेस में उसे घायल अवस्था में लाकर मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया. जहां उसका इलाज चल रहा था. रात में सिद्धि विनायक हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने आकर उसे डिस्चार्ज कराकर अपने अस्पताल में एडमिट करा दिया. जहां पर उसका ठीक ढंग से इलाज नहीं हुआ. इलाज में घोर लापरवाही के कारण ही मृत्यु हुई है.

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बिना पोस्टमार्टम के दे दी बॉडी

शिकायतकर्ता का कहना है कि निजी अस्पताल सिद्धि विनायक के द्वारा बिना पोस्टमार्टम किये उसकी डेड बॉडी सौंप दी. जबकि एक्सीडेट केस में मृतक का पोस्टमार्टम होना जरुरी रहता है. निजी अस्पताल के द्वारा घोर लापरवाही की गयी. एक गरीब आदिवासी परिवार के साथ धोखा किया गया है.

Siddhi Vinayak Hospital
सिद्धि विनायक अस्पताल

मौत के बाद आधार कार्ड लेने आए गांव

मृतक के बेटे का आरोप है कि सिद्धि विनायक अस्पताल ने एक तो जबरन अपने अस्पताल में हमारे परिजनों को भर्ती करवाया और उसके बाद जब उनकी मौत हो गई तो पिता का आधार कार्ड लेने गांव तक आ गए पर परिजनों ने आधार कार्ड देने से मना कर दिया.

Last Updated : Jun 15, 2021, 7:22 PM IST
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