इंदौर। स्वच्छ सर्वेक्षण अवार्ड में एक बार फिर इंदौर ने बाजी मारी है. लगातार 6 बार देश के 'सबसे स्वच्छ शहर' का खिताब हासिल किया है. इंदौर सफाई के मामले में देश में नंबर वन शहर बना हुआ है. 61 वें नंबर से अव्वल आने तक की इंदौर की कहानी किसी मिशन से कम नहीं है. इस साल छटवीं बार इंदौर फिर से सफाई के आकाश में ध्रुव तारा बनकर चमका है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 1 अक्टूबर 2022 को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में आज़ादी@75 स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के सबसे स्वच्छ राज्यों और शहरों को सम्मानित किया.
160 से अधिक पुरस्कार प्रदान किए गए: पुरस्कार समारोह में केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी, आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर, शहरी विकास मंत्री और देशभर के महापौर सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए. इस दौरान विभिन्न श्रेणियों में 160 से अधिक पुरस्कार प्रदान किए गए. इस कार्यक्रम में राज्य और शहर के प्रशासक, क्षेत्रीय साझेदार, विषय विशेषज्ञों के साथ-साथ युवा संगठन, स्वच्छता कार्यकर्ता, उद्योग प्रतिनिधि, स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र के स्टार्टअप, शैक्षणिक संस्थान, गैर-सरकारी संगठन और सीएसओ सहित लगभग 1,800 अतिथियों ने भागीदारी की. इस समारोह का सीधा प्रसारण देखने हेतु नागरिकों के लिए शहरों के प्रमुख स्थानों पर स्क्रीन भी लगाई गई.
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बधाइयां! शुभकामनाएं! अभिनंदन!
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 1, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
गर्व है मुझे स्वच्छता के शिखर पर सुशोभित इंदौर पर,
गर्व है मुझे इंदौर की जनता पर।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव प्राप्त करने पर देवतुल्य जनता, समस्त जनप्रतिनिधियों एवं टीम एमपी के सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई। https://t.co/RVo6iGpbfL
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— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 1, 2022
गर्व है मुझे स्वच्छता के शिखर पर सुशोभित इंदौर पर,
गर्व है मुझे इंदौर की जनता पर।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव प्राप्त करने पर देवतुल्य जनता, समस्त जनप्रतिनिधियों एवं टीम एमपी के सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई। https://t.co/RVo6iGpbfLबधाइयां! शुभकामनाएं! अभिनंदन!
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 1, 2022
गर्व है मुझे स्वच्छता के शिखर पर सुशोभित इंदौर पर,
गर्व है मुझे इंदौर की जनता पर।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव प्राप्त करने पर देवतुल्य जनता, समस्त जनप्रतिनिधियों एवं टीम एमपी के सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई। https://t.co/RVo6iGpbfL
नगर निगम और सफाई कर्मियों की मेहनत सफल: अब तक इंदौर को सफाई में नंबर वन का पुरस्कार मिला है. इसके पीछे इंदौर नगर निगम और सफाई मित्रों की दिन-रात की मेहनत है. पुरस्कारों की घोषणा आज 1 अक्टूबर को हुई. सफाई में नंबर वन का पुरस्कार तो मिला ही, साथ में सफाई मित्र चैलेंज पुरस्कार और फाइव स्टार कैटेगरी का पुरस्कार भी मिला. सरकार द्वारा हर साल सेवन स्टार रैंकिंग दी जाती है. इस बार फाइव स्टार दिए जाएंगे. सफाई मित्र चैलेंज पुरस्कार के तहत करोड़ रुपये की राशि मिलेगी.
इंदौर को स्वच्छ बनाने सालाना 50 करोड़ का खर्च: इंदौर को स्वच्छ बनाने सालाना 50 करोड़ का खर्च शहर की स्वच्छता के लिए इंदौर नगर निगम 'आत्मनिर्भर' बन चुका है. पहली बार इंदौर नगर निगम को गाड़ियां खरीदने और ट्रांसफर स्टेशन बनाने के कारण कचरा प्रबंधन पर 160 करोड़ खर्च करना पड़े थे. लेकिन इसके बाद से यह खर्च घटकर 50 करोड़ रूपए सालाना हो गया है. पिछले साल 90% कचरा प्रबंधन शुल्क वसूला, जो 45 करोड़ था. गीले कचरे की गुणवत्ता 95% है, ऐसा जर्मनी में भी नहीं.
इंदौर में सफाई काम नहीं, मिशन है: इंदौर लगातार 5 बार देश का सबसे साफ सुथरे शहर का तमगा जीत चुका है. छटवीं बार फिर से अव्वल आया है. कचरे के पहाड़ को साफ करके जिस तरह इंदौर सफाई में नंबर वन बना है, वो एक मिसाल है. 2011-12 में इंदौर सफाई के मामले में 61वें नंबर पर था. चार साल बाद 2015 में इंदौर 25 वें पायदान पर आ गया. उसके बाद इंदौर ने इतिहास रचना शुरू किया और तब से लेकर अभी तक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर के सिर पर सफाई का ताज कायम है.
घर-घर से कचरा उठाया, नंबर वन का ताज पहनाया: 2017 में सफाई व्यवस्था का मैनेजमेंट यानि प्रबंधन सुधारने का काम शुरु हुआ. पहली बार घर-घर जाकर कचरा उठाने के लिए प्लानिंग बनीं. उस वक्त शहर में जगह जगह कचरा पेटियां होती थी. उसके आसपास कचरे का ढेर जमा होता था. सबसे पहले इन्हीं कचरा पेटियों को हटाया. इनकी जगह घर से कचरा उठाने के लिए आधुनिक मशीनें और गाड़ियां तैयार की गईं. कॉलोनियों से दिन में एक बार, व्यावसायिक इलाके से दिन में दो बार कचरा इकट्ठा किया जाने लगा. शहर में 10 जगहों पर ट्रांसपोर्ट स्टेशन बनाए गए, जहां से सारा कचरा ट्रेंचिंग ग्राउंड पर पहुंचाना शुरू हुआ. 2017 में इंदौर शहर पूरी तरह से कचरा पेटी मुक्त हो चुका था. 100% कचरे का डोर टू डोर कलेक्शन किया जा रहा था. साथ में जागरूकता अभियान भी चल रहा था.
इच्छाशक्ति से सबकुछ मुमकिन हुआ: इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं. नगर निगम ने शहर में कचरे के पहाड़ को पूरी तरह से खत्म कर दिया. इंदौर का देश में इतना नाम हुआ कि दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर ने भी इंदौर नगर निगम से संपर्क किया. दिल्ली में कचरे के पहाड़ को खत्म करने के टिप्स मांगे. इस समय तक इंदौर नगर निगम के पूर्व आयुक्त आशीष सिंह देशभर में हिट हो चुके थे. आशीष सिंह को टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति में भी बुलाया गया. पूरे देश में इंदौर का डंका बज रहा था. इंदौर ने स्वच्छता सर्वेक्षण में इस साल भी रिकॉर्ड कायम किया है. योजनाओं को सही समय पर सही तरीके से अमलीजामा पहनाया है. खास बात ये है, कि जब भी केंद्रीय दल कोई नया नियम स्वच्छता सर्वेक्षण में लाया है, तो इंदौर उसे तुरंता अपना लेता है और जुट जाता है अपने मिशन में. यही अप्रोच इंदौर को अलग बनाती है और सबसे सफल भी.